रांची (हि.स.)। झारखंड सरकार के वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए 80,200 करोड़ रुपये के बजट में राजस्व व्यय के लिए 62,744.44 करोड़ तथा पूंजीगत व्यय के लिए 17,455.56 करोड़ रुपये का प्रस्ताव है । वित्तीय वर्ष 2018-19 में राज्यकोष में कुल 7,494.45 करोड़ रुपये घाटा होने का अनुमान है |
मुख्यमंत्री-सह वित्तमंत्री रघुवर दास ने मंगलवार को विधानसभा में बजट पेश करते हुए कहा कि इसमें प्रावधानित सकल राशि को यदि प्रक्षेत्र के दृष्टिकोण से देखा जायेगा तो सामान्य प्रक्षेत्र के लिए 22,689.70 करोड़ रुपये, सामाजिक प्रक्षेत्र के लिए 26,972.30 करोड़ रुपये और आर्थिक प्रक्षेत्र के लिए 30,538 करोड़ रुपये का उपबंध किया गया है । उन्होंने कहा कि राज्य को अपने कर राजस्व से करीब 19,250 करोड़ रुपये तथा गैर कर राजस्व से 9,030 करोड़ रुपये , केंद्रीय सहायता से करीब 13,850 करोड़ रुपये, केंद्रीय करों में राज्यांश से 27,000 करोड़ रुपये, लोक ऋण से करीब 11,000 करोड़ रुपये तथा उधार एवं अग्रिम की वसूली से करीब 70 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे ।
मुख्यमंत्री ने अपने बजट भाषण में बताया कि वित्तीय वर्ष 2018-19 में प्रचलित मूल्य के आधार पर राज्य का सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) 3,08,785 करोड़ रुपये अनुमानित है । यह वर्ष 2017-18 के 2,89,452 करोड़ रुपये की तुलना में 10.50 प्रतिशत वृद्धि को दर्शाता है । स्थिर मूल्य पर राज्य का जीएसडीपी वर्ष 2018-19 के लिए 2,43,032 करोड़ रुपये अनुमानित है जो पिछले वित्तीय वर्ष के 2,27,66 करोड़ की तुलना में 7.03 प्रतिशत अधिक हैं ।
उन्होंने बताया कि राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में वित्तीय वर्ष 2017-18 में कृषि एवं सम्बद्ध प्रक्षेत्रों का योगदान 14.97 प्रतिशत है, वित्तीय वर्ष 2017-18 में 8.7 प्रतिशत की वृद्धि के साथ वर्तमान मूल्य पर प्रति व्यक्ति आय 70,468 रुपये होने का अनुमान है, जो वित्तीय वर्ष 2016-17 में 64, 823 रुपये था ।
उन्होंने कहा कि आगामी वित्तीय वर्ष 2018-19 में राज्यकोषिय घाटा 7,494.45 करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जो आगामी वित्तीय वर्ष के अनुमानित जीएसडीपी का 2.43 प्रतिशत है।