पश्चिम चम्पारण जिला के 54 पंचायत सरकार भवन निर्माण हेतु 130 से अधिक पंचायतों ने भेजा प्रस्ताव
बेतिया। पश्चिम चम्पारण के जिलाधिकारी डा. निलेश रामचंद्र देवरे ने कहा कि जिले में 54 पंचायत सरकार भवन का निर्माण किया जाना है। नई व्यवस्था के तहत पंचायत सरकार भवन अब पंचायत के माध्यम से प्रखंड विकास पदाधिकारी की निगरानी में मुखिया बनवायेंगे।
उन्होंने कहा कि इस हेतु चिन्हित विभिन्न स्थलों पर निरीक्षण कर अबतक आठ पंचायत सरकार भवन निर्माण की स्वीकृति भी दे दी गयी है। एक पंचायत सरकार भवन निर्माण की लागत लगभग 1 करोड़ 38 लाख 77 हजार रूपये है। उन्होंने कहा कि पंचायत सरकार भवन में पंचायतों के निर्वाचित प्रतिनिधियों और पंचायत स्तर के कर्मियों के लिए स्थान, ग्राम कचहरी के न्यायालय कक्ष, अभिलेखों के संरक्षण के लिए स्थान, स्टोर, स्टैडिंग कमिटि की बैठकों के लिए हाॅल, नागरिकों के लिए स्वागत कक्ष, महत्वपूर्ण कर्मियों के लिए आवासीय खंड, कम्प्यूटराईज्ड सेवा प्रदान करने के लिए सेवा केन्द्र, स्टोर, पैन्ट्री एवं शौचालय का प्रावधान किया गया है।
जिलाधिकारी ने कहा कि उक्त भवन में ही बिहार लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम (आरटीपीएस) के तहत विभिन्न प्रकार की सेवाएं प्रदान की जानी है। इसके लिए प्रथम तल पर ही काउंटर का निर्माण एवं शेड का निर्माण कराया जायेगा। काउंटरों पर खिड़कियों की उंचाई सामान्य से नीचे रखा जायेगा ताकि आमजन को असुविधा नहीं हो, बल्कि सहुलियत हो। उन्होंने कहा कि पंचायत सरकार भवन का उपयोग बहुदेशीय होगा तथा बाढ़ एवं अन्य आपदाओं के समय में इसका उपयोग किया जा सकेगा।
डा. देवरे ने कहा कि पंचायत सरकार भवन निर्माण हेतु जिले के 130 से अधिक पंचायतों ने जमीन का प्रस्ताव दिया है, जिसमें से केवल 54 को ही स्वीकृति देनी है। इसमें पंचायती राज विभाग द्वारा सात निश्चय योजनान्तर्गत क्रियान्वित मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना एवं ग्रामीण गली-नाली पक्कीकरण निश्चय योजनाओं में बेहतर प्रदर्शन करने वाले पंचायतों को प्राथमिकता दी जायेगी। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा स्वयं जिले में विभिन्न स्थलों का निरीक्षण किया गया है। जिसमें नौतन, बैरिया, चनपटिया आदि प्रखंड शामिल हैं। उन्होंने कहा कि पंचायत सरकार भवन निर्माण हेतु यदि जमीन पर पेड़ लगे हुए हैं तो उस पेड़ की कटाई नहीं की जायेगी बल्कि उसे मशीन द्वारा एक किनारे लगाया जायेगा।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की उक्त दोनों योजनाएं काफी महत्वपूर्ण है। इस कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही, अनियमितता कतई बदाश्त नहीं की जायेगी। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को हिदायत देते हुए कहा कि इन योजनाओं के क्रियान्वयन में शत-प्रतिशत गुणवता होनी चाहिए। हर हाल में मानक के अनुरूप ही सभी कार्य संपन्न कराना होगा।
जिलाधिकारी ने कहा कि प्रत्येक बुधवार को जिला स्तरीय जांच दल द्वारा जिले में चलायी जा रही उक्त दोनों योजनाओं की सूक्ष्मता से लगातार जांच करायी जा रही है। जांच प्रतिवेदन में मुखिया, पंचायत सचिव, वार्ड सदस्य, कनीय अभियंता आदि संबंधित अधिकारियों/ जनप्रतिनिधियों के द्वारा अनियमितता बरते जाने की पुष्टि हुयी है। इन सभी को शोकॉज किया जा रहा है। लापरवाही अथवा अनियमितता सिद्ध होने पर उनके विरूद्ध प्राथमिकी भी दर्ज की जायेगी।