दरभंगा। देवेन्द्र कुमार ठाकुर। देशवाणी न्यूज नेटवर्क।
इतिहास गवाह है कि जब-जब प्रेस पर रोक लगी है, शासन पर बड़ा प्रभाव पड़ा है। स्वतंत्रता इतिहास पर गौर करें तो देखते हैं कि लार्ड कर्जन ने प्रेस का दमन किया, अंग्रेजों ने वर्नाकुलर प्रेस एक्ट लाया, नतीजा सामने है कि स्वतंत्रता दिलाने में प्रेस ने अहम रोल अदा किया। आजादी के बाद प्रेस की स्वतंत्रता को नागरिकों के मूल अधिकार में अनुच्छेद 19 के तहत समाहित किया गया। एलएनएमयू के प्रबंधन भवन में बिहार श्रमजीवी पत्रकार यूनियन की ओर से “लोकतंत्र की सफलता में मीडिया की भूमिका’ विषय पर आयोजित सेमिनार का उद्घाटन करने के बाद प्रमंडलीय आयुक्त मयंक बरबड़े ने कही।
श्री बरबड़े ने कहा कि देश की मीडिया संवेदनशील व परिपक्व है। हालांकि फ्रीडम प्रेस इंडेक्स के अनुसार प्रेस के मामले में हम अभी विश्व में 136वें पायदान पर हैं, इससे ऊपर उठने के लिए आत्ममंथन की जरूरत है।
सेमिनार में एलएनएमयू के वीसी प्रोफेसर सुरेन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि पहले हमें तय करना होगा कि प्रजातंत्र की सफलता के क्या मापदंड हो सकते हैं, तब इसमें मीडिया की भूमिका की विवेचना होनी चाहिए। लोकतंत्र को जनता के लिए जनता के हित में बताया जाता है, यह तभी संभव है जब जनता विवेकपूर्ण निर्णय लें। मीडिया की भूमिका है कि वह जनता को सही प्रतिनिधि चुनने के लिए सही ज्ञान दें। मीडिया अगर सही सूचना जनता तक नहीं पहुंचाएगी तो वे सही प्रतिनिधि नहीं चुन सकेंगे। ऐसे में लोकतंत्र सफल नहीं हो सकता।
नगर विधायक संजय सरावगी ने कहा कि सोशल मीडिया के कारण गुणवत्ता व विष्वसनीयता में गिरावट आयी है। भ्रामक तथ्यों को फेसबुक आदि सोशल साइट पर परोसा जा रहा है, ऐसी गतिविधियों व तत्वों के प्रति मीडिया को गंभीर होने की जरूरत है।
यूनियन से जुड़ी बीबीसी पटना की संवाददाता सीटू तिवारी ने मीडिया में महिलाओं के साथ हो रहे भेदभाव पर प्रहार करते हुए कहा कि आज मीडिया के प्रति सोच में बदलाव आया है। लोकतंत्र में मीडिया के रोल पर प्रकाश डालते हुए उन्होनें कहा कि सच को पेश करना, पक्षपात ना करना और अफवाहों के प्रचार से बचना मीडिया की अहम भूमिका है।
एसएसपी मनोज कुमार ने कहा कि जिस तरह देश आजाद हुआ, समानांतर रूप से भारतीय मीडिया उसी गर्भ से पीड़ा के साथ उत्पन्न हुआ और लोकतंत्र को स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई। हिन्दुस्तानियत के निर्माण में, देश के रूप में हम जिंदा हैं तो मीडिया की भूमिका के कारण ही आज लोकतंत्र व मीडिया, दोनों अजीब दौर से गुजर रहो है।
इंडियन जर्नलिस्ट यूनियन (आईजेयू) के राष्ट्रीय सचिव अमर मोहन प्रसाद ने कहा कि वर्तमान में जो स्थिति है, मीडिया मैनेजमेंट जिस प्रकार सरकार की चाटुकारिता में लगी है, मीडिया की स्वतंत्रता संदिग्ध हो चुकी है।
आईजेयू के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य शिवेन्द्र सिंह ने कहा कि संगठन में बल होता है। पत्रकारों से संगठित होने की अपील करते हुए उन्होनें आश्वस्त किया कि पत्रकारों के हित की सुरक्षा के लिए यूनियन सदैव तत्पर है और हमेशा रहेगा।
इससे पूर्व मिथिलांचल की परंपरा के अनुसार सभी अतिथियों का पाग, चादर व मोमेंटो से स्वागत किया गया और दर्जनो पत्रकार को सम्मानित किया गया।
इस कार्यक्रम में संजीव कुमार, मुकेश कुमार, मुकेश श्रीवास्तव, विशाल कुमार, प्रवीण कुमार चौधरी, विनय कुमार, संतोष कुमार, रौशन, फिरदौश अली आदि ने भूमिका अदा किया। वही धन्यवाद ज्ञापन अमरेश्वरी चरण सिन्हा ने किया तथा स्वागत भाषण पत्रकार शशिमोहन भारद्वाज ने किया जबकि संचालन विजय श्रीवास्तव ने किया।