खेल
चूड़ी के तेज गेंदबाज कुलवंत को रॉयल चैलेंजर्स ने 85 लाख में खरीदा
By Deshwani | Publish Date: 28/1/2018 11:05:18 AMझुंझुनू (हि.स.)। राजस्थान में झुंझुनू जिले के चूड़ी गांव का लाडला कुलवंत इस साल आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलौर की ओर से खेलेगा। कुलवंत को आईपीएल 2018 के लिए रॉयल चैलेंजर्स बैंगलौर ने 85 लाख रुपये में खरीदा है। छह अप्रैल से शुरू होने वाले मैचों में कुलवंत रॉयल चैलेंजर्स की तरफ से पहला मैच आठ अप्रैल को सनराइजर हैदराबाद के साथ खेलेगा। इससे पूर्व भी कुलवंत को आईपीएल 2017 के 20-20 फॉरमेट के लिए खेलने का मौका मिला था।
चूड़ी अजीतगढ़ गांव के साधारण परिवार में जन्मे कुलवंत सिंह उर्फ छोटू का क्रिकेट के छोटे फॉर्मेट आईपीएल के लिए चयन हुआ था। इससे पहले कुलवंत को विभिन्न खरीदारों द्वारा लगाई गई बोली में मुंबई इंडियन टीम ने बेस प्राइस दस लाख रुपये में खरीदने पर मौका मिला था। कुलवंत को मिले मौके पर परिजनों एवं सहपाठियों और गांव में खुशी का माहौल है। कुलवंत गांव के जोहड़े में खेल कर जिला स्तरीय टूर्नामेंट खेलने के बाद आईपीएल तक छलांग लगाने में सफल हुए।
आईपीएल में जगह बनाने वाले कुलवंत सिंह के बड़े भाई हेमंत का कहना था कि कुलवंत को भविष्य निर्माण के लिए स्वतंत्र छोड़ने की अपने पिता गौरी शंकर से आग्रह किया गया था। घर की स्थिति अधिक अच्छी नहीं होने के बाद भी आर्थिक सहयोग के बाद कुलवंत को दिल्ली प्रशिक्षण के लिए भेजा गया। जिसका नतीजा सफलता के रूप में परिजनों को मिला। बहन खुशबू कंवर ने भी इस सफलता के पीछे उसकी कड़ी मेहनत और आत्मविश्वास और उसके जुनून को बताया। कुलवंत की माता सरोज गृहिणी है, जबकि दादा शिव प्रसाद और पिता गौरी शंकर की एक छोटी-सी किराने की दुकान है। माता सरोज ने इस सफलता के लिए कहा कि मैं स्वयं पढ़ी-लिखी नहीं होने के बाद भी तीनों संतानों को पढ़ाया और उनकी रूचि अनुसार कार्य करने में किसी प्रकार की कमी उनको खलने नहीं दी। जिसके चलते बड़ा बेटा हेमंत राजस्थान रोडवेज में कार्यरत है। वहीं साथ में सीए की पढ़ाई जारी रखे हुए है। वहीं बहन खुशबू कंवर डबल एमए बीएड है।
कुलवंत बाएं हाथ के पेश बॉलर के रूप में जाना जाता है। उनका कहना है कि वह 140 किलोमीटर की स्पीड से गेंद फेंकने में सक्षम है। एक ओवर की सभी गेंदे यार्कर फेंक सकता है। वह इंडियन टीम के सभी खिलाड़ियों और खासकर गौतम गंभीर और आशीष नेहरा से काफी प्रभावित है। 13 मार्च 1992 में जन्मे और ग्रेजुएशन के बाद दिल्ली में प्रशिक्षण के लिए गए कुलवंत सिंह का देश की क्रिकेट की सबसे बड़ी प्राथमिक रणजी ट्रॉफी 2017 के लिए भी चयन हुआ था। बचपन से ही खेल के लिए जुनून को लेकर अपने जीवन को संवारने का प्रयास आखिरकार सफलता की ओर अग्रसर हो गया। ग्रामीण खेलकूद प्रतियोगिता में जब भी कुलवंत बाहर खेलने जाता था। दादा शिव प्रसाद को हर समय यह चिंता सताती थी कि मेरा पोता गलत रास्ते पर चलकर बिगड़ ना जाएं। जिसके लिए शाम ढ़लते ही पोते को लाने जहां भी खेलने जाता वहां चले जाते थे। खेल में मिली इस सफलता के बाद दादा इस खुशी से गदगद होकर फूले नहीं समा रहे है।