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झारखंड
आर्थिक विकास को गति देगा गंगा पर बनने वाला पुल : रघुवर
By Deshwani | Publish Date: 6/4/2017 6:15:14 PM
आर्थिक विकास को गति देगा गंगा पर बनने वाला पुल : रघुवर

साहेबगंज। गंगा नदी पर बननेवाला पुल और नदी पर बंदरगाह का निर्माण झारखंड के आर्थिक विकास को गति देगा। यह पुल मां गंगा के दो किनारों को जोड़ेगा । आजादी के 70 वर्ष गुजर जाने के बावजूद संथाल परगना का विकास अपेक्षा के अनुरुप नहीं हो सका। लेकिन ये दोनों परियोजनायें संथाल परगना में आार्थिक समृद्धि लायेंगी। योजनाओं के पूरे होने से साहेबगंज बिहार, बंगाल, भूटान, बंग्लादेश तथा म्यांमार से जुड़ जायेगा। यह बातें गुरुवार को मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहीं। दास साहेबगंज में गंगा नदी पर फोर लेन पुल और नदी पर बंदरगाह के शिलान्यास कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होने कहा कि बरहेट की धरती पर प्रधानमंत्री ने कहा था कि आप हमें अपना समर्थन दें, हम संथाल परगना को संपूर्ण विकास से आच्छादित करेंगे। माननीय प्रधानमंत्री के दिशा-निर्देश में आनेवाले तीन साल के अंदर राज्य सरकार संथाल परगना को विकसित करेगी। राज्य सरकार सबका साथ, सबका विकास के मूलमंत्र के साथ कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार आदिवासियों के संपूर्ण विकास के लिए कृतसंकल्प है। 

उन्होंने कहा कि आज माननीय प्रधानमंत्री की ओर से सामान्य आरक्षी पद पर नवनियुक्त अति कमजोर जनजातीय समूह के विशेष पहाड़िया बटालियन के 956 युवक- युवतियों को नियुक्ति पत्र सौंपा गया। आदिम जनजातियों के सर्वांगीण विकास के लिए दो विशेष बटालियन का गठन किया गया है। इन नियुक्तियों के लिये चयन प्रक्रिया में भी बदलाव किया गया। इस बटालियन के गठन का उद्देश्य इनके जीवन स्तर को उपर उठाना और इनके आर्थिक पिछड़ेपन को दूर करना है। आदिम जनजाति के लोगों को विकास की मुख्यधारा में लाने एवं इनके लिए रोजगार के अधिकाधिक अवसर उपलब्ध कराना है। राज्य सरकार इन जनजातियों को समाज के मुख्यधारा से जोड़ना चाहती है। श्री दास ने कहा आदिवासियों के विकास के लिए राज्य सरकार 18 हजार करोड़ रूपए खर्च करेगी। वनबंधु योजना पर भी जल्द कार्य प्रारंभ होगा। आदिम जनजाति के परिवार के एक सदस्य को राज्य सरकार 600 रूपए पेंशन के तौर पर प्रदान कर रही है। आदिम जनजाति परिवारों को खाद्यान्न की कमी ना हो, इस उद्देश्य से पीटीजी डाकिया योजना प्रारंभ की गयी है। इस योजना के तहत अब आदिम जनजाति के घर- घर खाद्यान्न का पैकेट पहुंचेगा। झारखंड में कुशल मानव संपदा है। पुरुषों के साथ यहां की महिलाएं भी मेहनतकश हैं। इनके सर्वांगीण विकास और स्वाबलंबन के लिए राज्य सरकार ने काम शुरु कर दिया है। महिलाओं के सशक्तिकरण और सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा की दिशा में सखी मंडल महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। सखी मंडल को और जिम्मेवारी सौंपी जा रही है। 
दास ने कहा कि भारत सरकार के डिजिटल इंडिया और नकद रहित भुगतान को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार प्रत्येक सखी मंडल को एक मोबाइल देगी यानी 1 लाख सखी मंडलों को निःशुल्क स्मार्टफोन दिये जायेंगे। इससे डिजिटल झारखंड और नकद रहित भुगतान अभियान को सुदूरवर्ती गांवों में बढ़ावा मिलेगा। महिलाओं को प्रशिक्षित करने के लिए राज्य सरकार 700 करोड़ रुपए खर्च करेगी। इसके लिए मुख्यमंत्री उद्यमी बोर्ड का गठन किया गया है। इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को कुशल और प्रशिक्षित बनाना है ताकि इन्हें रोजगार मिले। झारखंड के लोगों के आर्थिक सामाजिक उत्थान के लिए राज्य सरकार खेती के साथ पशुपालन को भी बढ़ावा दे रही है। मछली उत्पादन में राज्य आत्मनिर्भर बन रहा है। लेकिन दुग्ध उत्पादन में हमें श्वेत क्रांति लानी है। इसके लिए ज्यादा से ज्यादा डेयरी की स्थापना की जा रही है। साहेबंगज में 34 करोड़ की लागत से 50 हजार लीटर क्षमता वाले डेयरी प्लांट का शिलान्यास किया जाना है। श्री दास ने कहा कि 400 करोड़ का दूध राज्य में बाहर से आता है। दुग्ध उत्पादन के प्रति जागरुक करने के लिए राज्य सरकार सभी बीपीएल माहिलाओं को 90 प्रतिशत अनुदान और युवाओं को 50 प्रतिशत अनुदान पर गाय उपलब्ध करा रही है। गुणवत्तापूर्ण सड़क किसी भी राज्य और देश की जीवन रेखा होती है। इसी कड़ी में संथाल परगना के सर्वांगीण विकास के उद्देश्य से गोविंदपुर-जामताड़ा-दुमका-बरहेट और साहेबगंज पथ परियोजना का लोकार्पण हुआ। इस 311 किमी पथ के निर्माण से पहले धनबाद से साहेबगंज पहुंचने में 10-12 घंटे का समय लगता था लेकिन पथ निर्माण होने से 5 घंटे में यह दूरी तय की जा सकेगी। इससे पूरे संथाल परगना का आर्थिक एवं सामाजिक विकास होगा। साथ ही गंगा नदी पर 4 लेन पुल निर्माण से इसकी उपयोगिता में बढ़ोतरी होगी। 
दास ने कहा कि राज्य के हर गांव में बिजली की सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर राज्य सरकार कृतसंकल्प है। राज्य सरकार ने 2018 तक बिजली से वंचित राज्य के 32 हजार गांवों में घर घर बिजली पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। वित्तीय वर्ष 2019-2020 तक कुल 2650 मेगावाट सौर उर्जा उत्पादन का लक्ष्य तय किया है। इस योजना के तहत साहेबगंज स्थित व्यवहार न्यायालय में 90 किलोवाट और सदर अस्पताल में 70 किलोवाट के ग्रिड कनेक्टेड रुफटॉप सोलर पॉवर प्लांट स्थापित किये गये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार जनसहभागिता से विकास कार्य करना चाहती है। यही वजह रही कि सरकार ने योजना बनाओ अभियान प्रारंभ किया ताकि गांव के लिए बननेवाली विकास योजनायें गांव वाले ही आपसी सहमति से बनाएं। पंचायतों को पूर्ण अधिकार प्रदान किये गये हैं । 16 हजार पंचायत स्वयं सेवकों की नियुक्ति की गई है। पंचायत को सुदृढ़ करने के लिए पंचायत सचिवालय का निर्माण कर सभी पंचायत सचिवालयों को इस वर्ष के अंत तक इंटरनेट सुविधा से आच्छादित करने की योजना है।
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