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बेतिया
बेतिया में लावारिस बच्ची को मिली यशोदा मइया, अपनो ने ठुकराया तो अरसा मियां ने अपनाया
By Deshwani | Publish Date: 12/3/2020 8:10:12 PM
बेतिया में लावारिस बच्ची को मिली यशोदा मइया, अपनो ने ठुकराया तो अरसा मियां ने अपनाया

बेतिया।अवधेश कुमार शर्मा। पश्चिम चम्पारण जिला अन्तर्गत शिकारपुर थानाक्षेत्र के कुण्डिलपुर पंचायत स्थित बंजरवा गांव में पौ फटते ही नया नजारा उत्पन्न हो गया।  आने-जाने वालों का ध्यान झाड़ी से नवजात के रोने की आवाज ने खींचा। बच्चे की रोने की आवाज़ की ओर लोग बढ़ते गए, आगे बढ़ने पर अचानक ठिठक गए लोग, आँखे फ़टी रह गयी। देखा तो कपड़े में लपेटकर रखी एक मासूम बेटी रोती-बिलखती मिली। लावारिस बच्चे के मिलने की खबर पूरे इलाके में फैल गई। देखते-देखते लोगों की भीड़ इकट्ठी हो गई। सबों को यही चिंता सता रही थी कि इसका पालनहार कौन होगा। लिहाजा जिसका कोई नहीं उसका तो ईश्वर होता है।

तभी बरगजवा गांव के आरस मियाँ की पत्नी ने नवजात बच्ची को ममता की छाँव दिया, उठा घर ले गई। नवजात कन्या को स्वास्थ्य केन्द्र में ले जाया गया। वहाँ चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचारोपरांत उसे आरस मियां को सौंप दिया। झाड़ी में फ़ेंकी गयी बेटी को यशोदा रूपी माँ मिल गई। अलबत्ता अभी प्रशासनिक खनापूरी शेष है।  उसकी एक झलक पाने के लिए ग्रामीणों का हुजूम आरस मियाँ के घर उमड़ पड़ा।

मासूम लाडली को पाने वाली महिला के आँखों मे खुशी और बच्ची को प्यार कर रही ऐसा प्रतीत हो रहा कि संसार की सारी खुशी मिल गई है। ऐसे में एक यह भी महिला है और बच्ची को झाड़ी में फेके जाने पर ग्रामीण तरह-तरह की बात कह रहे हैं। लोगों का कहना है कि अवैध संबंध से जन्मे बच्चों को सामाजिक मान्यता नहीं मिल पाती। दूसरी तरफ जननेवाली माता को भी सामाज नीची नजरों से देखा जाता है। ऐसे में उन्हें समाजिक कलंक माना जाता है।

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