बिहार
सांसद पप्पू यादव ने रामविलास पासवान से की मुलाकात, खाद्यानों के भंडारण को लेकर दिया ज्ञापन
By Deshwani | Publish Date: 23/3/2018 7:01:14 PMपटना। देशवाणी न्यूज नेटवर्क
जन अधिकार पार्टी (लो) के संरक्षक और सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने कहा है कि भारतीय खाद्य निगम द्वारा खाद्यानों का समुचित भंडारण नहीं करने के कारण लाखों टन अनाज प्रतिवर्ष बर्बाद होता है। अनाज व खाद्यानों को समुचित भंडारण से उनकी बर्बादी को रोका जा सकता है। सासंद ने केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान से मुलाकात की और अनाजों के भंडारण के लिए गोदामों के निर्माण से जुड़ा ज्ञापन भी सौंपा।
श्री पासवान से मिलने के बाद श्री यादव ने पत्रकारों ने कहा कि भारतीय खाद्य निगम द्वारा खाद्यानों का समुचित भंडारण नहीं करने के कारण लाखों टन अनाज प्रतिवर्ष बर्बाद होता है। देश में एक ओर लाखों लोग भुखमरी के शिकार होते हैं और दूसरी ओर लाखों टन अनाज बर्बाद होता है। कोसी और सीमांचल की चर्चा करते हुए श्री यादव ने कहा कि भंडारण के अभाव में मक्का की फसल बर्बाद हो जाती है। इसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ता है। उन्होंने कहा कि किसानों की बेहतरी के लिए प्रधानमंत्री सिंचाई योजना, राष्ट्रीय कृषि बाजार नीति जैसी योजनाओं की शुरुआत की गयी है। लेकिन अनाजों का उचित व बेहतर भंडारण नहीं होगा तो इन योजनाओं का फायदा किसानों को नहीं मिलेगा। सांसद ने अनाजों का बीमा करने के साथ ही सभी पंचायतों में गोदाम निर्माण की मांग की। उन्होंने कहा कि अनाजों के भंडारण की जिम्मेवारी भारतीय खाद्य निगम की है, लेकिन एफसीआई के गोदाम जर्जर हालत में हैं। गोदामों में रखे अनाज भी सड़ जाते हैं।
सांसद ने कहा कि औद्योगिक विकास और विदेशी पूंजी निवेश के पीछे भाग रही सरकार खेती व किसानों की अनदेखी कर रही है। कृषि कार्य घाटे का सौदा बन गया है। इससे किसानों का मोहभंग होता जा रहा है। सांसद ने कहा कि कृषि और किसानी की वर्तमान हालत देश की कृषि नीति की नहीं, बल्कि विकास नीति की विफलता है। उन्होंने कहा कि अनाज व खाद्यान की सुरक्षा और भंडारण के लिए बड़े पैमाने पर गोदाम बनाने की जरूरत है। सांसद से मुलाकात के दौरान श्री पासवान ने मधेपुरा में भारतीय खाद्य निगम के तहत 50 हजार टन की क्षमता वाले सेलो गोदाम के निर्माण को स्वीकृति प्रदान की और कहा कि इसका निर्माण जल्दी ही शुरू किया जाएगा।