छपरा। सारण जिले के हरिहर क्षेत्र का प्रसिद्ध सोनपुर मेला शनिवार से शुरु हो रहा है। 32 दिवसीय हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला इस वर्ष 25 नवंबर से 26 दिसंबर चलेगा। इस मेले के लिए तैयारियां पूरी कर ली गयी है। सारण के जिलाधिकारी अमन समीर ने इस संबंध में बैठक कर अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंप दी है।
मेला का आयोजन पर्यटन विभाग व सारण जिला प्रशासन संयुक्त रूप से करता है। सोनपुर मेला, एशिया के सबसे बड़े पशु मेलों में से एक है, जो दो शक्तिशाली नदियों, गंगा और गंडक के संगम पर आयोजित किया जाता है। पशुधन के व्यापार के लिए प्राचीन युग से लोकप्रिय, यह एक महीने तक चलने वाला कार्यक्रम नवंबर के महीने में कार्तिक पूर्णिमा के शुभ अवसर पर होता है। हिंदू श्रद्धालु गंगा और गंडक नदी में पवित्र स्नान के लिए क्षेत्र में आते हैं और पूजा करते हैं।
मेले में सांस्कृतिक और मनोरंजन के कार्यक्रम आकर्षण के केंद्र रहेंगे। इस बार एडवेंचर स्पोर्ट्स के कार्यक्रम भी होंगे आयोजित। राज्य सरकार ने इसे राजकीय मेले का दर्जा दिया है। देश के विभिन्न हिस्सों पालतू पशुओं के विक्रेता और खरीददार इस मेले में आते हैंइसके अलावा कलाकृतियों, दैनिक उपयोग के सामान और कृषि यंत्रों की भी बिक्री बड़े पैमाने पर की जाती है।
अलग-अलग मान्यताओं वाले विभिन्न पंथ्यों के साधु संत भी सोनपुर पहुंचने लगे हैं, बिहार के कई जिलों सहित दूसरे राज्य के मठ, मंदिरों और अखाड़े से साधु, नागा साधु, संत का आगमन हो रहा है. इनमें नेपाल, गया, खगड़िया अखाड़ा, निर्वाणी अखाड़ा मकेर, दिगंबर अखाड़ा बगहा सहित अन्य अखाड़े से भी दिग्गज साधुओं का आना जारी है।
सोनपुर में पहुंचे मठाधीश, अखाड़ा के महंत अपने शिष्यों के साथ मेला में पहुंचे है. खास बात यह है कि कई ऐसे शिष्य हैं जिनको साधु संतु और मठाधीशों के द्वारा सोनपुर मेला में दीक्षा दिया जाएगा और फिर उन्हें परंपरागत शिष्य का दर्जा मिल जाएगा. नियमानुसार पहले दीक्षा लेने वाले शिष्यों के लिए भंडारा का आयोजन कराया जाएगा।