नई दिल्ली। कामयाबी के रथ पर सवार टीम इंडिया ने दक्षिण अफ्रीका में अपने आपको साबित कर दिया है। हालांकि टेस्ट सीरीज में उसे 2-1 से हार मिली। लेकिन उसके बाद वनडे और टी20 में उसने कमाल का खेल दिखाते हुए अफ्रीका को उसके घर में ही हरा दिया। आईपीएल खेलने के बाद टीम इंडिया जुलाई में इंग्लैंड दौरे पर जाएगी। यहां उसे 4 टेस्ट मैच खेलने हैं। 2007 के बाद टीम इंडिया ने यहां टेस्ट सीरीज नहीं जीती है। विराट के नेतृत्व में अगर टीम इंडिया ने टेस्ट सीरीज जीती तो ये टीम इंडिया के द्वारा इंग्लैंड 11 साल बाद टेस्ट जीत होगी।
इससे पहले 2007 में टीम इंडिया ने राहुल द्रविड़ के नेतृत्व में टेस्ट सीरीज जीती थी। तब टीम इंडिया ने ये कमाल 21 साल बाद किया था। टीम इंडिया ने इंगलैंड में अब तक 17 टेस्ट सीरीज खेली हैं। इनमें से उसने सिर्फ 3 बार टेस्ट सीरीज ही जीती हैं. एक टेस्ट सीरीज ड्रॉ रही है। बाकी सारी सीरीज इंग्लैंड ने जीती हैं।
इंग्लैंड के हरफनमौला खिलाड़ी बेन स्टोक्स भारत के खिलाफ लॉडर्स में होने वाले टेस्ट मैच में नहीं खेलेंगे। यह टेस्ट मैच छह अगस्त से खेला जाना है। इस दिन ही स्टोक्स के ब्रिस्टल मामले की सुनवाई होनी है। वेबसाइट ईएसपीएनक्रिकइंफो की रिपोर्ट के मुताबिक, स्टोक्स इस समय न्यूजीलैंड के दौर पर हैं, वह सोमवार को अपनी पहचान को पुख्ता करने के लिए हुई सुनवाई में वीडियो के जरिए उपस्थिति रहे थे। इस विवाद के कारण स्टोक्स आस्ट्रेलिया के खिलाफ एशेज सीरीज नहीं खेल पाए थे। ब्रिस्टल में नाइट क्लब में स्टोक्स की झड़प कुछ लोगों से हो गई थी और इसी कारण उन्हें कई दिनों तक क्रिकेट से दूर रहना पड़ा था। उन्होंने इसी महीने की शुरुआत में न्यूजीलैंड के साथ खेली गई सीरीज में वापसी की थी।
अगर हम टेस्ट में इंग्लैंड की बल्लेबाजी की बात करें तो सिर्फ जो रूट ही बड़ा चेहरा नजर आते हैं। एशेज सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने बल्लेबाजों में पहले तीन बल्लेबाज ऑस्ट्रेलिया के थे। इंग्लैंड की ओर से डेविड मालन ने सबसे ज्यादा रन बनाए थे. उन्होंने 5 मैचों में 383 रन बनाए। इसमें एक शतक और 3 अर्धशतक शामिल रहे। चौथे नंबर पर जो रूट थे। 5 मैचों में 378 रन बनाए थे। हालांकि वह कोई शतक नहीं बना सके थे। कुक की हालत वैसे ही खराब चल रही है। अगर वह चौथे मैच में 244 रन नहीं बनाते तो वह पूरी सीरीज में डेढ़ सौ रन भी नहीं बना पाते।
कहा जाता है कि किसी भी टेस्ट सीरीज को जीतने की चाबी गेंदबाजों के पास होती है। अगर वह एक टेस्ट में 20 विकेट ले पाते हैं तो किसी भी सीरीज में उनके जीतने की संभावना बढ़ जाती है। अगर हम एशेज पर नजर डालें तो इंग्लैंड के पांच मैचों में 100 विकेट में 87 विकेट उनके चार गेंदबाजों ने हासिल कर लिए। वहीं इंग्लैंड 9 गेंदबाज मिलकर ऑस्ट्रेलिया के 100 में से 54 विकेट ही ले पाए. वहीं भारतीय गेंदबाजों की बात करें तो उन्होंने अभी हाल में अफ्रीका में हुई 3 मैचों की सीरीज में अफ्रीका के 60 में से 60 विकेट गिराने में सफलता हासिल की थी। टीम इंडिया ने भले सीरीज 2-1 से गंवा दी थी, लेकिन उसके गेंदबाजों ने कई बार उसे मैच में वासल लाकर खड़ा किया था।