खेल
"काश 2003 के वर्ल्ड कप में महेन्द्र सिंह धोनी मेरी टीम में होते"
By Deshwani | Publish Date: 1/3/2018 5:58:59 PMनई दिल्ली। भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सौरव गागुंली की आत्मकथा ‘A Century is Not Enough’ हाल ही में 25 फरवरी को रिलीज हुई है। जिसमें उन्होंने क्रिकेट से जुड़े अपने उन दिनों के बार में खुलासा किया जो उनके लिए काफी यादगार साबित हुए हैं। उन्होंने भारत के पूर्व कप्तान विकेटकीपर महेन्द्र सिंह धोनी के बारे में भी कई बातें लिखी। धोनी ने गांगुली की कप्तानी में ही अपने क्रिकेट की शुरूआत की थी। गांगुली ने उनकी क्षमता को पहचानकर उन्हें टाॅफ आॅर्डर पर बैटिंग करने के लिए प्रेरित किया।
गांगुली ने धोनी को लेकर अपनी आत्मकथा में लिखा कि, ‘‘मैंने कई वर्षों तक ऐसे खिलाड़ियों पर लगातार नजर रखी जो दबाव के क्षणों में भी शांत रहते हैं और अपनी काबिलियत से मैच की तस्वीर बदल सकते हैं। धोनी पर मेरा ध्यान साल 2004 में गया, वे इसी तरह के खिलाड़ी थे, मैं पहले ही दिन से धोनी से बेहद प्रभावित हुआ था।’’ गांगुली आगे लिखते हैं कि, ‘‘काश, धोनी वर्ल्डकप 2003 की मेरी टीम में होते, मुझे बताया गया कि जब हम वर्ष 2003 के वर्ल्डकप के फाइनल में खेल रहे थे, उस समय भी धोनी रेलवे में टिकट कलेक्टर (टीसी) थे, अविश्वसनीय।’’
इसके अलावा उन्होंने लिखा, ‘‘आज मैं इस बात से खुश हूं कि मेरा अनुमान सही साबित हुआ, यह शानदार है कि धोनी ने आज अपने आपको एक बड़े खिलाड़ी के रूप में स्थापित किया है।’’ सौरव गांगुली ने भारत की ओर से 113 टेस्ट और 311 वनडे मैच खेले। टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने 42.17 के औसत से 7212 रन बनाए, जिसमें 16 शतक शामिल रहे। अपने पहले ही टेस्ट में उन्होंने शतक जमाने का कारनामा किया था। गांगुली ने अपना अंतिम अतंर्राष्ट्रीय मैच नागपुर में नवंबर 2008 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था।