नई दिल्ली, (हि.स.)। पूर्व भारतीय क्रिकेटर अजय जडेजा ने कहा कि भारत के अधिकतर स्कूलों में खेल शिक्षा का स्तर काफी पिछड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि यहां अधिकतर स्कूलों में हॉकी, फुटबॉल, वालीबॉल और क्रिकेट जैसे खेल के सामान तो हैं, लेकिन इन सामानों को एक कमरे में रखकर बंद कर दिया गया है। जडेजा ने कहा कि आप ज्यादा दूर न जाइये, यहां राजधानी में ही स्कूलों के अपने मैदान तक नहीं है।
जडेजा सोमवार को यहां फिक्की द्वारा आयोजित भारत-ऑस्ट्रेलिया खेल साझेदारी बैठक के दौरान खेल शिक्षा के महत्व पर आयोजित परिचर्चा में बोल रहे थे। जडेजा ने कहा कि व्यक्तित्व विकास के लिए पढ़ाई के साथ-साथ खेल भी जरूरी है। बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए हर स्कूल में खेलों का पाठ्यक्रम होना ही चाहिए। हर बच्चे को खेल की शिक्षा देना जरूरी है। उन्होंने कहा कि ये खेल है, इससे हेल्थ अच्छी रहेगी और शिक्षा में भी बेहतर कर पाएंगे। इसके लिए बच्चों को प्रेरित करना चाहिए। ये आपके और मेरे जैसे सभी लोगों का काम है। सब अपनी-अपनी टीम बनाएं। उन्होंने कहा, मैं स्कूल नहीं जाता था, जब तक क्रिकेट नहीं खेल लेता।
परिचर्चा में आस्ट्रेलिया-भारत शिक्षा राजदूत ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर एडम गिलक्रिस्ट ने कहा कि भारत-ऑस्ट्रेलिया खेल साझेदारी से दोनों देशों के एथलीट, कोच, तकनीकी अधिकारी, खेल वैज्ञानिकों को एक दूसरे के देश में आने-जाने में आसानी होगी।
उन्होंने कहा कि भारत ने खेल को सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रबंधन के साथ-साथ शिक्षा के एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में लेना शुरू कर दिया है। खेल के महत्व और भूमिका को किसी के भी द्वारा नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है, क्योंकि यह वास्तव में बहुत महत्वपूर्ण विषय है। लोग अपने व्यक्तिगत विकास के साथ ही पेशेवर विकास के लिए खेल गतिवधियों में शामिल हो सकते हैं। यह लड़के और लड़कियां दोनों के लिए अच्छे शरीर का निर्माण करने के लिए बहुत अच्छा है। यह लोगों को मानसिक रुप से सतर्क, शारीरिक रुप से सक्रिय और मजबूत बनाता है।
परिचर्चा में जडेजा और गिलक्रिस्ट के अलावा भूतपूर्व क्रिकेटर निलेश कुलकर्णी, ऑस्ट्रेलिया की भारत में उच्चायुक्त हरिंदर सिंधु और दिल्ली विश्वविद्यालय के फिजिकल एजुकेशन के प्रमुख संदीप तिवारी मौजूद थे।