रक्सौल। अनिल कुमार। शहर के कोइरिया टोला स्थित राजेन्द्र राम के आवासीय परिसर में गुरुवार को अम्बेडकर ज्ञान मंच रक्सौल की बैठक मथुरा राम की अध्यक्षता में आहूत हुई।इस बैठक में उपस्थित मंच के सदस्यों ने बहुजन समाज विशेषकर एससी-एसटी पर बढ़ते अत्याचार व आए दिन हो रहे हमले की तीव्र निंदा की गई।साथ ही देश के चरमपंथियों द्वारा संविधान के ऊपर बढते खतरे तथा आरक्षण को लेकर फैलाई गई गलत भ्रांतियों का पर्दाफाश करने का निर्णय लिया गया।मंच के संस्थापक मुनेश राम ने कार्यकर्ताओं का आह्वान करते हुए कहा कि हमारी एकजुटता ही समाज को दिशा दे सकती है।देश में आरक्षण को एक सुनियोजित साजिश के तहत जातीय कटुता पैदा करने की साजिश हो रही है।
इसे हर हाल में दूर करते हुए शासन-प्रशासन,मीडिया,न्यायपालिका आदि में संख्यानुपाती भागीदारी के लिए आवाज बुलंद करने होंगे।संयोजक राजेन्द्र राम ने कहा कि हमें खुद को बुलंदियों के साथ प्रस्तुत करने की जरूरत है।कोई खुद को कभी अकेला व कमजोर नही समझे।अगर मौका आया तो हम सभी एकजुट व तैयार है।चन्द्रकिशोर पाल ने कहा कि कोरोना नियमों के अनुपालन के साथ लंबे अरसे बाद मंच की हो रही बैठक में सांगठनिक विस्तार करने की जरूरत पर बल दिया।वही,दिनेश राम ने कहा कि हमें पूरी तैयारी के साथ गांव-गांव में जाने की जरूरत है और खण्ड-खण्ड बंटे समाज को संगठित करने होंगे,तभी सामाजिक एकता संभव है।आदापुर के पूर्व उपप्रमुख रामजीवन बैठा ने कहा कि सामाजिक एकजुटता के लिए हमें उपजातीय तौर पर बंटे समाज को जोड़कर बहुजन समाज का सशक्त निर्माण करने होंगे।इसके लिए समाज के प्रबुद्ध व समाजसेवियों को आगे आने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि किसी भी सांगठनिक संगठन का विस्तार उसकी अवधारणा व आदर्शो पर निर्भर करता है।
इसके लिए हमें पूरी तन्मयता के साथ धरातल पर कार्य करने होंगे तथा अगर समाज के किसी व्यक्ति के ऊपर कोई अत्याचार की घटनाएं घटित होती है तो मीडिया/सोसल मीडिया के माध्यम से खबर मिलते ही हमें सांगठनिक तौर पर उपस्थित होने होंगे।वही,नन्दू राम ने बताया कि मंच को मुख्य कार्यो के साथ साहित्यिक व सांस्कृतिक विस्तार भी करने की जरूरत है।राजनीतिक चेतना के साथ सामाजिक,सांस्कृतिक,साहित्यिक चेतना भी जरूरी है।बारी -बारी सभी सदस्यों ने अपने-अपने विचार व्यक्त किये।इसमें मिथिलेश कुमार मेहता,भाग्य नारायण साह,संजीव कुमार,श्रेयांस कुमार उर्फ बिट्टू गुप्ता,कामोद राम,दिनेश राम,रामपूजन राम,ताराचंद राम,नन्दू राम,सुरेश राम,विजय कुमार,विक्रांत पासवान, सुनील कुमार राम,दिनेश राम,अजय कुमार शर्मा,गौतम कुमार,संतोष कुमार राम,हरेराम प्र. कुशवाहा ,बीरेंद्र राम,राहुल पासवान,उपेंद्र राम, आदि भी शामिल थे।