नमामि गंगे परियोजना के केंद्रीय व राज्य स्तरीय टीम रक्सौल पहुंच सरिसवा नदी का किया निरीक्षण
रक्सौल। अनिल कुमार। नेशनल मिशन फॉर क्लीन इंडिया के साइंटिस्ट डॉ रघुवंशी के नेतृत्व में बिहार राज्य प्रदूषण बोर्ड के सदस्य तथा नमामि गंगे परियोजना के केंद्रीय व राज्य स्तरीय टीम रक्सौल पहुंच सरिसवा नदी का निरीक्षण कर जल से नदी का जल संग्रह किया। नेपाल से भारत मे प्रवेश करने वाली सरिसवा नदी का पंटोका, कस्टम कार्यालय के पास, छठिया घाट, पिपरा घाट व कोइरिया टोला आदि स्थलों पर जाकर नदी एव नगर से निकलने वाले नालों से गिर रहे अवशिष्टों को देखा व जल का सैम्पल लिया। रक्सौल पहुची टीम को स्थानीय लोगों ने प्रदूषित नदी से होने वाली परेशानियों से अवगत कराया।
विगत वर्षों से सरिसवा नदी को स्वच्छ करने को लेकर सरिसवा नदी बचाव आंदोलन के द्वारा आंदोलन भी किया गया। आंदोलन के महासचिव मनीष दुबे ने बताया कि नेपाल में सरिसवा नदी को लेकर बनाई गई रितेश त्रिपाठी की रिपोर्ट भी डॉ रघुवंशी को दी गई है। वही नदी के कारण हो रही बीमारियों से भी अवगत कराया गया है। साथ ही जनजीवन एव विभिन्न प्रकार के जीवों पर पड़ रहे दुष्प्रभाव से अवगत कराया गया। वही डॉ रघुवंशी ने कहा कि हम यथाशीघ्र स्थाई समाधान का हल निकालने का प्रयास करेंगे। टीम के साथ सरिसवा नदी बचाव आंदोलन के सदस्य राकेश कुशवाहा, सुरेश कुमार, गुड्डू सिंह और श्रीराम शर्मा आदि उपस्थित थे।
सिर्फ नेपाल के कल कारखाने ही नही नगर के गंदे पानी भी नदी को कर रही प्रदूषित
जांच टीम ने बताया कि सिर्फ नेपाल से कल कारखाने से निकलने वाले विषैले कैमिकल ही नही बल्कि रक्सौल शहर के नालों से निकलने वाली प्रदूषित जल भी नदी को प्रदूषित कर रही है। हालांकि छठ पूजा के दौरान नेपाल के कल कारखानों के बंद रहने के चलते इन दिनों सरिसवा नदी का पानी साफ है।
लेकिन स्थानीय लोगों ने बताया कि तीन से चार दिनों में नदी का पानी काला हो जाएगा व उसके बदबू से नदी किनारे बसे लोगों का रहना दूभर हो जाएगा। वही जांच करने पहुची टीम ने बताया कि सरिसवा नदी अन्य नदियों में मिलकर गंगा नदी में जाकर मिलती है। इसलिए इस नदी का साफ होने जरूरी है। वही सेम्पल के लिए सरिसवा नदी का जल ले जाया जा रहा है। जांच के बाद इससे आगे की कारवाई की जाएगी।