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बिहार
मिथिला विश्वविद्यालय में ई-पाठशाला का विधिवत उद्घाटन
By Deshwani | Publish Date: 19/1/2018 6:41:06 PM
मिथिला विश्वविद्यालय में ई-पाठशाला का विधिवत उद्घाटन

दरभंगा, (हि.स)| ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के वाणिज्य एवं प्रबंधन विभाग के सभागार में कुलपति प्रो0 सुरेन्द्र कुमार सिंह ने विश्वविद्यालय ई-पाठशाला का विधिवत उद्घाटन कर आम छात्रों एवं अन्य जरूरतमंदों के उपयोग हेतु इसे उपलब्ध करा दिया है। मौके पर उन्होंने बताया कि अभी तक यूजीसी के इनफ्लिबनेट के तहत पीजी ई-पाठशाला एवं एनसीईआरटी के ‘स्वयंम’ पोर्टल पर छात्रों के उपयोग हेतु कुछ विषयों की पाठ्य सामग्री उपलब्ध है। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय ने यूजीसी के दिशा-निर्देश एवं टीचिंग-लर्निंग में (आईसीटी) सूचना-संचार तकनीकि का उपयोग कर शिक्षकों की संख्या में हो रही दिन-प्रतिदिन की कमी से छात्रों को होने वाली कठिनाई के समाधान हेतु विश्वविद्यालय ई-पाठशाला की परिकल्पना की जिसका आरम्भिक स्वरूप आज आपके सामने है। उन्होंने कहा कि मैंने जब पदभार संभाला तो ज्ञात हुआ कि साठ प्रतिशत शिक्षकों के पद खाली है। यह समस्या पूरे देश में है और इसीलिए यूजीसी ने इनफ्लिबनेट के तहत पीजी ई-पाठशाला विकसित किया और एनसीआरटी ने ‘स्वयंम’। मैंने सोचा कि यह विनयशील (हम्बल) प्रयास ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय क्यों नहीं कर सकती है और मैंने विद्वत परिषद् से इसे पास कराकर वर्तमान कमिटी को यह भार सौंपा और मुझे अत्यधिक प्रसन्नता है कि इस समिति ने यह कार्य कर दिखाया। यह क्लास रूम टीचिंग का विकल्प नहीं हो सकता, परन्तु यह अतिरिक्त ज्ञान को जोड़ने का कार्य करेगा।
उन्होंने आगे कहा कि मुझे शंका है कि कहीं छात्र इसी पर निर्भर न हो जाय, इसीलिए पुराने संदर्भों के साथ इसे सम्बद्ध (हाइपरलिंक) किया जाय। कोई भी सुविधा प्रदान की जाए और उसका उपयोग न हो तो ऐसी सुविधा से क्या लाभ। उन्होंने शिक्षकों को इस हेतु छात्रों को जागरूक करने की सलाह दी। अपने सम्बोधन में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के प्रति-कुलपति प्रो जय गोपाल ने ई-पाठशाला से छात्रों को होने वाले लाभ के सम्बन्ध में विस्तृत चर्चा की। छात्र संकायाध्यक्ष प्रो भोला चैरसिया ने अपने संक्षिप्त उद्बोधन में ई-पाठशाला के उद्देश्यों की चर्चा की। उन्होंने पाठ्यक्रम उपलब्ध कराने वाले सभी विषय विशेषज्ञों को धन्यवाद दिया। विश्वविद्यालय ई-पाठशाला समिति के चेयरमेन प्रो रतन कुमार चौधरी ने विश्वविद्यालय ई-पाठशाला की अवधारना को विस्तार से लोगों के समक्ष रखा। उन्होंने बताया कि अक्टूबर 2017 में इस विश्वविद्यालय में एकेडमिक क्लस्टर गठन से संबंधित प्रस्ताव विद्वत परिषद् से पास हो गये थे। वर्तमान कुलपति महोदय के समक्ष जब यह बात रखी गयी तो उन्होंने कहा कि जब शिक्षकों की कमी है तो एकेडमिक क्लस्टर का गठन कैसे सम्भव है? उन्होंने अपने दूरदर्शी-कौशल से इस परियोजना को विश्वविद्यालय में स्थापित करने हेतु समिति को दिया जिससे एक बटन दबाने से छात्रों को उनके पाठ्यक्रम, पाठ्य सामग्री, विश्वविद्यालय के विषय से संबंधित पूर्व के प्रश्न-पत्र उपलब्ध हो जायेंगे। 
प्रो चौधरी ने बेवसाइट परह छात्र या जरूरतमंद अपने पाठ्य सामग्री तक पहुँचेंगे इसे प्रदर्शित कर सबों को बताया। 
कार्यक्रम के आरम्भ में सीसीडीसी डॉ मुनेश्वर यादव ने आगत अतिथियों का स्वागत किया। डॉ विवेकानन्द झा सदस्य ई-पाठशाला समिति ने कार्यक्रम का संचालन किया तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ शिशिर कुमार वर्मा ने किया। कार्यक्रम में सभी संकायाध्यक्ष, स्नातकोत्तर विभागों के विभागाध्यक्ष, विश्वविद्यालय के पदाधिकारीगण, स्थानीय एवं स्नातकोत्तर स्तर के कॉलेजों के प्रधानाचार्य एवं ई-पाठशाला में पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराने वाले सभी विषय विशेषज्ञ उपस्थित थे।
वेबसाईट को प्रदर्शित कर दिखाने में तकनीकी सहायता फैजान अली और कृष्ण मुरारी ने किया। टंकण और पीडीएफ में सजाने का कार्य उन्नती सॉफ्टवेयर के पुष्पेन्द्र झा ने किया है | 
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