ब्रेकिंग न्यूज़
मोतिहारी के केसरिया से दो गिरफ्तार, लोकलमेड कट्टा व कारतूस जब्तभारतीय तट रक्षक जहाज समुद्र पहरेदार ब्रुनेई के मुआरा बंदरगाह पर पहुंचामोतिहारी निवासी तीन लाख के इनामी राहुल को दिल्ली स्पेशल ब्रांच की पुलिस ने मुठभेड़ करके दबोचापूर्व केन्द्रीय कृषि कल्याणमंत्री राधामोहन सिंह का बीजेपी से पूर्वी चम्पारण से टिकट कंफर्मपूर्व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री सांसद राधामोहन सिंह विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगेभारत की राष्ट्रपति, मॉरीशस में; राष्ट्रपति रूपुन और प्रधानमंत्री जुगनाथ से मुलाकात कीकोयला सेक्टर में 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को 9 गीगावॉट से अधिक तक बढ़ाने का लक्ष्य तय कियाझारखंड को आज तीसरी वंदे भारत ट्रेन की मिली सौगात
बिहार
पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम का असर महिला को गर्भ धारण करने में दिक्कत पैदा करती है
By Deshwani | Publish Date: 14/1/2023 10:09:08 PM
पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम का असर महिला को गर्भ धारण करने में दिक्कत पैदा करती है

पटना जितेन्द्र कुमार सिन्हा। पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) ग्रस्त होती है प्रजनन वाली उम्र की महिलाएं। यह महिलाओं में प्रजनन से संबंधित हार्मोन के असंतुलित होने के कारण होता है। यह बीमारी महानगरों के महिलाओं में ज्यादा देखा जा रहा है। इस तरह का हार्मोन का स्तर ज्यादातर पुरुषों में होता है। इस बीमारी से ग्रसित महिला में पुरुष हार्मोन यानि एंड्रोजन का स्तर बहुत बढ़ जाता है और दूसरी तरफ महिला हार्मोन प्रोजेस्टेरॉन की बहुत कमी हो जाती है। पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) का ज्यादा जोखिम पारिवारिक (माँ-बहन) होता है।

 
 
 
 
चिकित्सकों का माने तो पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) अत्यधिक गतिशील जीवन शैली, पर्यावरण प्रदूषण, खानपान पर संयम न रखने, अन्य कारणों में से भी एक हो सकता है। इस बीमारी में मासिक पीरियड में अनियमितता होने लगती है। पीरियड या तो बहुत देर से आते है या समय पर नहीं आते है। 
 
 
 
 
चिकित्सक का कहना है कि पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) होने पर शरीर के मध्य भाग में वजन बढ़ने लगता है। मूड चेंज होता है। एंड्रोजन ज्यादा होने के कारण स्किन में कालापन बढ़ने लगता है। ऐसी स्थिति में अवसाद, बेचैनी, ब्लीडिंग और नींद की भी परेशानी हो सकती है। इस समस्या से ग्रसित महिला में मधुमेह और उच्च रक्तचाप का जोखिम बढ़ जाता है। चिंता का विषय यह होता है कि ऐसी महिलाओं में माँ बनने की क्षमता प्रभावित होती है। इसमें इंसुलिन की सक्रियता बढ़ जाती है, जिसके कारण अंडाशय पर असर पड़ता है और अंडोत्सर्ग यानि अंडा रिलीज नहीं होता है। अंडाशय के अंदर बहुत सारे छोटे छोटे अल्सर हो जाते है। लेकिन अनियमित चक्र वाली महिला स्वाभाविक रूप से भी गर्भ धारण कर लेती है।
 
 
 
चिकित्सक पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) से ग्रसित महिलाओं को सलाह देती है कि शक्कर, सोडा, तले हुए भोजन से दूर रहते हुए जीवन शैली और खानपान में बदलाव करना चाहिए और प्रतिदिन कम से कम 20 मिनट तक व्यायाम जरूर करना चाहिए।
image
COPYRIGHT @ 2016 DESHWANI. ALL RIGHT RESERVED.DESIGN & DEVELOPED BY: 4C PLUS