विषम परिस्थितियों के बावजूद मोतिहारी का प्रिपरेटरी स्कूल-शिक्षायतन अपने मानक पर उतर रहा खरा
मोतिहारी। करोना संकट के दौरान बंदी व अन्य विषम परिस्थितियों के बावजूद वर्ष 1995 में संचालित प्रतियोगी प्रवेश परीक्षाओं के लिए प्रसिद्ध स्कूल- शिक्षायतन अपने मानक पर खरा उतर रहा है। इस दौरान इस प्रेपरेटरी स्कूल के कई छात्रों ने सैनिक स्कूल, नेतरहाट, सिमुलतला व रामकृष्ण मिशन की प्रवेश परीक्षाओं में सफलता प्राप्त की हैं। इतना ही नहीं जोनल लेवल पर आयोजित जीके प्रतियोगिता में भी इस स्कूल के छात्रों ने प्रथम व द्वितीय स्थान प्राप्त किए हैं। यहां Preparatory प्रेपरेटरी का मतलब- प्रारंभिक व तैयारी है।
पूर्वी चम्पारण जिले में नेतरहाट, सिमुलतला व रामकृष्ण मिशन जैसे स्कूलों में प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए ज्यादा ऑप्शन नहीं है। जबिक मुजफ्फरपुर व पटना में प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी (Preparatory) के लिए कई स्कूलें है। ऐसी परीक्षाओं की तैयारी के लिए मजफ्फरपुर व पटना में प्रेप. स्कूल नाम से बहुतेरे संस्थान है। अंग्रेजी के Preparatory शब्द का Prep. प्रेप का प्रयोग अपने संस्थान के नामों में जोड़ने का प्रचलन इन दोनों शहरों में है। दूसरी तरफ दिल्ली जैसे महानगरों ने प्ले स्कूल के बाद बच्चों के लिए प्रिस्कूलों का प्रचलन है।
लिहाजा मोतिहारी में प्रेपरेटरी नाम से स्कूल नहीं है। हाँ, यहां शिक्षायतन नामक संस्थान कोरोना संकट व अन्य विषम परिस्थितियों के बावजूद 1995 से अनवरत अपने मानक पर कायम है। अभी शिक्षायतन स्कूल स्टेशन-जॉनपुल रोड में बाजार समिति के सामने किराये के मकान में संचालित है।
90 के दशक में जिले में खुला था पहला प्रेप स्कूल-
वैसे तो जिले का पहला प्रेप स्कूल यानी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने वाला स्कूल नेतरहाट कोचिंग संस्थान था। जिसके संस्थापक प्रेमचंद गुप्ता रहे हैं। बताया जाता है कि बाद में संस्थापक श्री गुप्ता दूसरे व्यवसाय में जुट गये। जिससे यह संस्थान बंद हो गया। बताया जाता है कि 90 दशक जिले में एक मात्र यही एक प्रिपरेटरी स्कूल था। इसी संस्थान से सबसे ज्यादा छात्रों का नेतरहाट, सैनिक स्कूल, सिमुलतला, रामकृष्ण मिशन जैसे स्कूलों में पूर्वी चम्पारण के छात्रों का चयन होता था। यह अपने आप में जिले के लिए बेशक एक नया प्रयोग था।
शिक्षायतन नामक संस्थान की स्थापना-
शिक्षायतन की स्थापना 16 जनवरी 1995 को हुआ था। जानेमाने विद्वान मुंशी सिंह महाविद्यालय के हिन्दी विभागाध्यक्ष रामाश्रय प्रसाद सिंह ने इस स्कूल की उद्धाटन किया था और इसकी स्थापना इसी कॉलेज के तत्कालीन प्राचार्य डॉ बीएन सिंह की अध्यक्षता में हुई थी। डॉ प्रो अजय कुमार व गौतम सरकार ने मिलकर इस स्कूल की शुरुआत की थी। बाद में श्री सरकार का चयन चम्परण ग्रामीण बैंक(अब उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक) हो गया और वे इस संस्थान से अलग हो गये थे। तब डॉ. प्रो. अजय कुमार व विद्वान प्राचार्य चंदेश्वर प्रसाद सिंह के कुशल निर्देशन में यह संस्थान चलाया जा रहा है। संस्थान में अपने-अपने विषय के कई प्रवीण शिक्षकों का भी लगातार सहयोग मिल रहा है।
अभी तक इस स्कूल का अपना भवन नहीं-
आश्चर्यजन यह कि इतने सालों से संचालित इस प्रसिद्ध संस्थान का अपना भवन नहीं है। अभी यह प्रेप स्कूल किराये के मकान में ही चल रहा है। जबिक जिले के अन्य स्कूल इससे कम ही दिनों में इस योग्य हो जा रहे है कि उनके स्कूल का विशाल बिल्डिंग खड़ा हो जा रहा है। पूछे जाने पर स्कूल के निदेशक डॉ कुमार ने बताया कि स्कूल फी अन्य स्कूलों की तुलना में कम रखा गया है। हॉस्टल फी जितना लिया जाता है उसका अधिकांश हिस्सा छात्रों के लिए हॉस्टल के लिए किराया चुकाने, बढ़िया संतुलित व स्वच्छ भोजन व उनकी पढ़ाई की व्यवस्था में खर्च हो जाता है। पहले तो उनका हॉस्टल किराए के मकान में चलता था। जहां हजारों रुपये मकान मालिक को किराए के रूप में देना पड़ता था। उन्होंने बताया कि अब यह हॉस्टल उन्होंने खुद अपने मकान में ही सिफ्ट कर लिया है। जिससे बच्चों की निगरानी वे खुद कर पाते हैं।
डॉ कुमार ने यह भी बताया कि इस स्कूल का छात्रावास उनके ही आवास में चलता है। छात्रों के खाना की शुद्धता के बारे में प्रमाण दिया कि छात्रों के लिए बना खाना ही उनके परिवार के लोग भी खाते हैं। यही है शिक्षायतन के छात्रावास के भोजन की क्विलिटी का प्रमाण।
शिक्षायतन शिक्षण संस्थान का पता -
पता- स्टेशन-जानपुल रोड शांतिपुरी, मोतिहारी।
99399-37298
94310-51808
97098-01777