बिहार
आर्थिक समृद्धि व स्वच्छता में जीविका की भूमिका महत्वपूर्ण, किसानों की आय दुगुनी करेगी सरकार: राधामोहन
By Deshwani | Publish Date: 10/2/2018 8:25:29 PM- केंद्रीय कृषि कल्याण मंत्री ने किया मेगा लोन वितरण कैंप का शुभारंभ, 12351 एसएचजी के बीच 1 अरब 62 करोड़ वितरित
मोतिहारी। सचिन कुमार सिंह
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया द्वारा शहर के नरसिंह बाबा मंदिर मैदान में जीविका के लिए एक मेगा ऋण कैम्प का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उदघाटन केन्द्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह और बिहार सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने संयुक्त रूप से किया। इस दौरान महिला समूहों के बीच एक अरब 62 करोड़ रुपए के लोन का वितरण हुआ। जिले के 12351 महिला स्वयं सहायता समूहों के बीच सेन्ट्रल बैंक ने ऋण देकर गांव के विकास की ओर पहल की है। इस अवसर पर केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा कि इस कार्यक्रम माध्यम से पहली बार इतनी बड़ी संख्या में जीविका संपोषित स्वयं सहायता समूहों को लोन मुहैया कराया जा रहा है। इस एक अरब 65 करोड़ रुपये से दो लाख परिवारों को सीधे लाभ मिल रहा है। यह राशि प्रत्येक गरीब परिवार को प्रत्यक्ष रूप से आर्थिक योगदान में मदद देगी। कहा कि किसान, महिला किसान, खेतिहर मजदूर, सभी को एक मंच से आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिए जीविका संगठन कार्य कर रहा है, जो सराहनीय है। केंद्र सरकार भी किसानों की आय दाेगुना करने के महत्वपूर्ण लक्ष्य की ओर बढ़ चली है। इस प्रयास को सार्थक करने में जीविका जैसी संस्था महत्वपूर्ण रोल अदा कर रही हैं। गरीब परिवारों के आर्थिक व सामािजक विकास में धन की कमी नहीं आने दी जाएगी। इस मकसद को प्राप्त करने के लिए राज्य स्तर पर अनेक नीति आधारित बड़े फैसले लिए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री का सपना स्वच्छ भारत हो अपना को साकार करने में भी जीविका संगठन द्वारा प्रयास किया जा रहा है। इसके माध्यम से शौचालय का निर्माण किया जा रहा है, जो स्वच्छता अभियान में मील का पत्थर साबित होंगे। उन्होंने जीविका दीदियों से अपील की कि वे इस लोन का समुचित उपयोग कर आर्थिक व सामाजिक रूप से उन्नति करेंगी।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि बैंक के ऋण की राशि को चुकता करने में पूर्वी चंपारण सबसे आगे है। पूरे राज्य में जहां 98 फीसदी ऋणी बैंक के रुपए लौटाते हैं तो पूर्वी चंपारण में 99 प्रतिशत लोग रुपए ससमय वापस लौटा देते हैं, जाहिर है इसमें जीविका की अहम भूमिका है। उन्होंने बताया कि अभी बिहार में सात लाख से ज्यादा स्वयं सहायता समूह है, जिसे दस लाख तक ले जाने का लक्ष्य है। इस अवसर पर सेंट्रल बैंक के अधिकारी व गणमान्य लोग मौजूद थे।