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वार्षिकी : युवा प्रोत्साहन और प्रतिभा विस्तार के नाम रहा साल
By Deshwani | Publish Date: 26/12/2017 1:43:52 PM
वार्षिकी : युवा प्रोत्साहन और प्रतिभा विस्तार के नाम रहा साल

नई दिल्ली, (हि.स.) । गुजरते साल में खेल मंत्रालय ने खिलाड़ियों और युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए जहां कई अहम कदम उठाये हैं वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में खेलों को बढ़ावा देने के लिए आधारभूत संरचना पर भी ध्यान केन्द्रीत किया है। 2017 में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फीफा अंडर-17 विश्व कप का आयोजन कर मंत्रालय ने राष्ट्रीय व वैश्विक पटल पर भी अपनी छाप छोड़ी है। मंत्रालय के साल भर के कामकाज और गतिविधियों पर गौर करें तो उसके खाते में कई उपलब्धियां नजर आती हैं।
मिशन 11 मिलियन
मंत्रालय ने इस वर्ष फुटबॉल के खेल पर ज्यादा ध्यान दिया या यह कहा जाए कि यह वर्ष फुटबॉल के नाम रहा तो ज्यादा सही रहेगा। सरकार ने अखिल भारतीय फुटबॉल संघ और विश्व फुटबॉल की नियामक संस्था (फीफा) के साथ मिलकर अंडर-17 फुटबॉल विश्व कप से पहले मिशन 11 मिलियन कार्यक्रम की शुरूआत की। इस कार्यक्रम के तहत 30 सितंबर 2017 तक फुटबॉल को पूरे देश के 1 करोड़ दस लाख लड़के और लड़कियों तक पहुंचाया गया। भारत सरकार ने इस कार्यक्रमक के लिए लगभग 12.55 करोड़ रुपये खर्च किए।
फीफा अंडर-17 विश्व कप का सफल आयोजन
इसके अलावा इस वर्ष खेलों में सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि फीफा अंडर-17 विश्व कप के 17वें संस्करण का सफल आयोजन कराना रहा। विश्व कप का आयोजन 6 से 28 अक्टूबर तक देश के छह राज्यों दिल्ली, गोवा, कोच्चि, गुवाहाटी,कोलकाता और मुम्बई में किया गया।भारत सहित विश्व की 24 टीमों ने इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। प्रतियोगिता का फाइनल इंग्लैंड और स्पेन के बीच 28 अक्टूबर को कोलकाता के विवेकानन्द युवा भारती क्रीडांगन, शाल्ट लेक स्टेडियम में खेला गया और इंग्लैंड ने पहली बार यह खिताब अपने नाम किया। 
स्पोर्ट्स टैलेंट सर्च पोर्टल की शुरूआत
युवा प्रतिभाओं को सामने लाने के लिए सरकार ने स्पोर्ट्स टैलेंट सर्च पोर्टल की शुरूआत की। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने 28 अगस्त 2017 को इंदिरा गांधी स्टेडियम में स्कूली बच्चों के बीच पोर्टल की शुरूआत की। इस पोर्टल के तहत कोई भी बच्चा या उसके माता-पिता, शिक्षक या कोच उसका बायोडाटा या वीडियो पोर्टल पर अपलोड कर सकते हैं। इस पोर्टल के जरिए खेल मंत्रालय प्रतिभावान खिलाड़ियों को चुनेगा और उन्हें भारतीय खेल प्राधिकरण के केंद्रों में प्रशिक्षण देगा। 
महिला खिलाड़ियों के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित
केंद्रीय खेल मंत्रालय ने महिला खिलाड़ियों की शिकायतों और समस्याओं को सुलझाने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित कर दी। समिति में मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, वरिष्ठ खेल पत्रकारों और महिला खिलाड़ियों के लिए वकीलों को रखा गया है, जो उनकी शिकायतों और समस्याओं पर गौर करेंगे। समिति में अतिरिक्त सचिव किरन सोनी गुप्ता को चेयरपर्सन बनाया गया है। इसके सदस्यों में दिल्ली सरकार में उपनिदेशक (खेल), आशा अग्रवाल, पूर्व मैराथन धाविका सुनीता गोदारा, खेल पत्रकार एमआर मिश्रा और दिल्ली उच्च न्यायालय में वकील मोनिका अरोड़ा को शामिल किया गया है।
22वें एशियाई एथलेटिक चैंपियनशिप 2017 का सफल आयोजन :
एक मंत्रालय के नेतृत्व में ओडिशा के भुवनेश्वर में 06 से 09 जुलाई 2017 तक 22वें एशियाई एथलेटिक चैंपियनशिप का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। भारत ने इस प्रतियोगिता में 29 पदक (12 स्वर्ण, 5 रजत, 12 कांस्य) पदक प्राप्त किये।
ग्रामीण मैराथन का आयोजन
खेल एवं युवा कल्याण मंत्रालय ने ग्रामीण युवाओं के लिए पहली ग्रामीण मैराथन का आयोजन किया जिसमें 11000 भागीदारों ने हिस्सा लिया। दिग्गज बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद ने उत्तर पश्चिम जिले के निजामपुर गांव में मैराथन को हरी झंडी दिखाई। दौड़ में पुरुष और महिलाओं की दो श्रेणियों रखी गई थी। ग्रामीण मैराथन में पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर आने वाले धावकों को क्रमश: 21000 , 11000 और 5000 रुपए की इनामी राशि दी गई।
ग्रामीण खेल महोत्सव का आयोजन
ग्रामीण खेल महोत्सव 28 अगस्त से 3 सितंबर, 2017 के बीच दिल्ली के निजामपुर गांव में आयोजित किया गया। ग्रामीण खेलों का उद्देश्य कुश्ती, एथलेटिक्स आदि जैसे स्वदेशी खेलों को लोकप्रिय बनाना है और मटका रेस जैसे मज़ेदार खेलों के जरिये लोगों तक पारंपरिक खेलों को भी लोकप्रिय बनाना है।
ऑस्ट्रेलिया के साथ खेल भागीदारी
इस वर्ष 10 अप्रैल 2017 को खेल मंत्रालय ने ऑस्ट्रेलिया के साथ खेल भागीदारी भी की। भारत और आस्ट्रेलिया दोनों खिलाड़ी और कोच प्रशिक्षण तथा विकास, खेल विज्ञान, खेल प्रशासन और संपूर्णता तथा जमीनी स्तर पर भागीदारी के क्षेत्रों में मिलकर काम करेंगे।
अधिकार प्राप्त संचालन समिति का गठन
खेल मंत्रालय ने इस वर्ष 13 सदस्यों की अधिकार प्राप्त संचालन समिति के गठन को मंजूरी दे दी। यह समिति 2020 के तोक्यो ओलंपिक खेलों सहित कई स्पर्धाओं के लिए भारत की तैयारी का प्रबन्धन करेगी।
मंत्रालय के अनुसार समिति के गठन का फैसला ओलम्पिक कार्यदल की अंतरिम रिपोर्ट की सिफारिशों पर किया गया है। सरकार को यह रिपोर्ट इस वर्ष 22 मई को सौंपी गई थी। संचालन समिति का कार्यकाल 31 दिसम्बर, 2020 तक होगा। यह समिति राष्ट्र मंडल खेलों, एशियाई खेलों और ओलम्पिक खेलों की मुख्य स्पर्धाओं के लिए प्राथमिकताओं की समीक्षा भी करेगी। समिति के पास लक्ष्य ओलम्पिक पोडियम योजना के लाभार्थियों के लिए विशेष योजनाओं या पैकेजों की सिफारिश करने का अधिकार भी होगा।
अभिनव बिंद्रा फाउंडेशन ट्रस्ट को पांच करोड़ रूपये की वित्तीय सहायता
खेल मंत्रालय ने बेंगलुरू में उच्च क्षमता की खेल सुविधाओं के संचालन के लिये अभिनव बिंद्रा फाउंडेशन ट्रस्ट (एबीएफटी) के साथ हाथ मिलाये हैं और इसके लिये उसे पांच करोड़ रूपये की वित्तीय सहायता दी। इस धनराशि का उपयोग उच्च क्वालिटी के खेल उपकरणों को खरीदने तथा खिलाड़ियों के रिहैबिलिटेशन, फिटनेस ट्रेनिंग और खेल विज्ञान के लिये उच्च क्षमता वाला केंद्र स्थापित करने पर किया जाएगा।
150 खिलाड़ियों को प्रतिमाह पचास हजार रुपये
खेल मंत्रालय ने 2020 टोक्यो ओलंपिक, अगले वर्ष होने वाले एशियाई व राष्ट्रमंडल खेलों की तैयारी के लिए टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (टॉप्स) के तहत 152 खिलाड़ियों का चुनाव किया है। इन सभी खिलाड़ियों को प्रति माह 50,000 रुपये भत्ता दिये जाते हैं। आर्थिक मदद एक सितंबर, 2017 से लागू है।
ओलंपिक टास्क फोर्स का गठन
अगले तीन ओलंपिक 2020, 2024 और 2028 में भारतीय खिलाड़ियों की प्रभावी तैयारी के लिए एक विस्तृत कार्य योजना तैयार करने के लिए जनवरी, 2017 में एक ओलंपिक टास्क फोर्स (ओटीएफ) की स्थापना की गई।
 
खेल के विकास के लिए जापानी विश्वविद्यालय के साथ साझेदारी 
 
सरकार ने खेल के विकास के लिए ग्वालियर के लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा विश्वविद्यालय और जापानी विश्वविद्यालय के साथ साझेदारी की । 
 
साझेदारी को लेकर खेलमंत्री ने कहा, "भारत में खेलों के विकास को लेकर जापान के साथ बातचीत चल रही है और खेल को बढ़ावा देने के लिए जापान के एक विश्वविद्यालय के साथ लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा विश्वविद्यालय भागीदारी कर रहा है। "
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