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सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, निर्भया कांड के तीनों दोषियों की फांसी बरकरार
By Deshwani | Publish Date: 9/7/2018 3:01:41 PM
सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, निर्भया कांड के तीनों दोषियों की फांसी बरकरार

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले में तीन दोषियों के मौत की सजा संबंधी दायर समीक्षा याचिका पर फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट का फैसला बरकरार रखा है। इस केस के चार आरोपियों में से तीन की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज करते हुए उनकी फांसी की सजा बरकार रखी है। फैसले से पहले निर्भया का परिवार अपने वकील के साथ कोर्ट में पहुंचा था। निर्भया के माता-पिता ने कड़ी से कड़ी सजा देने की अपील की थी।

सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारिज करते हुए कहा कि समीक्षा याचिका पर उस वक्त गौर किया जाता है जब उसमें कोई ऐसा बिंदु हो जो पहले अदालत में उठाया न गया हो या उसे नजरअंदाज किया गया हो। इस याचिका में ऐसा कुछ नहीं था, इसलिए अदालत इनकी सजा को बरकरार रखते हुए इन्हें फांसी की सजा देती है।
 ज्ञात हो कि फैसला आने से पहले निर्भया की मां ने कहा है कि उन्हें यकीन है कि कोर्ट न्याय करेगा और उनकी बेटी के साथ हैवानियत करने वालों को जरूर फांसी की सजा मिलेगी।  अब जिस तरह से यह फैसला आ गया है तो निर्भया के माता-पिता जरूर इस फैसले से संतुष्ट होंगे।

निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि, 6 साल हो गए हैं। जैसी वारदात निर्भया के साथ हुई ऐसा आए दिन बच्चियों के साथ हो रहा है, हमारा सिस्टम पूरी तरह से फेल हो गया है। हमें उम्मीद है कि कोर्ट का फैसला हमारे हक में ही आएगा और हमें न्याय मिलेगा। वहीं इससे पहले निर्भया के पिता बद्रीनाथ सिंह ने कहा कि, उन्होंने प्रधानमंत्री से अपील की है कि महिलाओं और बच्चियों के साथ होने वाली अमानवीयता के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
 चार दोषियों में शामिल अक्षय कुमार सिंह (31) ने शीर्ष कोर्ट के पांच मई 2017 के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर नहीं की है। अक्षय कुमार सिंह के वकील एपी सिंह ने कहा, ‘अक्षय ने अब तक पुनर्विचार याचिका दायर नहीं की है। हम इसे दाखिल करेंगे। दोषियों की फांसी की सजा बरकार। विनय, मुकेश और अक्षय को होगी फांसी। जस्टिस अशोक भूषण ने कहा, 'आपराधिक मामलों में रिव्यू तभी संभव है, जब कानून में कोई स्पष्ट गलती हो।

गौरतलब है कि चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस आर. भानुमति और अशोक भूषण की पीठ मुकेश (29), पवन गुप्ता (22) और विनय शर्मा (23)की याचिका पर फैसला सुना सकती है। मामले में मौत की सजा पाए चौथे आरोपी अक्षय कुमार सिंह (31) ने सुप्रीम कोर्ट के 5 मई 2017 के फैसले के खिलाफ समीक्षा याचिका दायर नहीं की थी। आरोपी के वकील एडवोकेट एपी सिंह ने कहा कि अक्षय ने अभी याचिका दायर नहीं की है। हम इसे दायर करेंगे।
 शीर्ष न्यायालय ने मामले में दिल्ली हाईकोर्ट की तरफ से मौत की सजा को बरकरार रखा था। मालूम हो कि दिल्ली की 23 साल की पैरामेडिकल की छात्रा का 16 दिसंबर 2012 को गैंगरेप के बाद हत्या कर दी गई थी।
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