नई दिल्ली। दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के अध्यक्ष रजत शर्मा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने तत्काल प्रभाव से अपना पद छोड़ दिया है। अपने त्याग पत्र में शर्मा ने कहा कि उन्होंने संघ के सर्वोत्तम हित में अपने दायित्वों का निर्वहन करने का हर संभव प्रयास किया है।
उन्होंने कहा, "मैं डीडीसीए के अध्यक्ष के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान मुझ पर विश्वास करने के लिए सभी को धन्यवाद देता हूं। अपने छोटे कार्यकाल में मैंने ईमानदारी के साथ संघ के सर्वोत्तम हित में अपने दायित्वों का निर्वहन करने का हर संभव प्रयास किया है।"
शर्मा ने कहा कि उनका एकमात्र एजेंडा संघ का कल्याण था और प्रत्येक पहलू में पारदर्शिता थी, लेकिन डीडीसीए में ईमानदारी और पारदर्शिता के सिद्धांतों के साथ चलना संभव नहीं है, जिससे मैं किसी भी कीमत पर समझौता करने को तैयार नहीं हूं। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए कई समस्याओं का सामना किया।
उन्होंने कहा, " अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए हालांकि मुझे कई तरह के उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। मुझे निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने से रोकने की कोशिश की गई। हालांकि, किसी तरह मैं केवल एक एजेंडे के साथ आगे बढ़ता रहा कि सदस्यों से किए गए सभी वादे पूरे होने चाहिए। मैंने हर समय क्रिकेट के हित और कल्याण को सर्वोपरि रखा।
शर्मा ने कहा कि ईमानदारी और पारदर्शिता, जिससे मैं किसी भी कीमत पर समझौता करने को तैयार नहीं हूं। इसीलिए मैंने अपने पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने आग्रह किया कि डीडीसीए का पैसा केवल क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए खर्च किया जाना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि रजत शर्मा ने डीडीसीए अध्यक्ष का पद पिछले साल जुलाई में संभाला था। शर्मा के बीस महीने के कार्यकाल में कई बार उनके और डीडीसीए के बीच हुए मतभेदों की खबरे सामने आईं थी। डीडीसीए के अध्यक्ष पद पर रहते हुए रजत शर्मा ही थे जिन्होंने फिरोजशाह कोटला का नाम बदलकर अरुण जेटली स्टेडियम रखने का सबसे पहले प्रस्ताव दिया था।