रांची
नक्सलियों के गढ़ बूढ़ा पहाड़ को ध्वस्त करने के लिए बनेगी 4 सड़कें
By Deshwani | Publish Date: 8/1/2018 6:45:35 PMरांची (हि. स.)। झारखंड पुलिस के लिए बूढ़ा पहाड़ इलाके के नक्सली बड़ी चुनौती बने हुए हैं। झूमरा, सारंडा और पारसनाथ से माओवादियों का प्रभाव लगभग समाप्त होने के बाद से बूढ़ा पहाड़ पिछले कुछ सालों से माओवादियों का सुरक्षित जोन बना हुआ है। हालांकि माओवादियों को अब वहां पर भी पुलिस की बड़ी चुनौती मिलने लगी है। भौगोलिक दृष्टिकोण से बूढ़ा पहाड़ का इलाका नक्सलियों को पूरी मदद कर रहा है। वहां माओवादी के एक करोड़ के इनामी नक्सली अरविंद जी के साथ ही शिर्ष कमांडर सरगना तेलंगाना के सुधाकरण समेत अन्य नक्सलियों का बसेरा बना हुआ है। बूढ़ा पहाड़ पर मौजूद नक्सली अत्याधुनिक हथियारों से लैस है।
पुलिस का अब यह प्रयास है कि बूढ़ा पहाड़ के दुर्गम इलाके में चार सड़कों का निर्माण किया जाए, ताकि उग्रवादियों पर अंकुश लगाने के साथ साथ उनके पूरे नेटवर्क को ध्वस्त किया जा सके। साथ ही सड़कों के निर्माण से आम लोगों को भी सुविधा हो। सड़कें बनने से पुलिस भी इन दुर्गम इलाकों में जल्द पहुंचेगी। पुलिस मुख्यालय ने इसके लिए राज्य सरकार से अनुरोध किया है। कुजरूम से नावाटोली वाया बूढ़ा नदी बारेसाढ़ तिसिया, भंडरिया से मदगरी वाया कुल्ही बहेराटोली, पुंदाग मोड़, बरवाडी से मंडल वाया मुरवई और लाभर से लाटू वाया टोगारी करमडीह, इन सड़कों के बन जाने से उग्रवादियों से निपटने के लिए पुलिस उक्त स्थान पर जल्द पहुंच सकेगी। बूढ़ा पहाड़ पर जाने का रास्ता काफी दुर्गम है ऐसे में ऊपर बैठे नक्सली आसानी से पुलिस को निशाना बना सकते हैं। वैसे पुलिस की ओर से बूढ़ा पहाड़ पर नक्सलियों के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है।
अभियान में लगभग पांच हजार जवानों को लगाया गया है। पहाड़ पर जाने वाले रास्ते में पुलिस कैंप भी बनाए गए हैं। जो गढ़वा और लातेहार जिले में है। लेकिन माओवादियों ने अपना रास्ता ही बदल दिया है। अब झारखंड के बदले छत्तीसगढ़ की ओर से बूढ़ा पहाड़ पर नक्सली चढ़ रहे हैं। सूत्रों की माने तो नक्सलियों ने बूढ़ा पहाड़ के आसपास लैंडमाइंस और आईडी बिछा रखा हैं। अब तक अभियान के दौरान लगभग 20 से अधिक जवान घायल हो चुके हैं।