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खेल
प्रतिभाओं का मंच बनेगा ‘खेलो इंडिया’
By Deshwani | Publish Date: 28/1/2018 5:20:54 PM
प्रतिभाओं का मंच बनेगा ‘खेलो इंडिया’

 नई दिल्ली, (हि.स.) । केन्द्र सरकार ने ओलंपिक सहित बड़े महत्वपूर्ण प्रतियोगिताओं में देश का प्रदर्शन सुधारने के लिए जमीनी स्तर से प्रयास करने शुरू कर दिए हैं। इस क्रम में सरकार स्कूली स्तर पर प्रतिभाओं की पहचान के लिए “खेलो इंडिया स्कूल गेम्स” लेकर आ रही है, जो स्कूली स्तर पर एक सर्वश्रेष्ठ टूर्नामेंट होगा और श्रेष्ठ प्रतिभाओं के पहचान का महत्वपूर्ण मंच होगा।

“खेलो इंडिया स्कूल गेम्स” के पहले संस्करण की शुरुआत 31 जनवरी से हो रही है। इसके तहत 16 खेलों का आयोजन किया जा रहा है, जिनमें 17 वर्ष से कम आयु वर्ग के बालक-बालिकाएं भाग लेगे। 2017-18 में हुई 63वीं राष्ट्रीय स्कूल प्रतियोगिता के प्रदर्शन के आधार पर खिलाड़ियों का चयन किया गया है। 
 
“खेलो इंडिया स्कूल गेम्स” में आयोजित प्रतियोगिताएं
खेलो इंडिया स्कूल गेम्स में तीरंदाजी, एथलेटिक्स, बैडमिंटन, मुक्केबाजी, जिमनास्टिक, जूडो, निशानेबाजी, तैराकी, वेटलिफ्टिंग और कुश्ती को मिलाकर कुल 10 खेलों में एकल स्पर्धाएं होंगी, जबकि बास्केटबॉल, फुटबॉल, हॉकी, कबड्डी, खो-खो और वॉलीबॉल छह टीम खेल हैं, जो पहले खेलो इंडिया स्कूल गेम्स का हिस्सा होंगे।
 
पहले संस्करण में हिस्सा लेंगे 4452 खिलाड़ी औऱ अधिकारी
अभी तक खेलो इंडिया की आयोजक समिति को कुल 3298 प्रविष्टियां प्राप्त हो चुकी हैं। 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में से 16 खेलों में कुल 4452 खिलाड़ियों और अधिकारियों के हिस्सा लेने की उम्मीद है।
 
अभी तक दिल्ली से 341 खिलाड़ियों के हिस्सा लेने की पुष्टि हो चुकी है। वहीं, महाराष्ट्र से 321 खिलाड़ी इस प्रतियोगिता में भाग लेंगे। हरियाणा से अभी तक सबसे ज्यादा 350 प्रविष्टियां मिली है। इन खेलों में एथलेटिक्स में सबसे ज्यादा खिलाड़ी हिस्सा लेंगे।
 
197 स्वर्ण पदक होंगे वितरित 
खेलो इंडिया स्कूल गेम्स के पहले संस्करण में कुल 197 स्वर्ण पदक वितरित किए जाएंगे। जिनमें एथलेटिक्स में 640 लड़के और लड़कियां 36 स्वर्ण पदक के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगे। तैराकी में 552 खिलाड़ी 35 स्वर्ण पदकों के लिए जद्दोजहद करेंगे। कुश्ती में कुल 480 पहलवान 30 स्वर्ण पदक और 400 मुक्केबाज 26 स्वर्ण पदक के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगे। वहीं जिमनास्टिक में कुल 86 प्रतिभागी हिस्सा लेंगे।
 
पहले संस्करण का प्रमुख आकर्षण होंगे अनीश और जैरेमी लालरिनुंगा 
विश्व जूनियर चैंपियन निशानेबाज अनीश भानवाला (हरियाण) और आईडब्ल्यूएफ विश्व वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने वाले जैरेमी लालरिनुंगा (मिजोरम) 31 जनवरी से शुरू हो रहे पहले खेलो इंडिया स्कूल गेम्स के प्रमुख आकर्षण होंगे।
 
15 साल के अनीश ने पिछले साल जुलाई में जर्मनी के सुहल में आयोजित आईएसएसएफ जूनियर विश्व चैंपियनशिप की 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था। मिजोरम के रहने वाले 15 साल के जैरेमी ने पिछले साल अप्रैल में बैंकॉक में आयोजित आईडब्ल्यूएफ वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में रजत पदक अपने नाम किया था। वह पुणे के आर्मी बॉयज स्पोर्ट्स कंपनी में अभ्यास करते हैं।
 
आंध्र प्रदेश के तीरंदाज बोम्मादेवारा धीरज इन खेलों में भाग लेने वाले बड़े नामों में से एक होंगे। धीरज ने पिछले महीने ही अहमदाबाद में आयोजित एसजीएफआई राष्ट्रीय स्पर्धा में पांच पदक अपने नाम किए थे। उन्होंने इससे पहले यूथ ओलंपिक गेम्स के लिए एशियाई उपमहाद्वीप के लिए आयोजित क्वालीफाइंग टूर्नामेंट में रजत पदक जीता था।
 
“खेलो इंडिया स्कूल गेम्स” की प्रमुख बातें
खेलो इंडिया स्कूल गेम्स-2018 प्रतियोगिता में चयनित होने वाले राज्य के खिलाड़ियों को आठ साल तक बतौर स्कॉलरशिप पांच लाख रुपये मिलेंगे। इसके अलावा चयनित खिलाड़ियों को भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) सेंटरों में बकायदा प्रशिक्षण भी दिलवाया जाएगा। कार्यक्रम के तहत 10 से 18 साल आयुवर्ग के करीब 20 करोड़ बच्चों को राष्ट्रीय शारीरिक फिटनेस अभियान में शामिल किया जाएगा। इससे ने केवल बच्चों की शारीरिक फिटनेस पर ध्यान दिया जाएगा बल्कि फिटनेस से संबंधित गतिविधियों को भी समर्थन मिलेगा। इसके अलावा इस कार्यक्रम का लक्ष्य देश में 20 विश्वविद्यालयों को खेल की उत्कृष्टता के केंद्र के रूप में बढ़ावा देना है। इसके तहत प्रतिभाशाली एथलीट अपनी शिक्षा के साथ समझौता किए बिना प्रतियोगी खेलों में आगे बढ़ने में सक्षम हो पाएंगे। 
 
कोचों के लिए राष्ट्रव्यापी पारदर्शी प्रणाली स्थापित करेगी सरकार
“खेलो इंडिया स्कूल गेम्स” के तहत सरकार ने स्कूल से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक की प्रतिस्पर्धाओं के लिए योग्य प्रशिक्षकों की नियुक्ति की एक पारदर्शी प्रणाली स्थापित करने के उद्देश्य से ऑनलाइन राष्ट्रीय कोच बैंक की स्थापना करने का फैसला किया है। 
 
इस कोच बैंक के जरिये पूरे देश में जो भी अपने को कोच समझते हैं या किसी न किसी स्तर पर कोचिंग देते हैं वह अपना रजिस्ट्रेशन इस बैंक में करा सकते हैं। इसके बाद सरकार दो या तीन हफ्तों का कोर्स आयोजित कराएगी। इसके लिए अंतरराष्ट्रीय संस्थानों की भी सहायता ली जाएगी। 
 
कोर्स देश के अलावा विदेशों में भी आयोजित कराये जाएंगे। जो कोच राष्ट्रीय कोच बैंक में अपना रजिस्ट्रेशन कराएंगे, उन सभी कोचों को एक राष्ट्रीय एजेंसी द्वारा सत्यापित कराकर उनको प्रशिक्षित कराया जाएगा इस तरह हमारे पास कोचों का डाटा जमा हो जाएगा। इससे हमें एक फायदा यह होगा कि जिसे भी कोचों की जरूरत होगी वह कोच बैंक पर जाकर सहायता ले सकता है।
 
“खेलो इंडिया स्कूल गेम्स” के अंतर्गत नगद प्रोत्साहन राशि योजना
इसके अलावा सरकार एक नगद प्रोत्साहन राशि योजना की भी शुरूआत करेगी। इस योजना के तहत अब सिर्फ पदक जीतने वाले खिलाड़ी और कोचों तक ही ईनामी राशि सीमित नहीं रहेगी। अब जब भी कोई खिलाड़ी राष्ट्रमंडल खेल, एशियाई खेल और ओलंपिक में पदक जीतेगा तो उसके कोच को मिलने वाली प्रोत्साहन राशि का 20 प्रतिशत हिस्सा अब खिलाड़ी के साथ जमीनी स्तर पर काम करने वाले कोच को और उनके विकास में योगदान देने वाले दूसरे कोच को 30 फीसदी राशि दी जायेगी।
 
इसके अलावा 'खेलो भारत' से जुड़े खिलाड़ियों के कोचों का डेटाबेस तैयार किया जाएगा। ताकि आगे जाकर जब ये खिलाड़ी पदक जीते तो उनके कोच को भी पहचान मिल सके। 
 
ग्रामीण लडकियों और महिलाओं के लिए अलग से प्रतियोगिताएं आयोजित कराने की योजना
इसके अलावा सरकार ग्रामीण लडकियों और महिलाओं के लिए भी अलग से प्रतियोगिताएं आयोजित कराने पर विचार कर रही है। सरकार का मानना है कि महिलाएं केवल रसोईघर और बच्चों की देखभाल में ही न लगी रहें, बल्कि वह मैदान पर भी आएं।
 
अभिभावकों के लिए मोबाईल एप्लीकेशन
इसके अलावा सरकार अभिभावकों के लिए फिटनेस और खेलों पर एक मोबाईल एप्लीकेशन लाने के बारे में विचार कर रही है। इस एप के जरिये अभिभावक बच्चों के खेलों से संबंधित गतिविधियों को सरकार तक पहुचाएंगे। इसके बाद एक ई-कोच उन्हें उपलब्ध होगा, जो बच्चों को दिशानिर्देशित करेंगे। 
 
उल्लेखनीय है कि इससे पहले युवा प्रतिभाओं को सामने लाने के लिए सरकार की स्पोर्ट्स टैलेंट सर्च पोर्टल पहले से ही चलन में है। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने 28 अगस्त 2017 को इंदिरा गांधी स्टेडियम में स्कूली बच्चों के बीच पोर्टल की शुरूआत की थी। इस पोर्टल के तहत कोई भी बच्चा या उसके माता-पिता, शिक्षक या कोच उसका बायोडाटा या वीडियो पोर्टल पर अपलोड कर सकते हैं। इस पोर्टल के जरिए खेल मंत्रालय प्रतिभावान खिलाड़ियों को चुनेगा और उन्हें भारतीय खेल प्राधिकरण के केंद्रों में प्रशिक्षण देगा। 
 
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