मिड डे मील की रैंकिंग: वैशाली जिला टॉप पर, 25वें स्थान पर पटना और खगड़िया रहा फिसड्डी
पटना। शिक्षा विभाग के अंतर्गत मध्याह्न भोजन योजना निदेशालय ने मिड डे मील को लेकर फरवरी में जिलों के प्रदर्शन के आधार पर उनकी रैंकिंग जारी की है। इसमें पहले स्थान पर वैशाली जिला रहा। वहीं, 25वें पर पटना और अंतिम पायदान पर खगड़िया जिला है। जिन जिलों की रैंकिंग बहुत नीचे है, उन्हें मध्याह्न भोजन योजना के निदेशक ने पूरी प्रक्रिया में सुधार करने का निर्देश दिया है। मिड डे मील याेजना की रैंकिंग तय करने के लिए 10 कैटेगरी बनायी गयी है।
इस कैटेगरी में मुख्य रूप से मिड डे मील की आपूर्ति करने वाले स्कूलों का प्रदर्शन, लाभुकों की संख्या, मिड डे मील देने के दिनों की संख्या, स्कूलों की जांच, स्कूलों में रसोई घरों की व्यवस्था, रसोइये और उसके सहायकों को मानदेय का भुगतान और निगरानी समिति की बैठक शामिल हैं। हर कैटेगरी के लिए 10-10 प्वाइंट निर्धारित किये गये हैं। इस तरह कुल 100 प्वाइंट निर्धारित कर प्रत्येक जिले में कामकाज के आधार पर प्वाइंट निर्धारित किये गये हैं।
इस प्रकार वैशाली जिला 100 में से 82.36 प्वाइंट प्राप्त कर पहले नंबर पर है। वहीं, दूसरे स्थान पर 78.43 प्वाइंट प्राप्त कर कैमूर जिला दूसरे नंबर पर है। तीसरे नंबर पर नवादा जिला है, इसे 76.80 प्वाइंट मिला है। इस रैंकिंग के आधार पर पटना जिला 25वें स्थान पर है। साथ ही खगड़िया जिला 29.77 प्वाइंट के साथ अंतिम पायदान (38वें) पर है। वहीं गया 29वें, भागलपुर 30वें और मुजफ्फरपुर 34वें पायदान पर है।
राज्य में फरवरी 2019 में मिड डे मील से जुड़े हुए कुल 70 हजार 171 स्कूल थे। इनमें से केवल 68 हजार 103 स्कूलों में ही मिड डे मील की आपूर्ति की गयी। वैशाली जिले में कुल 2070 स्कूल थे, इनमें से 2042 स्कूलों में ही मिड डे मील दिया गया। पटना जिले में 3153 स्कूल हैं, इनमें से 2981 स्कूलों में मिड डे मील दिया गया। गया जिले में 3129 स्कूल हैं, इनमें से 3009 स्कूलों में मिड डे मील दिया गया।
मुजफ्फरपुर जिले में 3045 स्कूल हैं। इनमें से 3007 स्कूलों में मिड डे मील मिला। भागलपुर जिले में 1827 स्कूलों में से 1739 में मिड डे मील दिया गया। साथ ही सीतामढ़ी जिले में 2015 स्कूलों में से 1989 स्कूलों में मिड डे मील मिला।
मध्याह्न भोजन योजना के उपनिदेशक जीवेश झा ने बताया कि रैंकिंग जारी करने से प्रत्येक जिले में मिड डे मील की प्रगति की जानकारी मिलती है। साथ ही जिलों में इसकी प्रगति को लेकर प्रतिस्पर्द्धा बढ़ती है। इस प्रतिस्पर्द्धा का सबसे अधिक फायदा छात्र-छात्राओं को होता है, क्योंकि मिड डे मील योजना का मूल मकसद विद्यालयों में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति बढ़ाना है।