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रांची
सदन चलाने में सरकार की दिलचस्पी नहीं: आलमगीर आलम
By Deshwani | Publish Date: 21/1/2018 5:14:46 PM
सदन चलाने में सरकार की दिलचस्पी नहीं: आलमगीर आलम

रांची (हि.स.)। कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने कहा है कि सदन चलाने की पहली जिम्मेदारी सरकार की होती है। विपक्ष जनता के वाजिब हक की लड़ाई के लिए आवाज उठाता है, प्रश्न करता है। परन्तु सरकार को संजीदा, शालीनता से गंभीरता से जवाब देना चाहिए। मगर सरकार का जो व्यवहार और रवैया है, उससे स्पष्ट होता है कि सत्र चलाने में सरकार की कोई दिलचस्पी नहीं है। आलमगीर रविवार को कांग्रेस भवन में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
कांग्रेस नेता ने कहा कि आज राज्य सरकार हर मोर्चे पर विफल है। राज्य में हत्या, अपहरण, लूट और डकैती जैसी कई घटनाएं घट रही हैं। इस पर सरकार लगाम नहीं लगा पा रही है। चारा घोटाला मामले में मुख्य सचिव राजबाला वर्मा पर अभी तक कार्रवाई नहीं की गयी। उन्होंने कहा कि पिछले बजट के 75 हजार करोड़ रुपये में रघुवर सरकार पिछले नौ महीने में मात्र 37 हजार करोड़ रुपये ही खर्च कर सकी है। इसमें सरकार की लापरवाही दिखती है कि सरकार राज्य का विकास नहीं चाहती है। मूल बजट (सालाना बजट) जनवरी में पेश करने का फायदा राज्य को नहीं मिल पाया क्योंकि खर्च करने वाली सरकार की मशीनरी काम नहीं कर पा रही है। उन्होंने कहा कि तीन अनुपूरक बजट में लगभग 3300 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ है राज्य के राजस्व पर है। सरकार राजस्व वसूली में कमजोर है। उन्होंने कहा कि लक्ष्य रखा गया था बजट में लगभग 28 हजार करोड़ रुपये का लेकिन छह महीनों में अक्टूबर 2017 तक मात्र 7800 करोड़ रुुपये ही राजस्व उगाही हो पायी है।
आलमगीर आलम ने कहा कि कृषि में किसानों की आय दोगुनी करने का सरकार का संकल्प है लेकिन बजट राशि के मामले में विभाग फिसड्डी बना हुआ है। नौ महीनों में बजट के कृषि विभाग ने मात्र 22-23 प्रतिशत राशि ही खर्च कर पाया है। जब बजट के पैसे ही सरकार खर्च नहीं कर पायेगी, तो किसानों की आय कहां से दोगुनी होगी। झारखण्ड का स्थान सोशल सेक्टर व्यय (एक्स पेडीयर) के मामले में देश में वर्ष 2013-14 में 11वां था लेकिन वर्ष 2015-16 में फिसल कर 16वां हो गया। सरकार को सोशल सेक्टर में व्यय (स्वास्थ्य और शिक्षा) बढ़ाना होगा।


 

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