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कुलदीप ने बताया सफलता का राज, लॉर्ड्स में नाकामी के बाद बदली तकनीकी
By Deshwani | Publish Date: 7/10/2018 12:31:27 PMराजकोट। वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट मैच में पहली बार पांच विकेट लेने वाले चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव ने कहा कि इस मैच में उनकी सफलता का राज इंग्लैंड सीरीज के बाद लाल गेंद से अभ्यास करना है। इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में कुलदीप को सिर्फ एक मैच में खेलने का मौका मिला था जिसमें वह एक भी सफलता हासिल नहीं कर सके थे। इस प्रदर्शन के बाद उन्हें अंतिम दो मैचों में टीम में जगह नहीं मिली।
कुलदीप दौरे से वापस आने के बाद अपने निजी कोच की देखरेख में अभ्यास के दौरान लाल गेंद से लंबा स्पैल डाला इसके बाद वह ऑस्ट्रेलिया ए के खिलाफ दो मैचों की घरेलू सीरीज में खेले और फिर एशिया कप (वनडे) के लिए रवाना हो गए थे।
भारत के लिए टेस्ट में पांच विकेट लेने वाले पहले चाइनामैन गेंदबाज बने कुलदीप ने कहा, "इंग्लैंड से आने के बाद अपने घर जाकर कोच से मिला, उनके साथ तीन-चार दिन तक लाल गेंद से अभ्यास किया। यह मुश्किल था क्योंकि सफेद गेंद (वनडे) से खेलने के बाद लाल गेंद से लय खो देते हैं। मैं गेंद को धीमा फेंकने पर ध्यान दे रहा था क्योंकि सफेद गेंद से आप तेज गेंद फेंकते हैं।"
इस अतिरिक्त अभ्यास से कुलदीप को फायदा हुआ जिससे उन्होंने ऑस्ट्रेलिया ए के खिलाफ दूसरे अनाधिकृत टेस्ट मैच में आठ विकेट लिए। इंग्लैंड में हालांकि उन्हें ज्यादा मौके नहीं मिले लेकिन वहां की गलती के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "इंग्लैंड में मैं गुड लेंथ पर गेंद करने के बारे में सोच रहा था लेकिन उस समय मुझे ड्यूक की लाल गेंद से गेंदबाजी का अभ्यास नहीं था। ड्यूक गेंद एसजी गेंद से ज्यादा ठोस होती है इसलिए उससे अभ्यस्त होने के लिए आपको कम से कम 10-15 दिन का समय चाहिए होता है।"