दरभंगा कार्यालय।
पूरी अक़ीदतमन्दी और हर्षोल्लास पूर्वक दरभंगा में मनाया गया ईद मिलादुन्नबी। इस्लाम धर्म के संस्थापक रसूल ए खुदा हजरत मोहम्मद सल्लाहो अलैहवसल्लम की यौम ए पैदाइश के मौके बारह रबीउल अव्वल को निकाला गया पारम्परिक जुलूस ए मोहम्मदी।
दरभंगा में अपने रवायती अंदाज में जशन-ए-ईद मिलादुन्नबी मनाया गया। इस मौके पर मुकामी अंजुमन खुदा ए मिल्लत किला घाट के तत्वावधान में पारम्परिक जुलूस ए मोहम्मदी निकाला गया। जिसमें सैकड़ों की तादाद में गाड़ियों वह हजारों की तादाद में मुस्लिम समाज के श्राधालुओं ने हिस्सा लिया। जो सुबह बाद नमाज फज्र किला घाट से निकल कर नीम चौक, उर्दू, करम गंज, इमामबाड़ा, दारु भट्टी लाइट हाउस, नाका 6, नाका 5, होते हुए पूरे शहर का भ्रमण करते हुये किला घाट स्थित मदरसा हमीदिया के मैदान में खत्म किया गया।
इस जुलुस का जहां शहर भर में लोगों द्वारा इस्तकबाल करते हुये मिठाइयां बाटी गयी। जुलूस में शामिल लोगोंं शरबत पिलाया गया। वहीं जगह-जगह लोगों ने लंगर भी आयोजित किया। लोगों ने एक दूसरे को ईद मिलादुन्नबी की मुबारक बाद भी दी। आज के इस जुलूस में हमेशा की तरह एक बार फिर मोहल्ले के सैकड़ों लोगों ने जलूस में शिरकत किया।
रोक की घोषण के बायजूद बजाया गया डीजे-
वहीं पूर्व में की गयी घोषणा के अनुसार डीजे नहीं बजाई जाएगी लेकिन जलूस में दर्जनों डी जे बजते हुए देखा गया। भीड़ का आलम यह था कि दरभंगा की शहर के सड़क 5 घंटों तक जाम रहा बावजूद जिला प्रशासन की कार्य कुशलता से इस पावन पर्व को शानदार तरीके से सम्पन्न करा दिया गया। जिसके लिये यहाँ की जनता और जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन बधाई के पात्र माने जा रहे हैं।
मालूम हो कि पैगंबर हजरत मोहम्मद के जन्म दिवस को ईदे ए मिलाद उन नबी या ईद ए मिलाद के तौर पर मनाया जाता है। इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक इस्लाम के तीसरे महीने रवि अव्वल की 12 वीं तारीख 571 इसवी के दिन ही इस्लाम के सबसे महान नबी और आखरी पैगंबर का जन्म हुआ था। जो अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 21 नवंबर 2018 को पड़ता है। उनकी जन्म की खुशी में मुस्लिम समाज नमाज अदा करते हैं। रात भर मोहम्मद साहब को याद कर प्रार्थनाएं करते हैं। मजलिस करते हैं। इसके साथ ही पैगंबर मोहम्मद की दी गई शिक्षकों और पैगाम को पढ़ा जाता है। बता दें पैगंबर हजरत मोहम्मद ने इस्लाम धर्म की पवित्र किताब कुरान की शिक्षाओं का उपदेश दिया था और उन पर कुरान नाजिल हुई थी।