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झारखंड
मिनी धाम शिवगादी में हर साल आते हैं लाखों भक्त
By Deshwani | Publish Date: 15/7/2017 4:36:33 PM
मिनी धाम शिवगादी में हर साल आते हैं लाखों भक्त

साहेबगंज, (हि.स.)। संताल परगना के मिनी धाम से जाना जाने वाला बाबा गाजेश्वरनाथ धाम शिवगादी में श्रावण माह में लाखों कांवड़िये और श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। बाबा गाजेश्वर नाथ धाम शिवगादी का इतिहास चार सौ वर्ष से भी पुराना है। राजमहल पहाड़ी श्रृंखला में बसा यह स्थल श्रद्धालुओं को बरबस अपनी ओर लाता है। गृह गुफा के अंदर मुख्य द्वार के ऊपर पहाड़ों से गिरते झरने में स्नान करने से लोगों की सारी थकान मिट जाती है।
इसके साथ ही यहां की हरी-भरी हरियाली पेड़ पौधे और झरनों की झर-झर आवाजे वातावरण को और मनोरम बना देती है। बाबा गाजेश्वरनाथ धाम तक पहुंचने के लिए भक्तों को 365 सीढ़ियों की चढ़ाई कर मंदिर तक पहुंचना होता है। ऐसा माना जाता है कि शिवगादीधाम में स्थित भोले शंकर की ज्योर्तिलिंग में पूजा करने से भक्तों की सारी मनोकामना पूर्ण होती हैं।
जेठ की तपती गर्मी में यहां स्थल पर पानी नहीं रहता है पर ज्योर्तिलिंग के ऊपर सालों भर टपकता बूंद-बूंद जल आज भी शोध का विषय है।
शिवगादी के संबंध में स्थानीय पुरोहित बबलू ठाकुर, रतन झा और सुनील झा ने बताया कि शिवगादी का इतिहास 400 वर्ष से भी पुराना है। बताया जाता है कि गयासुर नामक दानव ने काफी कोहराम मचा रखा था ,जिसके बाद भगवान शिव शंकर के नंदी गाय ने दो पैरों से खड़ा होकर गयासुर दानव का वध किया था, जिसका शिवगादी मंदिर के ऊपर आज भी निशान मौजूद है, जो कि अभी शिवगंगा के नाम से जाना जाता है। दानव ने जब भोले शंकर से क्षमा याचना की तब भोले शंकर ने उसे कहा कि वह गयासुर के नाम से जाना जायेगा, जो कि अब शिवगादी के नाम जाना जाता है । वहीं इतिहासकारों का कहना है कि राजमहल के राजा मानसिंह ने इस स्थल पर पूजा की है, जो कि राजमहल के सिघीदलान से शिवगादी तक सुरंग के रास्ते यहां पर पूजा के लिए आते थे।
साहेबगंज जिले के तालझारी प्रखंड में बसे यह स्थल पर पहुंचने के लिए बरहेट प्रखंड मुख्यालय से सात किलोमीटर दूरी पर स्थित है। यहां बस और रेलमार्ग से पहुंचा जा सकता है। उप राज्यधानी दुमका से सड़क मार्ग से 100 किलोमीटर ,देवघर से 145 किलोमीटर ,बरहरवा रेलवे स्टेशन से 27 किलोमीटर ,साहेबगंज से 62 किलोमीटर,पाकुड़ से 72 किलोमीटर और रांची से सड़क मार्ग से 470 किलोमीटर पर स्थित है ।
शिवगादी में श्रावन माह के आलावा महाशिवरात्रि में भी लाखों की संख्या में भक्तों का आगमन होता है। श्रावण में कावड़ियों का जत्था उत्तर वाहिनी गंगा राजमहल ,फरक्का और साहेबगंज गंगा घाटों से कांवड़ लेकर बोल बम के नारे से सड़क तथा पहाड़ों को पार करते हुए पहुंचते हैं।
प्रबंध समिति के अध्यक्ष अंजीत भगत ने बताया कि कांवड़ियों की सेवा के लिए समिति हमेशा तत्पर रहती है । जिला प्रशासन और पर्यटन विभाग की ओर से अनेक धर्मशालाओं का निर्माण किया है, जिससे यात्रियों के साथ यहां आने वाले पर्यटकों की सुविधाओं का ध्यान रखा जाता है। पर्यटन विभाग की ओर से करोड़ों की लागत से विवाह मंडप का निर्माण कार्य जारी है।

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