ब्रेकिंग न्यूज़
मोतिहारी के केसरिया से दो गिरफ्तार, लोकलमेड कट्टा व कारतूस जब्तभारतीय तट रक्षक जहाज समुद्र पहरेदार ब्रुनेई के मुआरा बंदरगाह पर पहुंचामोतिहारी निवासी तीन लाख के इनामी राहुल को दिल्ली स्पेशल ब्रांच की पुलिस ने मुठभेड़ करके दबोचापूर्व केन्द्रीय कृषि कल्याणमंत्री राधामोहन सिंह का बीजेपी से पूर्वी चम्पारण से टिकट कंफर्मपूर्व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री सांसद राधामोहन सिंह विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगेभारत की राष्ट्रपति, मॉरीशस में; राष्ट्रपति रूपुन और प्रधानमंत्री जुगनाथ से मुलाकात कीकोयला सेक्टर में 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को 9 गीगावॉट से अधिक तक बढ़ाने का लक्ष्य तय कियाझारखंड को आज तीसरी वंदे भारत ट्रेन की मिली सौगात
झारखंड
बाधिन अनुष्का के तीन शावकों जन्म देने से रांची के बिरसा मुंडा चिड़ियाघर में बाघों की संख्या हुई 10
By Deshwani | Publish Date: 25/4/2020 11:40:38 AM
बाधिन अनुष्का के तीन शावकों जन्म देने से रांची के बिरसा मुंडा चिड़ियाघर में बाघों की संख्या हुई 10

रांची। बाधिन अनुष्का के तीन शावकों जन्म देने से रांची के बिरसा मुंडा चिड़ियाघर में बाघों की संख्या हुई 10 हो गई है। हां, यह खुशी की खबर कोरोना वायरस के बीच हमारे बीच छायी मायूसी के बीच आई है। बाघिन ने दो वर्ष पहले भी तीन शावकों को जन्म दिया था, जिनमें से दो ज़िंदा और स्वस्थ हैं। वर्ष 1018 में पहली बार मां बनी थी अनुष्का।


इसके साथ ही चिड़ियाघर में बाघों की संख्या बढ़ कर दस हो गई है-

उससे भी ज्यादा हर्ष की सूचना है कि बाघिन और उसके तीनों बच्चे स्वस्थ हैं। अनुष्का अपने बच्चों का ख्याल रखते हुए उन्हें अच्छे से दूध पिला रही है। इससे पहले वर्ष 2018 के अप्रैल माह में अनुष्का पहली बार मां बनी थी। उस वक्त भी उसने तीन ही शावकों को जन्म दिया था। इन बच्चों के पिता नर बाघ मल्लिक और अनुष्का को वर्ष 2016 में जवाहरलाल नेहरू जूलोजिकल पार्क, हैदराबाद से वन्य प्राणी आदान-प्रदान योजना के तहत रांची लाया गया था। उस वक्त मल्लिक सात वर्ष और अनुष्का आठ वर्ष के थे। बाघिन का गर्भ काल साढे तीन महीने का होता है।


लॉकडाउन में कुछ पशु निराश तो कुछ मचा रहे उधम

 मगर लॉकडाउन के बाद से कुछ जानवर थोड़े उदास से हैं। वहीं कुछ ने उधम बढ़ा दिया है। जैविक उद्यान के कर्मचारी बताते हैं कि जानवरों का स्वाभाव भी इंसानों के जैसा होता है। कुछ अकेले रहने पर उदास हो जाते हैं कुछ उछल कूदकर अपने साथ दूसरों का भी मनोरंजन करते हैं। मगर एक बात तो तय है कि मनुष्यों के साथ जैविक उद्यान के जानवरों को भी लॉकडाउन खुलने बड़ा इंतजार है।

राज्य में लॉकडाउन की घोषणा के पहले से ही जैविक उद्यान बर्ड फ्लू के कारण बंद है। ऐसे में यहां रहने वाले जानवर कई महीनों से अपने प्रशंसकों से दूर हैं। जैविक उद्यान में पहले दिन भर यहां घुमने आने वालों की चहल पहल रहती थी। इससे जानवरों का भी मन लगा रहता था।

image
COPYRIGHT @ 2016 DESHWANI. ALL RIGHT RESERVED.DESIGN & DEVELOPED BY: 4C PLUS