बिहार
यूजीसी ने कहा धैर्य रखिए, जल्द आ रहा है नया एकेडमिक कलेंडर
By Deshwani | Publish Date: 22/4/2020 10:35:37 PMसमस्तीपुर। उमेश काश्यप। देश के सभी राज्य और उनके विश्वविद्यालयों में परीक्षाएं कराना सबसे पहली प्राथमिकता और सबसे बड़ी चुनौती है। मौजूदा लाॅकडाउन के कारण इस साल परीक्षा और छात्रों के पास होने के नियमों में बदलाव हो सकता है। नई गाइडलाइन के बाद ही ये सबकुछ तय होगा। इस बीच यूजीसी ने अपने छात्र और शिक्षकों से कहा है कि परीक्षाओं की गाइडलाइन और नया एकेडमिक कलेंडर जल्द जारी किया जाएगा।
यूजीसी के सचिव रजनीश जैन ने ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय सहित अन्य विश्वविद्यालय को पत्र भेजकर कहा है कि छात्र, शिक्षक और अभिभावक एग्जाम और एकेडमिक सेशन की देरी पर अपनी चिंता जाहिर कर रहे हैं। यूजीसी इसे गंभीरता से ले रही है। ये मुद्दा पहली प्राथमिकता पर है। इसके लिए गठित की गई कमेटी जल्द ही अपनी सिफारिशें यूजीसी को सौंपेगी। इन सिफारिशों पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय के साथ चर्चा कर गाइडलाइन जारी की जाएंगी। इसके आधार पर सभी यूनिवर्सिटी और काॅलेज अपनी योजना तैयार कर परीक्षाएं और एडमिशन शुरू कर सकेंगे।
दरअसल, नए केडमिक कलेंडर के लिए 6 अप्रैल को हरियाणा सेंट्रल यूनिवर्सिटी के वीसी आरसी कुहाड़ की अध्यक्षता में सात सदस्यीय कमेटी गठित की गई थी। इसमें वनस्थली विद्यापीठ, श्रीवैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय, पंजाब यूनिवर्सिटी के वीसी, यूजीसी के रिसर्च सेंटर आईयूएसी के डायरेक्टर और दो सचिव शामिल हैं। ये कमेटी जल्द ही अपनी रिपोर्ट यूजीसी को सौंपेगी।
ये हो सकते हैं बदलाव ऑल इंडिया काउंसिल फाॅर टेक्निकल एजूकेशन (AICTE) की ओर से डीम्ड यूनिवर्सिटी और इंजीनियरिंग काॅलेजों के टीचर और स्टूडेंट के लिए जारी की गई गाइडलाइन से ये संकेत मिले हैं कि कमेटी की सिफारिशों पर परीक्षा के नियमों में बदलाव हो सकता है। साथ ही छात्रों पर लागू होने वाले परीक्षा पास करने के नियमों में बदलाव संभव है। दूसरी ओर, ऑनलाइन परीक्षा कराने पर सहमति नहीं बन रही है। एग्जाम जब भी होंगे पेपर-पेंसिल बेस्ड ही होंगे। छुट्टियों को आगे-पीछे किया जा सकता है। छात्रों को फिलहाल बिना एग्जाम प्रोविजनल रूप अगले साल में प्रमोट किया जा सकता है।