बिहार
राष्ट्रीय स्तर पर अपनी गायकी का लोहा मनवाने वाले स्थानीय दिव्यांग कलाकार को मिथिला महोत्सव में नहीं मिला मौका
By Deshwani | Publish Date: 4/12/2018 11:09:53 PMमेडल के साथ राष्ट्रीय स्तर पर मशहूर दिव्यांग स्थानीय कलाकार शिव कुमार सिंह। फोटो- देशवाणी।
दरभंगा। देवेन्द्र कुमार ठाकुर।
मिथिला लोक उत्सव के पूरे आयोजन पर जहां सांसद ने स्थानीय कलाकारों को छोड़ें जाने का आरोप लगाया है। वहीं 75 फीसदी के ज्यादा पैसा बाहरी कलाकारों पर खर्च किया गया है। कई स्थानीय नामचीन कलाकारों को आश्वासन के बावजूद उन्हें मौका नहीं दिया गया। जिन्होंने अपनी प्रतिभा का लोहा राज्य ही नहीं राष्ट्रीय स्तर पर बज चुका है।
जाले थाना क्षेत्र के ब्रहमपुर गांव निवासी दिव्यांग कलाकार शिव कुमार सिंह जो दृष्टिहीन हैं ने बताया कि 3 दिसम्बर को ही अंतरराष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर राज्य सरकार गायन के क्षेत्र में उन्हें सम्मानित कर चुकी है। वहीं समाज कल्याण विभाग के मंत्री द्वारा उन्हें सम्मानित किया गया है। वही पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के हाथों 18 वाँ बिहार एवार्ड सिरोमनी 2018 से भी सम्मानित है। इसके अलावा 28 अगस्त 2018 को उस्ताद बिसमिल्लाह खां एवार्ड से सम्मानित किया गया है। गायक शिव जयनगर महोत्सव में भी सम्मानित हुए हैं।
वहीं हेलन केयर के जयंति के अवसर पर पटना के आयुक्त डॉ शिवजी कुमार के द्वारा सम्मानित हुए हैं। उसके अलावा गायन के क्षेत्र दर्जनों एवार्ड के साथ-साथ सैकड़ों मंचों पर अपनी आवाज का लोहा मनवा चुके इस दिव्यांग कलाकार को स्थानीय प्रशासन के द्वारा मिथिला महोत्सव में मौका नहीं दिया गया। जिसका शिवम को काफी अफसोस है। शिवम सिर्फ एक अच्छा कलाकार ही नहीं है वह एक खिलाड़ी के तौर पर दौड़ में प्रमण्डल के प्रथम स्थान प्राप्त कर चुके हैं। वहीं सांसद कीर्ति झा आजाद ने यहा तक कह दिया है कि इस मिथिला महोत्सव का नाम बदलकर बॉलीवुड महोत्सव रख दिया जाता तो काफी बेहतर होता। उन्होंने कहा कि जिस परम्पराओं के लिए मिथिला को जाना जाता है उसका उल्लघंन स्थानीय कलाकारों को हिस्सा नहीं देने से इंकार कर रहा है।
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