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वेंकैया नायडू बोले : माओवादी बंदूक नहीं, बैलेट से करें मुकाबला
By Deshwani | Publish Date: 10/9/2017 4:20:23 PM
वेंकैया नायडू बोले : माओवादी बंदूक नहीं, बैलेट से करें मुकाबला

रांची। उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि जिस राज्य में विधि व्यवस्था जितनी सामान्य रहेगी, उतनी ही तेजी से वह राज्य विकास करेगा। लोकतंत्र में हिंसा का कहीं स्थान नहीं है। हिंसा करने वाले को किसी भी कीमत पर प्रोत्साहन नहीं मिलना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि सिद्धांत और विचारधारा अलग बात है। विरोध करने वाले बंदूक नहीं बैलेट से मुकाबला करें।

 
अपनी विचारधारा और सिद्धांत से आम लोगों को प्रभावित करें और चुनाव के जरिए जनप्रतिनिधि, मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री बनकर बदलाव लाएं। उप राष्ट्रपति ने कहा कि तरक्की के लिए अमन जरूरी है। अगर माओवादी मुख्यधारा से नहीं जुड़ेंगे तो उनकी बंदूक का निशाना उलटा भी पड़ सकता है। देश में तेजी के साथ स्थितियां बदल रही हैं।
 
उन्होंने उम्मीद जताई कि झारखंड को जल्द ही इस समस्या से मुक्तिमिल जाएगी। जब जनता जागरूक होगी डर का वातावरण खत्म हो जाएगा। इस बीच उन्होंने मानवाधिकार कार्यकर्ताओं पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मानवाधिकार वाले सिर्फ माओवादियों, नक्सलियों के मारे जाने पर अपनी आवाज न उठाएं, पुलिसकर्मियों के शहीद होने तथा अन्य जानमाल के नुकसान पर भी अपनी संवेदना जताएं, अपनी आवाज बुलंद करें। 
 
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने शनिवार को देश की पहली ग्रीन फील्ड स्मार्ट सिटी का भूमि पूजन किया। लगभग 7000 करोड़ रुपये की यह परियोजना दो वर्षो में मूर्त रूप लेगी। उपराष्ट्रपति ने इसके साथ ही स्मार्ट सिटी परिसर में प्रस्तावित 690 करोड़ 71 लाख की लागत वाले अर्बन सिविक टावर, कंवेंशन सेंटर तथा झारखंड अर्बन प्लानिंग एंड मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट (जुपमी) के बिल्डिंग निर्माण की आधारशिला रखी। इस बीच उन्होंने जहां झारखंड अर्बन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन लिमिटेड (जुटकोल), रियल इस्टेट रेगुलेटरी अथारिटी (रेरा) और स्मार्ट सिटी की वेबसाइट की लांचिंग की, वहीं स्मार्ट सिटी के मास्टर प्लान का विमोचन भी किया।
 
रांची स्थिति एचईसी के कोर कैपिटल एरिया में प्रस्तावित स्मार्ट सिटी के भूमि पूजन समारोह के दौरान उप राष्ट्रपति ने कहा कि स्मार्ट सिटी की स्मार्ट परिकल्पना को धरातल पर उतारने के लिए स्मार्ट लीडर की जरूरत है। ऐसा लीडर जिसमें क्षमता हो, दूरदर्शिता हो, स्पष्टवादिता हो, जनता के प्रति कमिटमेंट हो, हाई-फाई, कोर्ट-टाइ, सूट-बूट नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि यह सौभाग्य वाली बात है कि पूरे देश की 40 फीसद खनिज संपदा को अपनी धरती में संजोकर रखने वाले इस राज्य के पास एक दूरदर्शी मुख्यमंत्री भी है। उन्होंने स्मार्ट सिटी की परियोजना को निर्धारित समय में पूरा करने के लिए एक सप्ताह के अंदर स्मार्ट सिटी कारपोरेशन के लिए सीईओ की तलाश पूरी करने का सुझाव मुख्यमंत्री को दिया।
 
उपराष्ट्रपति ने उम्मीद जताई कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में सिर्फ रांची ही नहीं राज्य के सभी शहर स्मार्ट बनेंगे। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित स्मार्ट सिटी एक लाइट हाउस की तरह है, जो अन्य शहरों को भी इसके नक्शे कदम पर चलने का प्रतिनिधित्व करेगी। शहरों को स्मार्ट बनाने का कार्य अकेले सरकार पर नहीं छोड़ना चाहिए। बिना जनभागीदारी की कोई भी योजना सफल नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि दुनिया आगे बढ़ रही है।
 
फिर हम पीछे क्यों रहें? उन्होंने कहा कि बेहतर स्वास्थ्य, शिक्षा, 24 घंटे बिजली, जलापूर्ति, अच्छी सड़कें, सीवरेज, पार्क, आइटी कनेक्टिविटी, नो व्हीकल जोन, डक्ट केबलिंग, रिवर फ्रंट, हाइफाइ वाइफाइ जोन, एनर्जी एफीसिएंट लाइट, स्मार्ट मीट¨रग, वाटर हार्वेस्टिंग, सौर ऊर्जा, पैदल पथ आदि स्मार्ट सिटी की पहचान है। राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने स्मार्ट सिटी के शुभारंभ को राज्य के लिए गौरव का क्षण करार दिया। उन्होंने कहा कि राज्य पूरी तरह से खुले में शौच से मुक्तहो, यह अच्छा कदम है। उन्हांेने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि प्रस्तावित स्मार्ट सिटी अन्य शहरों के लिए मॉडल बनेगी।
 
मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री रघुवर दास ने दावा किया है कि स्मार्ट सिटी समय से पूर्व धरातल पर उतरेगी। न सिर्फ राज्य के अन्य शहर इसके नक्शेकदम पर आगे बढ़ेंगे, बल्कि सरकार गांवों को भी स्मार्ट बनाएगी। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित स्मार्ट सिटी के साथ-साथ एचईसी का भी कायाकल्प होगा। स्मार्ट सिटी की 656.30 एकड़ भूमि के बदले पुनर्वास पैकेज के रूप में एचईसी को 743 करोड़ रुपये दिए गए हैं। इससे एचईसी जहां कंपनियों और कामगारों का बकाया चुका सकेगा, वहीं अन्य कंपनियों से कार्यादेश प्राप्त करने में भी सुविधा मिलेगी।
 
मोमेंटम झारखंड के दौरान एचईसी और रूस की कंपनी के साथ करार हुआ। आने वाले दिनों में एचईसी रक्षा और बिना रेलवे परिचालन बाधित किए रेलवे के मेंटेनेंस के लिए उपकरणों का निर्माण करेगा। आने वाले दिनों में झारखंड दुनिया के लिए बाजार बनेगा, इसी उद्देश्य के साथ हम मेक इन झारखंड की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने दावा किया 2020 तक झारखंड में कोई बेघर नहीं होगा।
 
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