बुहान। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच दो दिन में 4 दौर की बातचीत हो चुकी है। बातचीत के बाद बॉर्डर पर शांति बहाल करने पर ज़ोर दिया है। इन मुलाकातों से भारत-चीन के रिश्तों में नए दौर का आगाज माना जा रहा है। दोनों देश एक दूसरे पर विश्वास कायम करने के लिए अपनी-अपनी सेनाओं को रणनीतिक गाइडलाइंस जारी करेगी। इसके अलावा दोनों नेताओं ने आतंकवाद के खिलाफ मिलकर काम करने पर जोर दिया है। आज मोदी-जिनपिंग की बातचीत के बाद विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों के बीच 4 दौर की मुलाकात से सकारात्मक बातें निकलकर आई हैं। विदेश मंत्रालय के मुताबिक दोनों देशों के बीच शांतिपूर्ण रिश्तों पर जोर दिया गया।
भारत और चीन सीमा पर तनाव कम करने के लिए और अपनी-अपनी सेना को रणनीतिक दिशा-निर्देश जारी करेंगे। विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा कि सीमा पर विश्वास बहाल करने के लिए और आपसी समझ विकसित करने दोनों देशों के बीच जो बातचीत का चल रही है और वो जारी रहेगी। मोदी और जिनपिंग विशेष प्रतिनिधियों के जरिए तर्कसंगत और पारस्परिक समाधान को खोजने के लिए सहमत हुए हैं। दोनों नेता मानते हैं कि सीमा पर शांति बरकरार रखना जरूरी है।
साथ ही, भारत और चीन के बीच अफगानिस्तान मसले को लेकर अहम बातचीत हुई। भारतीय विदेश सचिव विजय गोखले ने बताया कि दोनों देश अफगानिस्तान में मिलकर काम करेंगे। अफगान प्रोजेक्ट में दोनों देशों की आर्थिक भागीदारी होगी। दोनों देश अफगानिस्तान में शांति कायम करने और आर्थिक मोर्चे पर मिलकर काम करने पर सहमति जताई है।
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी ने आतंकवाद को दोनों देशों के लिए खतरा माना और इससे निपटने के लिए सहयोग करने की प्रतिबद्धता जताई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग दोनों देशों के बीच रणनीतिक बातचीत को और सुदृढ़ करने पर सहमत हुए। विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा कि दोनों देशों के बीच कई ऐसे क्षेत्रों की पहचान की जा रही है, जहां मिलकर काम किया जा सकता है।
मोदी और शी जिनपिंग व्यापारिक रिश्तों में संतुलन कायम रखने पर सहमत हुए हैं। इसके अलावा दोनों देशों के बीच कल्चरल और पीपल-टु-पीपल रिलेशन को मजबूत करने पर भी बात हुई। विजय गोखले ने कहा कि इस मीटिंग में आध्यात्म, तकनीक, ट्रेड, मनोरंजन और अन्य कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने को लेकर बात हुई। इस बात सहमति बनी कि ज्यादा से ज्यादा भारतीय फिल्में चीन आएं और चीन की फिल्मों को भारत में जगह मिले।
ग्लोबल हेल्थकेयर को लेकर भी दोनों नेताओं के बीच चर्चा हुई है। भारतीय विदेश मंत्रालय के मुताबिक दोनों नेताओं के बीच कुछ क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी बातचीत हुई है। इसके अलावा भारत और चीन के बीच कृषि, टेक्नोलॉजी और टूरिज्म को बढ़ावा देने के साथ-साथ इसे नया आयाम देने पर भी बातचीत हुई।
गौरतलब है कि पीएम मोदी के इस दौरे को लेकर बातचीत का कोई एजेंडा तय नहीं था। ऐसे में उन मुद्दों पर दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई जो दोनों देशों के लिए अहम हैं। हालांकि दोनों नेताओं के बीच कोई समझौता नहीं हुआ है, लेकिन आपसी व्यापार को बढ़ाने पर दोनों नेताओं ने दिलचस्पी दिखाई।
प्रधानमंत्री मोदी ने वुहान में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ नौका विहार किया। इस शिखर वार्ता का मकसद द्विपक्षीय संबंधों में सुधार के लिए आम सहमति बनाना और संबंधों को प्रभावित करने वाले विवादित मुद्दों को सुलझाना है। मोदी के सम्मान में शी की मेजबानी में आयोजित भोज के साथ शिखर वार्ता का समापन हुआ। जिसके बाद प्रधानमंत्री मोदी स्वदेश रवाना हो गए।