ब्रेकिंग न्यूज़
मोतिहारी निवासी तीन लाख के इनामी राहुल को दिल्ली स्पेशल ब्रांच की पुलिस ने मुठभेड़ करके दबोचापूर्व केन्द्रीय कृषि कल्याणमंत्री राधामोहन सिंह का बीजेपी से पूर्वी चम्पारण से टिकट कंफर्मपूर्व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री सांसद राधामोहन सिंह विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगेभारत की राष्ट्रपति, मॉरीशस में; राष्ट्रपति रूपुन और प्रधानमंत्री जुगनाथ से मुलाकात कीकोयला सेक्टर में 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को 9 गीगावॉट से अधिक तक बढ़ाने का लक्ष्य तय कियाझारखंड को आज तीसरी वंदे भारत ट्रेन की मिली सौगातदेश की संस्कृति का प्रसार करने वाले सोशल मीडिया कंटेंट क्रिएटर को प्रधामंत्री ने संर्जक पुरस्कार से सम्मानित किया'दंगल' फेम सुहानी भटनागर की प्रेयर मीट में पहुंचीं बबीता फोगाट
खेल
आखिरी ओवर में चाहिए थे 6 रन, बल्ले से निकले 5, फिर भी जीती टीम इंडिया
By Deshwani | Publish Date: 29/9/2018 12:35:31 PM
आखिरी ओवर में चाहिए थे 6 रन, बल्ले से निकले 5, फिर भी जीती टीम इंडिया

नई दिल्ली। भारत और बांग्लादेश के बीच खेला गया एशिया कप का फाइनल मुकाबला ठीक उसी तरह का हुआ जिसका हर क्रिकेट प्रेमी उम्मीद करता है। टूर्नामेंट की दो सर्वश्रेष्ट टीमों के बीच हुआ यह मुकाबला आखिरी गेंद तक पहुंचा। अगर कहें क्रिकेट फैंस के लिए ये ड्रीम फाइनल था तो गलत नहीं होगा।
 
इस रोमांचक मुकाबले में भारतीय टीम ने जीत तो हासिल कर ली लेकिन बांग्लादेश की टीम ने अपने प्रदर्शन से फैंस का दिल जीत लिया। टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते हुए बांग्लादेश की टीम ने 50 ओवर में 222 रन बनाए। इस लक्ष्य को भारतीय टीम ने 7 विकेट खोकर हासिल कर लिया और 7वीं बार एशिया कप पर कब्जा कर लिया। एक समय बांग्लादेश 20 ओवर में बिना किसी विकेट के नुकसान पर 120 रन बनाकर बड़े लक्ष्य की ओर बढ़ता दिख रहा था। लेकिन भारतीय टीम के स्पिनर केदार जाधव ने एक बार फिर गेंद से कमाल किया और भारत को पहली सफलता दिलाई। बांग्लादेश का पहला विकेट गिरते ही मैच का पासा पलटा और भारतीय टीम ने मैच में जबरदस्त वापसी की।
 
कुलदीप, केदार और चहल की स्पिन तिकड़ी के आगे बांग्लादेशी बल्लेबाजों की एक न चली और एक करके सब निपटते गए। 223 रन के टारगेट का पीछा करने उतरी भारतीय टीम की शुरूआत भी अच्छी नहीं रही। शानदार फॉर्म में चल रहे शिखर धवन के रूप में भारतीय टीम को पहला झटका लगा। बांग्लादेशी गेंदबाज निरंतर अंतराल पर विकेट चटकाते रहे। हालांकि जब दिनेश कार्तिक और महेंद्र सिंह धोनी बल्लेबाजी कर रह थे तो ऐसा लग रहा था भारतीय टीम आसानी से लक्ष्य को हासिल कर लेगी। लेकिन कार्तिक के आउट होते ही भारतीय टीम दबाव में आ गई और 30 रन बाद ही धोनी भी पवेलियन लौट गए। हालांकि बाद में केदार जाधव, रविंद्र जाडेजा और भुवनेश्वर कुमार ने अहम योगदान दिया।
 
223 रनों के जवाब में भारत को आखिरी छह गेंद में छह रन की जरूरत थी। बांग्लादेश के कप्तान ने स्पिनर महमूदुल्लाह को गेंद सौंपी। सामने बल्लेबाजी कर रहे थे कुलदीप यादव। कुलदीप ने एक रन लेकर स्ट्राइक केदार जाधव को दिया। दूसरी गेंद पर केदार ने एक रन लिया। अब चाहिए थे 4 गेंद में 4 रन। तीसरी गेंद पर कुलदीप यादव ने दो रन लिए। अब इसके बाद 3 गेंद में 2 रन चाहिए थे। चौथी गेंद पर कोई भी रन नहीं बना और इस तरह टीम इंडिया को जीत के लिए 2 गेंद में 2 बनाने थे। कुलदीप ने 5वीं गेंद पर रन लेकर स्ट्राइक केदार को दिया।
 
अब जिस गेंद और रन का सबको इंतजार था वो आ चुकी थी। ओवर की आखिरी गेंद पर केदार ने रन लेकर भारतीय टीम को रोमांचक जीत दिलाई। हालांकि, यह रन केदार जाधव के बल्ले से नहीं निकला, बल्कि गेंद उनके पैड से लगकर लैग साइड में गई और उन्होंने तेजी से दौड़ते हुए विजयी रन पूरा कर लिया। भारत के लिए कप्तान रोहित शर्मा (48) सर्वोच्च स्कोरर रहे। उन्होंने अपनी पारी में 55 गेंदों का सामना किया और तीन चौकों के अलावा इतने ही छक्के लगाए। दिनेश कार्तिक ने 37 और महेंद्र सिंह धोनी ने 36 रन बनाए। केदार जाधव ने भी 27 गेंदों में 23 रनों की नाबाद पारी खेली।
 
भारतीय टीम ने 7वीं बार एशिया कप पर कब्जा किया है। भारत इससे पहले 1984, 1988, 1990/91, 1995, 2010, 2016 में एशिया कप का चैंपियन बन चुका है। एशिया कप के इतिहास में भारत ही एक ऐसी टीम है जिसने सबसे ज्यादा 7 बार यह खिताब अपने नाम किया है।
image
COPYRIGHT @ 2016 DESHWANI. ALL RIGHT RESERVED.DESIGN & DEVELOPED BY: 4C PLUS