बिहार
महागठबंधन से अलग हुई जीतनराम मांझी की राह, कहा- बिहार और झारखंड में अकेले लड़ेंगे चुनाव
By Deshwani | Publish Date: 8/11/2019 2:54:15 PMपटना। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने शुक्रवार को महागठबंधन से अलग होने का ऐलान कर दिया। उन्होंने कहा कि पार्टी का अस्तित्व बचाने के लिए बिहार में अकेले विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। साथ ही झारखंड विधानसभा चुनाव भी अपने दम पर लड़ने की बात कही।
गुरुवार को जीतनराम मांझी ने पटना के 12 एम स्ट्रैंड रोड स्थित आवास पर पार्टी के सभी जिला अध्यक्षों, राज्य और केंद्रीय कार्यकारिणी के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने कहा महागठबंधन में रहने के दौरान हमने कोऑर्डिनेशन कमिटी बनाने की मांग की थी जिसपर किसी ने ध्यान नहीं दिया। समन्वय समिति के नहीं होने के कारण कोई फैसला सर्वसम्मति से नहीं लिया जा रहा है। कुछ लोगों को भ्रम है कि हमारे चलते ही पार्टी चल रही है। महागठबंधन के अंदर कोऑर्डिनेशन कमिटी का न बनना पार्टी नेताओं की कमजोरी है और इसी का फायदा एनडीए को मिलता रहा है।
झारखंड में घोषणा 10 को
पूर्व सीएम ने कहा कि झारखंड विधानसभा का चुनाव पार्टी अकेले लड़ेगी। पार्टी किन-कन सीटों पर चुनाव लड़ेगी इसकी घोषणा 10 नवंबर को की जाएगी। पार्टी ने झारखंड चुनाव की जिम्मेवारी में राष्ट्रीय प्रधान महासचिव संतोष कुमार सुमन को सौंपी है।
पहले एनडीए, फिर महागठबंधन और अब अकेले हुए मांझी
2015 में बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद जीतनराम मांझी ने हिंदुस्तान आवाम मोर्चा का गठन किया था। उस साल हुए बिहार विधानसभा चुनाव में वे एनडीए के साथ थे। पार्टी ने बीस सीटों पर चुनाव लड़ा और जिसमें सिर्फ जीतनराम मांझी को जीत मिली। 2018 में एनडीए के अंदर सम्मान नहीं मिलने का आरोप लगाकर मांझी अलग हो गए और लोकसभा चुनाव से पहले महागठबंधन का दामन थाम लिया। इस साल हुए लोकसभा चुनाव में हम ने तीन सीटों पर चुनाव लड़ा लेकिन उसे एक भी सीट पर जीत नहीं मिली। मांझी खुद गया लोकसभा सीट से चुनाव हार गए। लोकसभा चुनाव के महज 6 महीने बाद महागठबंधन में समन्वय न होने की बात कहकर मांझी एकला चलो रे के रास्ते चल पड़े।