वेंगसरकर ने किया खुलासा, 2008 में विराट को मौका दिया तो हटना पड़ा चीफ सिलेक्टर के पद से
नई दिल्ली। वर्तमान में टीम इंडिया में कप्तान विराट कोहली का वही स्थान है, जो कभी सचिन तेंदुलकर का हुआ करता था। जिस तरह किसी समय बिना सचिन के टीम की कल्पना नहीं की जा सकती थी, उसी तरह आज टीम इंडिया की कल्पना विराट के बिना नहीं की जा सकती है। लेकिन इन्हीं विराट कोहली को सबसे पहली बार टीम में चुनने के कारण मुख्य चयनकर्ता दिलीप वेंगसरकर को उनके पद से हटना पड़ा था। ये बात अफवाह नहीं है, बल्कि इस बात को खुद दिलीप वेंगसरकर ने माना है।
क्रिकेट की दुनिया में कर्नल के नाम से मशहूर वेंगसरकर ने इस बात का खुलासा एक मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान किया। उन्होंने बताया कि 2008 में उन्हें विराट कोहली को मौका देने के कारण उनके पद से हटा दिया गया था। ये वाकया 2008 का है। उस समय दिलीप वेंगसरकर टीम इंडिया के चीफ सिलेक्टर हुआ करते थे। वेंगसरकर ने बल्लेबाज एस बद्रीनाथ की जगह विराट कोहली को चुनने के कारण पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष एन श्रीनिवासन से झगड़े का भी जिक्र किया है।
इसके अनुसार, 2008 में विराट कोहली की कप्तानी में जूनियर टीम ने अंडर-19 क्रिकेट वर्ल्डकप जीत लिया। इसके बाद विराट के प्रदर्शन और कप्तानी की खूब चर्चा हुई। यही कारण था कि जल्द ही विराट को टीम इंडिया में जगह मिलने की बात होने लगी। जल्द ही उन्हें ये मौका मिल भी गया। वेंगसरकर के अनुसार, विराट को एस बद्रीनाथ की जगह राष्ट्रीय टीम में मौका दिया गया। वेंगसरकर का यह फैसला एन श्रीनिवासन को रास नहीं आया। श्रीनिवासन उस वक्त बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष और तमिलनाडु क्रिकेट संघ के अध्यक्ष थे। वेंगसरकर ने कहा, श्रीनिवासन को जब यह पता चला कि मैंने विराट के लिए बद्रीनाथ को ड्रॉप कर दिया है तो वह गुस्सा हो गए। क्योंकि बद्रीनाथ तमिलनाडु के लिए खेलते थे।
इसके बाद श्रीनिवासन ने तत्कालीन बीसीसीआई अध्यक्ष शरद पवार से इसकी शिकायत कर दी। इसके अगले ही दिन मुझे चयन समिति के चेयरमैन पद से हटा दिया गया, लेकिन वह विराट कोहली को चुनने का मेरा फैसला बदल नहीं पाए। इससे पहले उन्होंने इस बात का खुलासा पिछले साल एक किताब डेमॉक्रेसी इलेवन में किया था। क्रिकेट पर लिखी गई इस इस किताब में कपिल देव, सुनील गावस्कर, एमएस धोनी और दूसरे बड़े भारतीय क्रिकेटरों से जुड़ी बातों का उल्लेख है। दिलीप वेंगसरकर के मुताबिक 2008 में टीम इंडिया के श्रीलंका दौरे के लिए टीम का चुनाव होना था। मैं विराट कोहली को टीम में चाहता था। लेकिन तब टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और कोच गेरी कर्स्टन इससे सहमत नहीं थे।
वेंगसरकर ने इस कार्यक्रम में कहा, 'मुझे लगा कि कोहली को टीम में शामलि करने का यह सही मौका है। अन्य चार चयनकर्ता भी मेरे फैसले से सहमत थे, लेकिन गैरी और धोनी ने चूंकि कोहली को ज्यादा खेलते हुए नहीं देखा था, इसलिए वह थोड़ा झिझक रहे थे। मैंने उन्हें बताया कि मैंने कोहली को बल्लेबाजी करते देखा है और हमें उसे टीम में शामिल करना चाहिए। मुझे पता था कि वे एस। बद्रीनाथ को टीम में रखना चाहते थे, क्योंकि वह चेन्नई सुपर किंग्स का खिलाड़ी था। अगर कोहली टीम में आते तो बद्रीनाथ को टीम से बाहर करना पड़ता। श्रीनिवासन उस समय बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष थे। वह नाराज थे कि उनकी टीम के खिलाड़ी बद्रीनाथ को बाहर किए जाने की बात हो रही थी।'