ब्रेकिंग न्यूज़
जीडी गोयंका पारामेडिकल की मोतिहारी शाखा का शुभारंभ होटल रूद्रा रिजेंसी परिसर में हुआ, डॉ आशुतोश शरण ने किया उद्धाटनमोतिहारी: 25 टीबी मरीजो को गोद लेंगे डाॅ. आशुतोष शरणरक्सौल: 13 बोतल शराब के साथ आरपीएफ ने तीन को किया गिरफ्तारशिक्षा से बंचित बच्चो को पुनः विधालय से जोड़ने के लिए निकाला गया जागरूकता रैलीभारत, यूके की प्रमुख रदरफोर्ड एपलटन प्रयोगशाला में सुविधाएं बढ़ाने में सहयोग करेगाडॉ.राजेन्द्र प्रसाद सिंह बने भारत विकास परिषद रक्सौल के अध्यक्षभारतीय नौसेना का नौसेना उड्डयन उद्योग आउटरीच कार्यक्रम कोलकाता में आयोजितनेपाल: बीरगंज में रात्रिकालीन बाजार लगाने को लेकर प्रेस वार्ता का किया गया आयोजन
झारखंड
हमारे बच्चे ही देश के भविष्य हैं : रघुवर दास
By Deshwani | Publish Date: 5/8/2017 7:26:28 PM
हमारे बच्चे ही देश के भविष्य हैं : रघुवर दास

रांची, (हि.स.)। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि झारखंड तभी मजबूत होगा, जब झारखंड का बुनियाद मजबूत होगा। हमारे बच्चे ही देश के भविष्य है। बच्चों के मानसिक विकास से उनका आने वाला कल बेहतर होगा। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों के पोषण एवं शिक्षण के अतिरिक्त उनके सीखने के गुण के विकास पर जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमें खुशी है कि मोंटेसरी लर्निंग स्कूल में प्रत्येक बच्चे के मानसिक विकास को ध्यान में रख कर उनके सीखने की कला के विकास पर जोर दिया जा रहा है। सभी प्ले स्कूल इसे ध्यान में रखकर शिक्षा दें। दास शनिवार को मोरहाबादी स्थित मोंटेसरी लर्निंग स्कूल में भ्रमण के बाद बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि स्कूल संस्कार का मंदिर है। बचपन से ही बच्चों को ऐसे संस्कार दें, ताकि वह अपने देश, समाज और परिवार का नाम रोशन कर सकें। अच्छा काम करने में शुरुआत में कुछ कठिनाई जरूर आती है, लेकिन नीयत साफ हो तो भगवान भी उसका साथ देते हैं। इसलिए शुरुआती परेशानी से घबराना नहीं चाहिए। हर व्यक्ति को समाजसेवा करनी चाहिए। अपने आसपास के सरकारी स्कूलों के साथ-साथ बस्ती में भी जाकर बच्चों को कुछ समय पढ़ाना सबसे उत्तम समाजसेवा है। उन्होंने ने मोंटेसरी स्कूल में बच्चों की लाइब्रेरी के लिए मुख्यमंत्री विवेकानुदान से एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। साथ ही कहा कि इस लाइब्रेरी का लाभ दूसरे स्कूल के बच्चे भी ले सकेंगे। मौके पर स्कूल की प्राचार्या निकिता सिन्हा ने कहा कि शून्य से सात साल तक के बच्चों के मानसिक विकास की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। इसलिए जरूरी है कि इसी दौरान बच्चों को संपूर्ण आधारभूत शिक्षण से पूर्व सीखने की कला प्रदान किया जाये। यहां बच्चों की कमजोरी दूर कर उन्हें अन्य बच्चों के साथ लाया जाता है, जबकि ज्यादातर स्कूलों में इसकी उपेक्षा की जाती है। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव एनएन सिन्हा सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।
image
COPYRIGHT @ 2016 DESHWANI. ALL RIGHT RESERVED.DESIGN & DEVELOPED BY: 4C PLUS