पटना
स्कूल के पाठ्यक्रमों में शामिल होनी चाहिए वीर कुंवर सिंह की जीवनी : नीतीश कुमार
By Deshwani | Publish Date: 25/4/2018 7:49:43 PM पटना। बिहार की राजधानी पटना में आयोजित वीर कुंवर सिंह विजयोत्सव के समापन समारोह में बोलते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि वीर कुंवर सिंह जैसे व्यक्तित्वों की जीवनी और स्कूल के पाठ्यक्रमों में भी शामिल होना चाहिए। नयी पीढ़ी को ऐसे व्यक्तित्वों के बारे में जानकारी देने का मकसद समाज में प्रेम, सद्भावना और भाईचारा का माहौल बनाना और आत्मबल बढ़ाना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हार्डिंग पार्क का नाम बदलकर वीर कुंवर सिंह आजादी पार्क कर दिया गया है।
इस अवसर पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी के बारे में कहा कि उससे निकले निष्कर्षों से डॉक्यूमेंट तैयार किया जाये जिसकी बातों को जगह-जगह लिखवाया जायेगा। उसे पढ़कर लोगों को व्यक्तित्वों के बारे में जानकारी मिल सकेगी। 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में कुंवर सिंह के जगदीशपुर से निकलकर देश के अन्य नेताओं से मुलाकात और युद्धों का नेतृत्व करते हुये लांग मार्च की उन्होंने बहुत तारीफ की। पर्यावरण संरक्षण के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बहुत आवश्यक है। बिहार में वर्षापात इस समय 1000 मिमी से नहीं बढ़ा है जबकि यहां सामान्य रूप से 1200-1500 मिमी बारिश होती थी। गंगा पर काम करने की जरूरत है। महात्मा गांधी के कथन का जिक्र करते हुये उन्होंने कहा कि पृथ्वी आपकी जरूरत पूरी कर सकती है, लालच नहीं।
उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि यदि वर्ष 1857 में बाबू कुंवर सिंह ने आजादी की लड़ायी नहीं छेड़ी होती तो शायद वर्ष 1947 में देश आजाद नहीं होता। बिहार सर्वाधिक संघर्षशील और जुझारू राज्य है। यहां के लोगों ने आजादी की लड़ायी से लेकर आपातकाल के जुल्म और अन्याय के खिलाफ संघर्ष में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है, हालांकि इसके लिए बिहार को कीमत भी चुकानी पड़ी। राज्यसभा सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह ने बाबू वीर कुंवर सिंह कुशल प्रशासक थे। उन्हें सभी वर्गों का जनसमर्थन हासिल था। उनसे यह सीख मिलती है कि जिनके हाथों में सत्ता की कुंजी हो उनकी दृष्टि व्यापक हो। इतिहास की रचना ठीक तरीके से हो जिससे कि भावी पीढ़ी को प्रेरणा मिलेगी।