ब्रेकिंग न्यूज़
इस बार का चुनाव मेरे लिए चुनाव है चुनौती नहीं: राधा मोहन सिंहMotihati: सांसद राधामोहन सिंह ने नामांकन दाखिल किया, कहा-मैं तो मोदी के मंदिर का पुजारीमोतिहारी के केसरिया से दो गिरफ्तार, लोकलमेड कट्टा व कारतूस जब्तभारतीय तट रक्षक जहाज समुद्र पहरेदार ब्रुनेई के मुआरा बंदरगाह पर पहुंचामोतिहारी निवासी तीन लाख के इनामी राहुल को दिल्ली स्पेशल ब्रांच की पुलिस ने मुठभेड़ करके दबोचापूर्व केन्द्रीय कृषि कल्याणमंत्री राधामोहन सिंह का बीजेपी से पूर्वी चम्पारण से टिकट कंफर्मपूर्व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री सांसद राधामोहन सिंह विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगेभारत की राष्ट्रपति, मॉरीशस में; राष्ट्रपति रूपुन और प्रधानमंत्री जुगनाथ से मुलाकात की
बिज़नेस
भारत में पहली बार बायोफ्यूल से उड़ा विमान, स्पाइसजेट ने किया परीक्षण
By Deshwani | Publish Date: 27/8/2018 3:09:18 PM
भारत में पहली बार बायोफ्यूल से उड़ा विमान, स्पाइसजेट ने किया परीक्षण

 नई दिल्ली। भारत उन चुनिंदा देशों में शुमार हो गया है जिन्होंने बायोफ्यूल से विमान उड़ाने में सफलता हासिल की है। सस्ती उड़ान सेवा देने वाली कंपनी स्पाइसजेट ने आज देश की पहली जैव जेट ईंधन से चलने वाली परीक्षण उड़ान का परिचालन किया। बॉम्बार्डियर क्यू 400 विमान के जरिये इस उड़ान का परिचालन किया गया और इसमें आंशिक रूप से जैव जेट ईंधन का इस्तेमाल किया गया। देहरादून से रवाना होकर यह उड़ान दिल्ली हवाई अड्डे पर उतरी। एयरलाइन ने कहा कि उसने पहली जैव जेट ईंधन की उड़ान का सफलता से परिचालन पूरा किया। इस उड़ान के लिए इस्तेमाल ईंधन 75 प्रतिशत एविएशन टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) और 25 प्रतिशत जैव जेट ईंधन का मिश्रण था। एयरलाइन में बयान में कहा कि एटीएफ की तुलना में जैवजेट ईंधन इस्तेमाल का फायदा यह है कि इससे कॉर्बन उत्सर्जन घटता है और साथ ही ईंधन दक्षता भी बढ़ती है।

 
स्पाइसजेट ने कहा कि जट्रोफा फसल से बने इस ईंधन का विकास सीएसआईआर-भारतीय पेट्रोलियम संस्थान, देहरादून ने किया है। परीक्षण उड़ान पर करीब 20 लोग सवार थे। इनमें नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) और स्पाइसजेट के अधिकारी शामिल रहे। एयरलाइन के एक अधिकारी ने बताया कि यह उड़ान करीब 25 मिनट की थी। स्पाइसजेट के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अजय सिंह ने कहा कि जैव जेट ईंधन की लागत कम बैठती है और साथ ही यह उल्लेखनीय रूप से कॉर्बन उत्सर्जन घटाने में मदद करता है। उन्होंने कहा, ‘‘इसमें हमारी परंपरागत विमान ईंधन पर प्रत्येक उड़ान में निर्भरता में करीब 50 प्रतिशत की कमी लाई जा सकती है।
 
इससे किराये में भी कमी आएगी। जैव जेट ईंधन को अमेरिकी मानक परीक्षण प्रणाली (एएसटीएम) से मान्यता है और यह विमान में प्रैट एंड व्हिटनी तथा बॉम्बार्डियर के वाणिज्यिक एप्लिकेशन के मानदंडों को पूरा करता है। क्यू400 विमान में 78 सीटें हैं। एयरलाइंस कंपनियों के वैश्विक निकाय आईएटीए के अनुसार वैश्विक स्तर पर ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में विमानन उद्योग का हिस्सा दो प्रतिशत बैठता है।
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
image
COPYRIGHT @ 2016 DESHWANI. ALL RIGHT RESERVED.DESIGN & DEVELOPED BY: 4C PLUS