ब्रेकिंग न्यूज़
मोतिहारी के केसरिया से दो गिरफ्तार, लोकलमेड कट्टा व कारतूस जब्तभारतीय तट रक्षक जहाज समुद्र पहरेदार ब्रुनेई के मुआरा बंदरगाह पर पहुंचामोतिहारी निवासी तीन लाख के इनामी राहुल को दिल्ली स्पेशल ब्रांच की पुलिस ने मुठभेड़ करके दबोचापूर्व केन्द्रीय कृषि कल्याणमंत्री राधामोहन सिंह का बीजेपी से पूर्वी चम्पारण से टिकट कंफर्मपूर्व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री सांसद राधामोहन सिंह विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगेभारत की राष्ट्रपति, मॉरीशस में; राष्ट्रपति रूपुन और प्रधानमंत्री जुगनाथ से मुलाकात कीकोयला सेक्टर में 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को 9 गीगावॉट से अधिक तक बढ़ाने का लक्ष्य तय कियाझारखंड को आज तीसरी वंदे भारत ट्रेन की मिली सौगात
बिहार
मोतिहारी के चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ सुबोध लेजर ट्रिटमेंट कर चेहरे के अनचाहे बाल, तिल व मस्सा से दिला रहे निजात
By Deshwani | Publish Date: 24/2/2019 4:50:32 PM
मोतिहारी के चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ सुबोध लेजर ट्रिटमेंट कर चेहरे के अनचाहे बाल, तिल व मस्सा से दिला रहे निजात

मोतिहारी के चर्म रोग विशेषज्ञ Dr Subodh

मोतिहारी। देशवाणी। हेल्थ डेस्क।

हर युवती व युवकों की चाहत होती है बेहद खूबसूरत दिखाई देना। प्रदूषण के असर, त्वचा रोग से ग्रसित होने और हार्मोनल बदलाव का असर सुंदरता पर पड़ता है। ऐसे में लेजर तकनीक खोई हुई सुंदरता को वापस लौटा सकते हैं और आप पा सकते है बेदाग व खूबसूरत त्‍वचा। इसके लिए आपको दिल्ली व मुम्बई जाने की आवश्यकता नहीं है। मोतिहारी के चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ सुबोध कुमार इस तकनीक को बखूबी अंजाम दे रहे हैं।
 
 
कई युवतियों को शादी से पहले चेहरे के मस्सा व दागों को लेजर ट्रिटमेंट से हटा चुके हैं। कई युवक भी अपने चेहरे के मस्सा व तिल से निजात पा चुके हैं। इसके लिए उन्होंने सदर अस्पताल रोड रेड क्रॉस के सामने क्लिनिक व अपने निवास स्थित क्लिनिक में इसके लिए बहुमूल्य इक्विपमेंट इंस्टॉल करवाए हैं।

5 से 10 मिनट में हटता है तिल व मस्सा-

यह पूछे जाने पर कि चेहरे से तिल व मस्सा को हटाने में कितने देर व कितना खर्च आता है। इसपर डॉ सुबोध ने बताया कि चेहरे के तिल व मस्सा को 5 से 10 मिनट के लेजर ट्रिटमेंट में हटाया जाता है। इसका खर्च भी काफी कम आता है। मरीज को दुबारा भी नहीं आना पड़ता। लेकिन चेहरे की अन्य गंभीर समस्याओं के लिए ट्रिटमेंट का समय बढ़ सकता है। खर्च भी बढ़ सकता है।
 
 
डॉ सुबोध ने बताया कि हार्मोनल बदलाव, खाने में फास्ट फूड व बाजारू क्रीम के रिएक्शन से चेहरे या शरीर के अन्य सिस्सों में विकृति आ सकती है। कुछ परिस्थितियों में हम दवा से उपचार करते हैं। कभी-कभी उसे लेजर ट्रिटमेंट की जरूरत पड़ती है। पूछा गया कि चर्म रोग में इस विधा को अपनाया जा रहा है। तो उन्होंने बताया कि छोटे शहरों में इसका प्रचलन कम है। लेकिन मेट्रपोलिटन शहरों में डर्मेटोलोजिस्ट इस क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता हासिल कर इस तरह के मरीजों की अपनी सेवा दे रहे हैं। मोतिहारी में भी इसकी मांग बढ़ रही है। इसलिए लेजर ट्रिटमेंट के मशीनों को इंस्टॉल करना पड़ा है। बताया कि इसके लिए उन्हें भी उच्च ट्रेनिंग व चिकित्सकों के कंफ्रेंस में भाग लेने जाना पड़ता है। 
 

आधुनिक जीवनशैली में बदलता खान-पान, हार्मोंस का प्रभावित होना और सूर्य की किरणों के संपर्क में ज्‍यादा देर तक रहना कई ऐसे कारण हैं जिनसे आपको स्किन संबंधी परेशानी हो सकती है। महिलाओं व युवतियों में झुर्रियों, चेहरे पर तिल और बाल उगने की भी समस्‍या देखी जा रही है। ऐसे में आप हीन भावना की शिकार हो जाती हैं और चेहरा भी देखने में भद्दा लगने लगता है। इस तरह की समस्‍याओं से छुटकारा दिलाने में लेजर तकनीक अहम रोल अदा कर रही है।
 

क्‍या है लेजर तकनीक

डॉ सुबोध ने बताया कि लेजर स्किन रीसर्फेसिंग को लेजर पील और लेजर वेपोराइजेशन भी कहते हैं। इसके जरिए चेहरे की झुर्रियों, दाग  और धब्‍बों को से छुटकारा पाकर साफ व सुंदर चेहरा पाया जा सकता है। इसके अलावा लेजर तकनीक से आंखों के नीचे बनने वाले काले घेरों, मुंहासों व चिकनपॉक्‍स के निशान, क्षतिग्रस्‍त त्‍वचा और मस्‍से आदि से भी छुटकारा पाया जा सकता है।
 
चेहरे पर उगने वाले अनचाहे बालों को कम करने के लिए भी महिलाएं लेजर थेरेपी का सहारा ले रही हैं। इसके जरिए 80 से 90 प्रतिशत तक इलाज संभव होता है। इसके अलावा चेहरे पर बचे पांच से दस फीसदी बालों का रंग स्किन कलर जैसे हो जाता है, जो कि आसानी से नजर नहीं आते।
 
कैसे काम करती है लेजर तकनीक

डॉ सुबोध ने बताया कि यह तकनीक पूरी तरह से किरण पुजों पर आधारित होती है। इसमें त्वचा पर विशेष प्रकार की लेजर किरणों को डाला जाता है, जिसकी गर्मी बाल उगाने वाले हेयर सेल्स को खत्म कर देती है। इस तकनीक का मकसद बालों की जड़ों में मौजूद मेल्निन को खत्‍म करना होता है। यह त्‍वचा के बालों में मौजूद मेल्निन को लेजर किरणें सोख लेती हैं। जिससे बाल उगाने वाले हेयर सेल्स खत्म हो जाते हैं और बाल नहीं उगते हैं या कम मात्रा में उगते हैं। उसी तरह बाहों की केहुनी में काला दाग हो जाना भी एक आम समस्या है। इसको भी हटाया जा सकता है।
 
 
लेजर तकनीक के जरिए चेहरे की प्रभावित त्‍वचा को भी हटा दिया जाता है। उसके जगह नयी त्वचा निकल आती है। इससे उपचार के बाद त्वचा कुछ समय तक गुलाबी रहती है। धीरे-धीरे यह सामान्‍य रंग पा लेती है। सर्जन आपकी त्‍वचा की जांच करने के बाद ही यह तय करता है कि आपको लेजर ट्रीटमेंट की कितनी सिटिंग लेनी होंगी। 
 
 
लेजर तकनीक में सावधानी

लेजर तकनीक से उपचार कराने पर आपकी त्‍वचा कमजोर हो सकती है। उपचार के बाद कुछ दिनों के लिए स्किन को बैंडेड से ढका जाता है। लेजर ट्रीटमेंट कराने के लिए हमेशा एक्‍सपर्ट का ही चयन करना चाहिए। लेजर की एक से दूसरी सिटिंग के बीच करीब चार से छह हफ्ते का अंतराल होना चाहिए। डॉक्टर के परामर्श के मुताबिक कुछ दिनों तक आपको सूर्य की किरणों से भी त्वचा का बचाव करना चाहिए। contact no- 94302 34393

image
COPYRIGHT @ 2016 DESHWANI. ALL RIGHT RESERVED.DESIGN & DEVELOPED BY: 4C PLUS