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कृत्रिम हाथ ने दिया ज्योति को नया जीवन
By Deshwani | Publish Date: 2/2/2018 11:43:14 AMभोपाल (हि.स.)। हमारे जीवन के प्रतिदिन के कामकाज में हाथों की महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रात: उठकर दांत साफ करने से लेकर नहाने, खाने, पढऩे लिखने, वाहन चलाने तथा अन्य काम हाथों के द्वारा ही होते हैं। लेकिन हाथों में यदि जन्म जात विकृति हो तो जीवन कठिन हो जाता है। मनगवां की 15 वर्षीय दिव्यांग ज्योति गुप्ता भी दाहिने हाथ में जन्म से खराबी से पीडि़त है पर ज्योति को कृत्रिम हाथ से इस कठिनाई से मुक्ति मिली है। उसे कृत्रिम हाथ ने नया जीवन प्रदान किया है।
ज्योति गुप्ता रीवा जिले की मनगवा कस्बे की निवासी है। वह दिव्यांग होने के बावजूद बड़ी लगन के साथ कक्षा 10वीं की पढ़ाई कर रही है। उसके पिता महादेव गुप्ता अपनी थोड़ी सी जमीन पर खेती करके परिवार का उदर पोषण कर रहे है। रीवा जिले में 20 जनवरी को राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा विधिक साक्षरता शिविर आयोजित किया गया। शिविर के साथ सामाजिक न्याय विभाग द्वारा दिव्यांग लाभान्वित हुये। ज्योति भी अपने पिता के साथ शिविर में नया हाथ लगने की उम्मीद लेकर पहुंची। शिविर में भगवान महावीर सेवा संस्थान के कुशल डाक्टरों ने ज्योति की जांच कर उन्हें उपयुक्त कृत्रिम हाथ लगा दिया। हाथ लगने की खुशी ज्योति के चेहरे पर छलक रही थी। अब वह कृत्रिम हाथ से छोटे मोटे कार्य करने लगी है। अब पानी का गिलास पकडऩा या पेन पकडऩा भी उसके लिये नया अनुभव है। एक कृत्रिम हाथ ने दिव्यांग ज्योति के जीवन में प्रकाश भर दिया है। वह उच्च शिक्षा प्राप्त कर चिकित्सक बनना चाहती है।