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सीवान
गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व व प्रसव के बाद बेहतर देखभाल के लिए की जाती है काउंसलिंग
By Deshwani | Publish Date: 22/8/2019 3:21:28 PM
गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व व प्रसव के बाद बेहतर देखभाल के लिए की जाती है काउंसलिंग

• दर्पण मोबाईल ऐप से होती है निगरानी

• अस्पताल में आशा व ममता करती है काउंसलिंग
• प्रसव के बाद महिला व नवजात की देखभाल जरूरी
• सरकारी अस्पतालों में पहले से बेहतर मिल रही है सुविधा

सीवान। जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं की प्रसव के दौरान या बाद में सही देखभाल के लिए अच्छी पहल शुरू की गयी है। प्रसव के लिए अस्पताल में आने वाली महिलाओं को प्रसव पूर्व और बाद में आशा ममता के द्वारा कांउसलिंग की जाती है। जिसमें आशा व ममता के द्वारा बताया जाता है कि प्रसव के बाद कैसे अपना- नवजात शिशु का देखभाल करना है। हर मां के लिए प्रेग्नेंसी के बाद भी विशेष देखभाल की जरूरत होती है। यानी स्त्रियों को गर्भावस्था के बाद भी देखभाल की जरूरत पड़ती हैं। गर्भावस्था के दौरान या बाद में सही देखभाल के साथ ही गर्भवती महिला को अपनी नियमित जांच भी करवानी चाहिए। खानपान पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए।  गर्भावस्था के बाद नियमित जांच के साथ-साथ आहार, व्यायाम इत्यादि की पर भी ध्यान देना चाहिए।
 
घर-घर जाकर महिला व शिशुओं की देखभाल करती हैं आशा
प्रसव के बाद आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर महिला व नवजात शिशुओं की देखभाल करती है। 40 दिनों तक घर आशा कार्यकर्ता घर पर भ्रमण करती है। प्रसव बाद के दिन बाद , तीसरे दिन बाद फिर सातवें दिन तथा 14 दिन, 28 दिन 42 दिन बाद जाकर गर्भवती महिला व शिशुओं की देखभाल करती है और उन्हें बेहतर सलाह देती हैं। इसके लिए जब महिला को अस्पताल से डिस्चार्ज किया जाता है तो एक पासपोस्ट दिया जाता है। जिसमें तीन फार्मेट होता है। पहला फार्म महिला के पास, दूसरा आशा के पास तथा तीसरा अस्पताल में रखा जाता है। जिसके आधार महिला व शिशु का रिपोर्ट तैयार किया जाता है। 
 

 
केयर के प्रयास से व्यवस्था में हुआ सुधार
सरकारी अस्पतालों में पहले भी गर्भवती महिलाओं का काउंसलिंग किया जाता था। लेकिन यह नियमित नहीं होता था। जिसके बाद से केयर इंडिया के प्रयास से व्यवस्था में सुधार किया गया है। अब रेगूलर गर्भवती महिलाओं का प्रसव पूर्व या बाद में काउंसलिंग की जाती है। इसके लिए आशा और ममता को जिम्मेदारी दी गयी है। 
 
प्रसव के बाद केएमसी वार्ड में किया जाता है भर्ती
केयर इंडिया के जिला तकनीकि पदाधिकारी फैस्लिटी कृति कुमारी ने बताया कि महिला के प्रसव के बाद आधा घंटे तक लेबर रूम में रखा जाता है। उसके बाद कंगारू मदर केयर यूनिट (केएमसी) में शिफ्ट कर दिया जाता है। जहां पर ममता की देखभाल में  रखा जाता है। 

दी जाती है ये जानकारी
• शिशुओं को छह माह तक माँ का हीं दूध पिलायें
• बच्चे नाल पर कुछ न लगायें
• साफ-सफाई पर विशेष ध्यान
• परिवार नियोजन के बारे में जानकारी
• बच्चें को उपहरी आहार नहीं देना है
• किसी भी संदेह के स्थिति नजदीकी अस्पताल या आशा से संपर्क करें
• 24 घंटे एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध है
 
अब सरकारी अस्पतालों में बेहतर सुविधा
सिवान जिले के बड़हरिया प्रखंड के जगतपुरा गांव के सत्येंद्र महतो की पत्नी मालती देवी ने बताया कि अब सरकार अस्पताल में बेहतर सुविधा मिल रही है। मेरा प्रसव बड़हरिया पीएचसी में ही हुआ था। जहां पर सभी सुविधा उपलब्ध है। वहां कार्यरत नर्स और ममता के द्वारा यह भी बताया गया कि बच्चे का बेहतर देखभाल कैसे करना है। छह माह तक केवल माँ का हीं दूध पिलाना है। साफ-सफाई का ख्याल रखना है। नियमित टीकाकरण करवाना है। ये सभी सुविधा प्राइवेट अस्पतालों में नहीं मिलता है। इसलिए सरकारी अस्पताल का चयन करना हीं सबसे बेहतर होगा। खोरी पाकड़ गांव निवासी संतोष कुमार की पत्नी गीता देवी ने बताया कि मेरा भी प्रसव सरकारी अस्पताल बड़हरिया में हुआ था। जहां पर सभी सुविधा उपलब्ध है। पहले से बहुत सुधार है। अब किसी तरह का परेशानी नहीं होती है। 

ममता की क्षमतार्वधन के लिए दी जाती है ट्रेनिंग
इस योजना के सफल बनाने में ममता का अहम योगदान होता है। जिसके लिए हर माह केयर इंडिया की ओर से प्रशिक्षण दिया जाता है। प्रशिक्षण के माध्यम से कार्यों के बारे में जानकारी देकर उनका क्षमतावर्धन किया जाता है। ताकि बेहतर तरीके से अपने कार्यों को कर सके। 

दर्पण एप से की जाती है निगरानी
इस कार्यक्रम की मॉनिटरिंग के लिए बिहार सरकार एवं केयर इंडिया के संयुक्त प्रयास से दर्पण मोबाइल एप लंच किया गया है। जिसके माध्यम से अस्पताल के हेल्थ मैनेजर वार्ड में जाकर महिलाओं से पूछताछ करता है कि नर्स व ममता के द्वारा काउंसलिंग किया गया है या नहीं। दर्पण मोबाइल ऐप में महिला का नाम डालते हीं पूरी डाटा सामने आ जायेगा। जिससे पता चल सकेगा कि काउंसलिंग की गयी है या नहीं। इस एप के माध्यम से इसकी निगरानी की जाती है।
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