बिहार
रक्सौल: नगरपरिषद की सरकारी खाते से राशि गबन करने का प्रयास, प्राथमिकी दर्ज
By Deshwani | Publish Date: 27/11/2023 11:11:27 PMरक्सौल। अनिल कुमार। नगरपरिषद की सरकारी खाते से राशि गबन करने के प्रयास का मामला प्रकाश में आया है। हालांकि इसका पता चलते ही कार्यपालक पदाधिकारी अनुभूति श्रीवास्तव द्वारा बैंक को मैसेज कर राशि की निकासी पर रोक लगा दी है। जिससे वित्तिय अनियमितता व साइबर क्राइम की चर्चा शहर में तेज है। इस मामले में कम्प्यूटर ऑपरेटर अजीत श्रीवास्तव के द्वारा साइबर थाना में प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई है। जिसमें एक अन्य ऑपरेटर आशीष कुमार को नगर परिषद के कंप्यूटर से विभागीय पोर्टल के अवैध लॉगिंग और ओटीपी जनरेट करने का आरोप लगाया गया है। इस अवैध गतिविधि के जरिए आशीष पर अवैध रूप से चार बार बैंक ट्रांजैक्शन का प्रयास का आरोप लगा है।
जिसकी राशि करीब ढाई करोड़ की बताई जा रही है जो रक्सौल स्थित केनरा बैंक ब्रांच से संबंधित होने की सूचना है। हालांकि उक्त भुगतान के बाद बैंक खाते पर होल्ड लगा दी गई है ताकि भुगतान नहीं हो पाये। आवेदक अजीत कुमार उर्फ गुड्डू ने कहा कि वह छुट्टी पर थे और जब 24 नवंबर को छुट्टी से लौटे तो छेड़छाड़ और ईमेल पर मैसेज आने का पता लगा। जिसकी सूचना कार्यालय को दी गई। विभागीय सूत्रों ने बताया कि इस मामले की विभाग द्वारा जांच की गई है और कंप्यूटर ऑपरेटर आशीष से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
बाद में आशीष के खिलाफ प्राथमिक की दर्ज कराई गई। साइबर थाना के थानाध्यक्ष उपेंद्र कुमार ने बताया कि प्राथमिक की दर्ज कर ली गई है और जांच की जा रही है। विभागीय जांच के बाद ही प्राथमिक दर्ज कराई गई है। जिसमें कंप्यूटर ऑपरेटर आशीष कुमार समेत अन्य कार्मिक को आरोपित किया गया है। उन्होंने बताया कि इस मामले में भुगतान नहीं हुआ है लेकिन अनाधिकृत लॉगिन कर छेड़छाड़ और ट्रांजैक्शन के प्रयास का आरोप है। जबकि कार्यपालक पदाधिकारी अनुभूति श्रीवास्तव ने बताया कि कंप्यूटर ऑपरेटर आशीष कुमार पोर्टल हैंडल के लिए अधिकृत थे, हालांकि कोई लेनदेन नहीं हुआ है लेकिन पोर्टल से ट्रांजैक्शन की नियमित छेड़छाड़ अथवा हैकिंग का प्रयास हुआ है। इसको लेकर साइबर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
वही इस मामले में रक्सौल के सामाजिक कार्यकर्ता नुरुल्लाह खान ने बताया कि बीते तीन दिन पूर्व नगर परिषद के पीएफएमएस अकाउंट से करोड़ों रुपए ट्रांजैक्शन किया गया है। लेकिन मामला लीक होने के बाद एक ऑपरेटर को बली का बकरा बनाया जा रहा है उन्होंने बताया कि मैंने डीएम को ई मेल के जरिये शिकायत की है इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए।