बिहार
मगध विवि के कुलपति, यूजीसी एवं अन्य को जवाबी हलफनामा दायर करने का निर्देश
By Deshwani | Publish Date: 12/10/2017 5:20:25 PMपटना, (हि.स.)। यूजीसी नियम 2009 के लागू होने और बिहार में वर्ष 2012 में इसके लागू होने के मध्य पीएचडी कर रहे अभ्यर्थियों के मामले में उपजे विरोधाभास और विवाद पर पटना हाईकोर्ट ने मगध विश्वविद्यालय के कुलपति, यूजीसी सहित अन्य प्रतिवादियों को 4 सप्ताह के भीतर स्थिति स्पष्ट करते हुए जवाब देने का निर्देश दिया है।
न्यायाधीश चक्रधारीशरण सिंह की एकलपीठ ने नीलम सिंह एवं अन्य की ओर से दायर याचिका पर गुरूवार को सुनवाई करते हुए उक्त निर्देश दिया।
याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि पीएचडी की उपाधि हेतु युनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन द्वारा नया नियम वर्ष 2009 में बनाकर गजट प्रकाशित किया गया। वहीं बिहार में यह वर्ष 2012 में लागू किया गया है। परंतु इससे पूर्व याचिकाकर्ता द्वारा पीएचडी का थेसिस जमा कर दिया। वहीं विश्वविद्यालय द्वारा इन्हें निर्धारित फीस जमा करने और यूजीसी के 2009 के नियम के तहत नामांकन की बात कही गयी।
अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के बाद बिहार के कुलाधिपति, यूजीसी सहित सम्बंधित प्रतिवादियों को निर्देश दिया कि वे अगली सुनवाई में जवाबी हलफनामा दायर कर यह स्पष्ट करें कि नये नियम के बनने और बिहार में इसके लागू होने के मध्य की अवधि में जो छात्र पीएचडी उपाधि के लिए पंजीकृत हुए हैं उनके सम्बंध में कोई स्थिति स्पष्ट क्यों नहीं है।