दिल्ली। 31 जनवरी 2023 को शुरू हुआ संसद का बजट सत्र आज यानी 6 अप्रैल 2022 (गुरुवार) को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया है। बजट सत्र के बारे में बोलते हुए, केंद्रीय संसदीय कार्य और संस्कृति राज्य मंत्री, श्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि बजट सत्र 2023 में कुल 25 बैठकें हुईं। राज्य सभा और लोकसभा 13 फरवरी 2023 से 12 मार्च तक अवकाश के लिए स्थगित किया गए थे और सोमवार यानी 13 मार्च, 2023 को फिर से दोनों सदन की कार्रवाई शुरू हुई ताकि विभागीय स्थायी समितियां विभिन्न मंत्रालयों/विभागों से अनुदान से जुड़ी मांगों की जांच और रिपोर्ट कर सकें।
मंत्री ने संसद परिसर में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, बजट सत्र के पहले भाग में लोकसभा और राज्यसभा की कुल 10 बैठकें हुईं। सत्र के दूसरे भाग में दोनों सदनों की 15 बैठकें हुईं। पूरे बजट सत्र के दौरान कुल मिलाकर 25 बैठकें हुईं।
वर्ष का पहला सत्र होने के नाते, राष्ट्रपति ने 31 जनवरी, 2023 को संविधान के अनुच्छेद 87(1) के तहत संसद के दोनों सदनों को संबोधित किया था। लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव श्री चंद्र प्रकाश जोशी द्वारा पेश किया गया था और इसका अनुमोदन डॉ. उदय प्रताप सिंह द्वारा किया गया था। इस प्रक्रिया के लिए लोकसभा के आवंटित 12 घंटों के मुकाबले 13 घंटे 44 मिनट लगे। राज्यसभा में इसे डॉ. के. लक्ष्मण ने पेश किया और श्री प्रकाश जावडेकर ने इसका समर्थन किया। इस मद ने 12 घंटे के आवंटित समय के मुकाबले 12 घंटे 42 मिनट के लिए राज्य सभा को व्यस्त रखा। सत्र के पहले भाग के दौरान दोनों सदनों द्वारा माननीय प्रधानमंत्री के उत्तर के बाद धन्यवाद प्रस्तावों पर चर्चा की गई और उन्हें स्वीकार किया गया। लोक सभा के 143 सदस्यों और राज्य सभा के 48 सदस्यों ने इस विषय पर चर्चा में भाग लिया।
मंत्री ने बताया कि 2023-24 का केंद्रीय बजट बुधवार, 1 फरवरी, 2023 को पेश किया गया। सत्र के पहले भाग में दोनों सदनों में केंद्रीय बजट पर आम चर्चा हुई। इसने लोकसभा को 12 घंटे के आवंटित समय के मुकाबले 14 घंटे 45 मिनट और राज्य सभा को 12 घंटे के आवंटित समय के मुकाबले 2 घंटे 21 मिनट का समय दिया। लोकसभा में 145 सदस्यों और राज्यसभा में 12 सदस्यों ने इस विषय पर चर्चा में भाग लिया।
अलग-अलग मंत्रालयों जैसे रेलवे, ग्रामीण विकास, पंचायती राज, जनजातीय मामले, पर्यटन, संस्कृति और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण की अनुदान मांगों को लोकसभा में लगातार व्यवधान के कारण नहीं लिया जा सका।