क्या मुख्यमंत्री ने बिहार की कानून व्यवस्था भाजपा के हाथों गिरवी रख दी है : तेजस्वी यादव
पटना, (हि.स.)। पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में जन रक्षा मार्च प्रतिबंधित क्षेत्र से निकालने को लेकर सवाल उठाया है। उन्होंने कि 12 अक्टूबर को युवा राजद का सृजन महाघोटाले के विरोध में जब राजभवन मार्च का कार्यक्रम था, तब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इशारे पर जिला प्रशासन ने उच्च न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए राजभवन मार्च निकालने का अनुमति नही देते हुए लिखित रूप से कहा था कि पूर्व अनुमति प्राप्त किये बिना राजभवन मार्च अगर जेपी गोलम्बर से निकाला गया तो कार्यकर्ताओं पर कानूनी कार्यवाही की जाएगी और कार्यक्रम स्थल बदल कर गर्दनीबाग करना पड़ा।
सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि और जब आज भाजपा कार्यालय से जन रक्षा मार्च प्रतिबंधित क्षेत्र वीरचंद पटेल पथ से गांधी मैदान (जेपी गोलंबर) तक निकाल कर खुले आम क़ानून की धज्जियां उड़ाने का काम किया गया। आज वही जिला प्रशासन मूक़दर्शक बना रहा।
उन्होंने कहा कि मैं अवसरवादी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूछना चाहता हूँ कि कानून सब के लिए बराबर है या सत्ता पक्ष के लिए कुछ और विपक्ष के लिए कुछ और है ? क्या नीतीश कुमार ने बिहार की क़ानून व्यवस्था भाजपा के हाथों गिरवी रख दी है?
यादव ने कहा कि बीजेपी के पास ऐसा क्या रहस्यमयी डरावना दस्तावेज़ है जिससे नीतीश इतने डरे और सहमे हुए हैं ? क्या बिहार के हर नागरिक के लिए मुख्यमंत्री ने अलग-अलग क़ानून बना रखा है? क्या नीतीश जी अब द्वेषपूर्ण लोकतांत्रिक मर्यादा का पालन करेंगे? नीतीश सरकार की पक्षपाती दोहरी नीति से साफ जाहिर होता है कि विपक्ष की आवाज को सरकार दबाना चाहती है। जनादेश की दिन-दहाड़े डकैती करने के बाद मुख्यमंत्री नैतिक रूप से पहले से ज़्यादा भ्रष्ट हो गए हैं ।
भाजपा नेता अपनी ही सरकार में जनरक्षा मार्च निकाल रहे है। भाजपाई बिहार में सृजन महाघोटाला,बांध घोटाला पर अपना मुँह क्यों नहीं खोलते? बिहार में लगातार हो रही लूट, हत्या, बलात्कार, अपहरण, रंगदारी जैसी घटनाओं से जनता त्राहिमाम है। संगीन अपराधों पर भाजपा-जदयू के लोग चुप्पी कब तोड़ेंगे?