राष्ट्रीय
डीएआरपीजी ई-सेवाओं की डिलीवरी बढ़ाने के लिए आरटीएस कमिशनर्स के साथ समन्वय करेगा
By Deshwani | Publish Date: 9/10/2023 11:18:32 PMदिल्ली। प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) ने देश में ई-गवर्नेंस और ई-सेवा वितरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से "नेशनल ई-गवर्नेंस सर्विस डिलीवरी असेसमेंट (एनईएसडीए) वे फॉरवर्ड" के अनुरूप विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के राइट टू सर्विस (आरटीएस) कमिशनर्स के साथ दूसरी बैठक 9 अक्टूबर, 2023 को बुलाई।
आरटीएस मुख्य आयुक्तों को विभाग द्वारा किए गए "एनईएसडीए वे फॉरवर्ड" के बारे में भी जागरूक किया गया। विभाग द्वारा राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लिए छह एनईएसडीए वे फॉरवर्ड मासिक रिपोर्ट जारी की गई हैं। रिपोर्ट एनईएसडीए- वे फॉरवर्ड डैशबोर्ड पर राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा प्रदान की जाने वाली ई-सेवाओं और अनिवार्य ई-सेवाओं की संख्या के लिए बेस लाइन निर्धारित करती है। यह फेसलेस, सुओ-मोटो डिलीवरी और एकीकृत सेवा डिलीवरी पोर्टल की स्थिति को भी रेखांकित करता है।
इसके अलावा, रिपोर्ट सेक्टर-वार ई-सेवाओं का आकलन और तुलना करती है और ऑफ़लाइन सेवाओं को ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर बदलने के लिए राज्य-विशिष्ट अवसरों पर प्रकाश डालती है। अगस्त की रिपोर्ट की प्रमुख मुख्य बातें यह थीं कि राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के विभाग 14,736 ई-सेवाएँ प्रदान करते हैं, जिनमें से जम्मू और कश्मीर (1028) अधिकतम संख्या में ई-सेवाएँ प्रदान करता है। इसके अलावा, 2,016 अनिवार्य ई-सेवाओं में से 1,505 उपलब्ध हैं, जिससे संतृप्ति 74.6 प्रतिशत हो गई है। जम्मू और कश्मीर, केरल और ओडिशा ने अपनी 100 प्रतिशत सेवाएँ क्रमशः अपने पहचाने गए एकल एकीकृत सेवा वितरण पोर्टल यानी ई-यूएनएनएटी, ई-सेवानम और ओडिशा वन के माध्यम से प्रदान की हैं।