नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज डीके. जैन भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के पहले लोकपाल होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने आज जैन को बोर्ड का लोकपाल नियुक्त किया। उन्हें बीसीसीआई में उठ रहे प्रशासनिक मुद्दों के कारण यह जिम्मेदारी सौंपी गई है।
जस्टिस जैन हार्दिक पांड्या-केएल राहुल का मामला भी देखेंगे। इन दोनों क्रिकेटरों पर महिलाओं के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप हैं। बीसीसीआई ने इन दोनों को कुछ दिनों के लिए प्रतिबंधित भी किया था, लेकिन इस मामले में सुनवाई नहीं हो पाने के कारण दोनों को फिर से खेलने की इजाजत दे दी गई।
जस्टिस एसए. बोब्डे और अभय मनोहर सप्रे की दो सदस्यीय बेंच ने छह वकीलों के सहमत हो जाने के बाद जैन को लोकपाल नियुक्त किया है। इन छह वकीलों के नाम का सुझाव एमीकस क्यूरी (न्यायमित्र) पीएस. नरसिम्हा ने दिए थे। लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों के मुताबिक तैयार बीसीसीआई के नए संविधान के अनुच्छेद में इसकी व्यवस्था है। इसी के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने उनकी नियुक्ति का आदेश दिया।
सुप्रीम कोर्ट प्रशासकों की समिति (सीओए) के तीसरे सदस्य के नाम का ऐलान भी कर सकता है। मामले की सुनवाई कर रही बेंच ने कहा, ‘सीओए के तीसरे सदस्य को लेकर हमारे पास कुछ नाम हैं। उन पर चर्चा कर हम जल्द ही फैसला लेंगे।’
फिलहाल सीओए में 2 ही सदस्य विनोद राय और डायना एडुलजी हैं। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा, ‘हमने कुछ न्यूज रिपोर्ट देखी हैं। ऐसा लगता है कि उन दोनों के बीच कुछ मतभेद हैं। उन्हें कहिए कि वे अपने मतभेद सार्वजनिक स्तर पर मत ले जाएं।’
सीओए प्रमुख विनोद राय और सदस्य डायना एडुलजी के बीच अक्सर मतभेद की खबरें आती रही हैं। खासकर महिला टीम के कोच की नियुक्ति के मामले में डायना एडुलजी ने विनोद राय से मतभिन्नता जाहिर किए थे। इसके अलावा हार्दिक पांड्या और केएल राहुल पर कार्रवाई के मामले में भी एडुलजी ज्यादा सख्त कार्रवाई चाहती थीं।