बिहार
छपरा जिले में करोड़ों से बने भवनों का नहीं हो रहा उपयोग
By Deshwani | Publish Date: 6/7/2017 5:39:54 PMछपरा, (हि.स) । जिले में करोड़ों रुपये खर्च कर नये भवन बनाए जा रहे हैं, लेकिन उनका उपयोग नहीं हो रहा है । जिस योजना तथा उद्देश्य से इन भवनों का निर्माण कराया गया है, वह पूरा नहीं हो पाया है। उदाहरण के तौर पर सदर अस्पताल में करीब आठ वर्ष पहले करोड़ों रूपये की राशि खर्च कर पेंइंग वार्ड का निर्माण कराया गया, लेकिन आज तक इसे चालू नहीं किया गया है वहीं, भवन का अभाव बता कर अस्पताल में बेडो की संख्या नहीं बढ़ाई जा रही है ।
इस कारण मरीजों को यहां बेहतर सुविधा नहीं मिल पा रही है। सात वर्ष पहले सदर अस्पताल में क्षेत्रीय जांच घर खोलने के लिए भवन का निर्माण कराया गया, लेकिन अब इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है ।
गौरतलब है कि अस्पताल में क्षेत्रीय जांच घर खोलने के लिए करीब डेढ़ करोड़ रुपये की राशि आबंटित भी की गई जिससे उपस्करों की खरीद करना है, लेकिन आज तक इन्हें खरीदा नहीं गया है वहीं, भवन बेकार पड़ा है अब तो हाल यह है कि भवन की खिड़की व दरवाजे तक टूटने लगे हैं । पोस्टमार्टम हाउस सह शव गृह का निर्माण तो यहां पूरा हो गया है पर इसे शुरू नहीं किया गया है और भवन वैसे ही बेकार पड़ा है जिसके आगे जंगल उग आए हैं ।
क्या है उद्देश्य
पेइंग वार्ड का निर्माण विधान परिषद सदस्य रघुवंश प्रसाद यादव के विवेकाधीन कोटे से कराया गया है वहीं, नए भवन का उद्घाटन पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने रेल मंत्री रहते आठ वर्ष पहले किया था।
पेइंग वार्ड का निर्माण कराने का उद्देश्य था कि सरकारीअस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों को भी नर्सिंग होम की तरह सुविधा उपलब्ध कराया जा सके और वार्ड का रख रखाव करने के लिए मरीजों से न्यूनतम शुल्क लेने का प्रावधान किया गया था। गौरतलब है कि पेइंग वार्ड का निर्माण करीब दो करोड़ की लागत से कराया गया था । इसमें एसी, पंखा और रौशनी, पेयजल, शौचालय समेत सभी आवश्यक सुविधाओं का प्रबंध किया गया है ।
नहीं खुला क्षेत्रीय जांच घर
क्षेत्रीय जांच घर का भवन करीब तीन करोड़ की लागत से बन गया है । सात साल पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भवन का उद्घाटन भी कर चुके हैं लेकिन आज तक क्षेत्रीय जांच घर में जांच की सुविधा शुरू नहीं की गई है । इस वजह से मरीजों को पैथालोजी की सुविधा से वंचित होना पड़ रहा है । क्षेत्रीय जांच घर खोलने का उद्देश्य था कि सभी तरह की जांच की सुविधा यहां मरीजों को नि: शुल्क मिलेगी वहीं सीवान तथा गोपालगंज के मरीजों की भी जांच की जाएगी । प्रमंडल के सभी अस्पतालों से जांच के नमूना संग्रह कर मंगाने का प्रावधान किया गया था ।
लेकिन राशि रहने के बावजूद जांच घर के लिए उपकरणों तथा उपस्करो का क्रय नहीं किया गया है । क्षेत्रीय जांच घर के लिए उपकरणों तथा उपस्करो का क्रय क्षेत्रीय स्वास्थ्य अपर निदेशक के माध्यम से किया जाना है लेकिन क्षेत्रीय स्वास्थ्य अपर निदेशक की लापरवाही के कारण यह मामला ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है ।
नये पोस्टमार्टम सह शव गृह का भवन बनकर तैयार है लेकिन एक छोटे से कमरे में ही पोस्टमार्टम का कार्य चल रहा है जिसमें आवश्यक सुविधाओं तथा संसाधनों का घोर अभाव है । इस वजह से पोस्टमार्टम कार्य करने में परेशानी हो रही है वहीं, लावारिश शवों को यहां रखने की कोई व्यवस्था नहीं है ।
क्या कहते हैं अधिकारी
क्षेत्रीय स्वास्थ्य अपर निदेशक डा. अरूण कुमार सिंह ने बताया कि क्षेत्रीय जांच घर के लिए उपकरणों तथा उपस्करों का क्रय करने के लिए जो राशि सरकार ने आवंटित की थी, उसे वापस लौटा दिया गया है और किन परिस्थितियों में उपकरणों तथा उपस्करों का क्रय अब तक नहीं किया गया है, हमें इस बात की जानकारी नहीं है ।