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झारखंड
सरकार धर्म की राजनीति नहीं करे : सुखदेव भगत
By Deshwani | Publish Date: 16/8/2017 6:53:43 PM
सरकार धर्म की राजनीति नहीं करे : सुखदेव भगत

रांची, (हि.स.)। झारखंड विधानसभा से पारित झारखंड धर्म स्वतंत्रता विधेयक 2017 और भूमि अधिग्रहण सामाजिक प्रभाव के आकलन की अनिवार्यता को समाप्त किये जाने की मांग को लेकर प्रदेश कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मिला। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुखदेव भगत के नेतृत्व में बुधवार को दर्जनों कांग्रेसी नेताओं ने राज्यपाल से 12 अगस्त को विस में पारित झारखण्ड धर्म स्वतंत्रता विधेयक और भूमि अधिग्रहण सामाजिक प्रभाव के आकलन की अनिवार्यता को समाप्त करने की मांग की। साथ ही इसे राज्यहित में नहीं बताते हुए अपने मांग के समर्थन में राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा। 

सुखदेव भगत ने कहा कि सरकार धर्म की राजनीति कर रही है, जबकि सरकार को राजनीतिक धर्म का निर्वाहन करना चाहिए। भूमि अधिग्रहण विधेयक में क्षेत्र के सामाजिक प्रभाव का आकलन काफी महत्वपूर्ण है। इसके अनिवार्यता समाप्त होने से उस जमीन पर निर्भर आबादी के अधिकारों का हनन होगा और सरकारी तंत्र जबरन भूमि अधिग्रहण करने के लिए स्वतंत्र होगा। उन्होंने कहा कि इस कानून को एक जनवरी 2014 से प्रभावी किये जाने का प्रस्ताव से यह प्रतीत होता है कि किसी खास लोगों को लाभ पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। धर्म स्वतंत्र विधेयक 2017 संविधान के अनुच्छेद 25 में प्रदत्त मौलिक अधिकार की भावना पर अघात करता है। सरकार द्वारा समाचार पत्रों में इस विधेयक से संबंधित प्रकाशित विज्ञापन की वास्तविकता भी प्रश्नों के घेरे में है, एक खास समुदाय को टारगेट किया गया। 
कांग्रेस प्रतिनिधिमण्डल ने राज्यपाल से दोनों वर्णित अधिनियम को अपनी मंजूरी न प्रदान करने का अनुरोध किया। राज्यपाल ने प्रतिनिधिमण्डल के बातों को गंभीरता से लिया और आश्वासन दिया कि जल्द इस दिशा में पहल की जायेगी। पत्रकारों से बात करते हुए सुखदेव भगत ने कहा कि सरकार स्वेत पत्र जारी करे कि कहॉं-कहॉं किन-किन परियोजनाओं में भूमि अधिग्रहण न होने के कारण विकास कार्य बाधित हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रलोभन, जबरन धर्मातरण के कितने मामले अब तक दर्ज हुआ है। झारखण्ड की जनता को यह जानने का हक है। कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने कहा कि जिस प्रकार सीएनटी, एसपीटी एक्ट के मुद्दे पर कांग्रेस सदन से सड़क तक मुखर रही है, उसी प्रकार हम इन विधेयक को निरस्त करने के लिए चरणबद्ध आन्दोलन करेंगे। प्रतिनिधिमण्डल में कांग्रेस उपाध्यक्ष अनादि ब्रहम, महासचिव शमशेर आलम, राजेश ठाकुर, आलोक कुमार दूबे, लाल किशोर नाथ शाहदेव, शशिभूषण राय, सूर्यकांत शुक्ला सहित अन्य लोग शामिल थे। 
 
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