रक्सौल: बाबा साहेब के 67वीं महापरिनिर्वाण दिवस पर सैकड़ों बच्चों के बीच पठन- पाठन सामग्री का वितरण, कांग्रेस ने दिया पुष्पांजलि
रक्सौल। अनिल कुमार। बुधवार को शहर के बड़ा परेउवा वार्ड संख्या 17 के आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 156 पर दलित प्रकोष्ठ के युवा अध्यक्ष आकाश रंजन के अध्यक्षता में सैकड़ों बच्चों को पठन- पाठन सामग्री का वितरण किया गया।
बिहार प्रदेश युवा कांग्रेस के पूर्व महासचिव सह नगर प्रतिनिधि रक्सौल सदस्य बिहार विधान परिषद क्षेत्र संख्या 12 के प्रोफेसर अखिलेश दयाल ने संविधान निर्माता डॉ बाबासाहेब अम्बेडकर के महान व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बाबा साहेब लोकप्रिय भारतीय बहुज्ञ, विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री,राजनीतिज्ञ महान समाज सुधारक और दलित बौद्ध आन्दोलन सुधारक थे। उन्होंने दलित बौद्ध आन्दोलन को प्रेरित किया और अछूतों से समाजिक भेदभाव के विरुद्ध अभियान चलाया श्रमिकों, किसानों और महिलाओं के अधिकारों का समर्थन किया।
पूर्व महासचिव सह नगर प्रतिनिधि ने कहा कि कोलंबिया विश्वविद्यालय से 1915 और 1916 में क्रमशः एम.ए. और पीएचडी की डिग्री प्राप्त की बाद में लंदन चले गए।1916 में भारत में जातियां उनका तंत्र उत्पत्ति और विकास पर निबंध पढ़ा 1916 में उन्होंने भारत के लिए राष्ट्रीय लाभांश एवं ऐतिहासिक विशेषाणात्मक अध्ययन पर अपना थिसिस लिखा।1924 में इंग्लैंड से वापस आने के बाद उन्होंने दलित लोगों के कल्याण के लिए एक ऐसोसिएशन की शुरुआत की 1928 में गवर्नमेंट कॉलेज आफ़ लाॅ के प्रोफेसर बने।
युवा कांग्रेस के प्रखंड अध्यक्ष प्रदीप कुमार गुप्ता ने कहा कि 1935 में दलित वर्गों का एक प्रांतीय सम्मेलन नासिक जिले के येवला में आयोजित किया 1936 में दलित वर्गों के हितों के लिए से
स्वतंत्र लेबर पार्टी का गठन किया। सन् 1938 में कांग्रेस ने अछूतों के नाम में बदलाव करने वाला एक विधेयक प्रस्तुत किया।
युवा कांग्रेस के नगर अध्यक्ष अमन कुमार ने कहा कि 1947 में पंडित जवाहरलाल नेहरू की प्रथम कैबिनेट में कानून एवं न्याय मंत्री बने 14 अक्टूबर 1956 को उन्होंने नागपुर के समारोह में बौद्ध धर्म अपना लिया।
अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ अध्यक्ष जिशान अंसारी ने कहा कि बाबासाहेब उन्होंने भारत की स्वतंत्रता संग्राम में अग्रणी भूमिका निभाई और स्वतंत्रता के बाद समाजिक सुधारों में निरंतर कार्य करते रहे।
व्यवसायिक प्रकोष्ठ अध्यक्ष रीतेश कुमार ने कहा कि बाबासाहेब ने दो वर्ष ग्यारह महीने अठारह दिनों में भारतीय संविधान को लिख डाला।
विधि प्रकोष्ठ अध्यक्ष प्रभंजन कुमार ने कहा कि बाबासाहेब ने देश को सम्बोधित करते हुए कहा कि शिक्षित बनों संघर्ष करों संगठित रहों।
उक्त कार्यक्रम में कमल देवी, अफसाना खातुन, अफरोज आलम, शाहिद आलम, विवेक कुमार, मुकेश कुमार, लड्डू कुमार, मनोज कुमार, महेश कुमार, अलीराज अंसारी, दीपेन्द्र कुमार, सहित अनेकों लोग उपस्थित थे।